UPSC परीक्षा में देश भर में  तीसरा  रैंक हासिल कर  सौभाग्यवश मिला  था   हरियाणा कैडर — हेमंत  
 
अम्बाला   –  3 नवम्बर  2024  को हरियाणा सरकार के  कार्मिक विभाग द्वारा  जारी एक  आदेश  मार्फत  2018 बैच  के आई.ए.एस. सचिन गुप्ता   को मुख्य रूप से अतिरिक्त उपायुक्त (ए.डी.सी.) अम्बाला के पद पर  और उसके  साथ साथ उन्हें   डिस्ट्रिक्ट म्युनिसिपल कमिश्नर  (जिला नगर आयुक्त) के  पद  और  अम्बाला नगर निगम के कमिश्नर के पद का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है.
इसी बीच शहर के  निवासी एवं  हाईकोर्ट  एडवोकेट  हेमंत कुमार (9416887788) ने  बताया कि आज से डेढ़ वर्ष पूर्व मई,2023 में सचिन गुप्ता का अम्बाला के ए.डी.सी. पद से ही तबादला कर   उन्हें  पंचकूला के जिला नगर आयुक्त और पंचकूला  नगर निगम के कमिश्नर पद  पर भेजा गया था. इसी वर्ष अप्रैल, 2024 में सचिन को पंचकूला  के ए.डी.सी. पद का भी अतिरिक्त कार्यभार दिया गया था. वहीं अम्बाला जिले की निवर्तमान ए.डी.सी. महिला आईएएस अपराजिता को पंचकूला का जिला नगर आयुक्त,  नगर निगम कमिश्नर और साथ साथ जिले के  ए.डी.सी. का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है.
आज से सवा चार  वर्ष पूर्व अगस्त, 2020 में सचिन गुप्ता को सर्वप्रथम अम्बाला में बतौर शहर  एसडीएम (उप मंडल अधिकारी -नागरिक ) के तौर पर ही  तैनात किया गया था. इसके बाद  वर्ष 2021 में   उनके पास पहले  कुछ समय  के लिए अम्बाला  कैंट के एसडीएम का अतिरिक्त कार्यभार रहा और फिर  जुलाई, 2021 से सितम्बर, 2021  तक वह अम्बाला कैंट के नियमित एसडीएम भी तैनात  रहे थे.
ज्ञात रहे कि  दिसंबर, 2020 में  अंबाला शहर नगर निगम के  दूसरे आम चुनाव में सचिन गुप्ता को राज्य निर्वाचन आयोग, हरियाणा  द्वारा उन चुनाव के लिए  निर्वाचन अधिकारी ( रिटर्निंग अधिकारी- आर. ओ. ) भी बनाया गया था. हेमंत ने बताया कि अम्बाला की पूर्व और  तत्कालीन मेयर शक्ति रानी शर्मा  और नगर निगम आम चुनाव में  सभी निर्वाचित  20 सदस्यों को सचिन गुप्ता के हस्ताक्षर से ही निर्वाचन प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ था. उसी  दौरान सचिन को   समय समय पर अम्बाला सदर नगर परिषद के प्रशासक (एडमिनिस्ट्रेटर ) का अतिरिक्त  चार्ज भी दिया जाता रहा था.
बहरहाल, हेमंत ने बताया कि  मूल रूप से सिरसा जिले  के रहने वाले सचिन ने यू.पी.एस.सी. सिविल  सेवा परीक्षा 2017 -18 में   देश भर में तीसरा रैंक प्राप्त किया  था.  उस वर्ष  हरियाणा के हिस्से में कुल चार आईएएस  रिक्तियां   थीं   और चारो अनाराक्षिक कोटे से थीं  जिनमे एक  हरियाणा के  मूल निवासी (इनसाइडर ) के लिए  एवं तीन  रिक्तियां दूसरे राज्यों के निवासियों (आउटसाइडर )  के लिए थीं.
उस परीक्षा के फाइनल परिणाम में   हरियाणा की ही एक मूल   निवासी एवं  महिला अनु कुमारी, जिन्होंने  उस वर्ष  परीक्षा में पूरे देश में  दूसरा स्थान प्राप्त किया था अर्थात वह  सचिन  गुप्ता  से यूपीएससी परीक्षा के फाइनल परिणाम में एक रैंक ऊपर  थी,  परन्तु फिर भी उन्हें   हरियाणा की बजाए आईएएस का   केरल राज्य  कैडर अलाट किया गया  चूँकि अनु   निर्धारित समय पर अपनी प्राथमिकता  के  कैडर/जोन की वरीयता  नहीं सौंप पायी थी.
हालाकि अनु का तर्क  था  कि सिस्टम की  तकनीकी गड़बड़ी होने के कारण वह   ऐसा नहीं कर पायी थी  जिस कारण पहले उन्होंने पहले  कैट (केंद्रीय प्रशासनिक अभिकरण), मुख्य बेंच, दिल्ली और फिर  दिल्ली हाईकोर्ट गई जहाँ कोर्ट ने  उनकी  याचिका  स्वीकार कर ली गयी थी परन्तु इसके विरूद्ध   केंद्र सरकार  सुप्रीम कोर्ट गयी जहाँ अनु को  राहत नहीं मिली एवं इस प्रकार  वर्तमान में अनु  केरल कैडर और सचिन हरियाणा में आईएएस हैं.
अत: यह कहा जा सकता है कि सचिन को हरियाणा  आईएएस सौभाग्यवश ही प्राप्त हुआ था. आईएएस में चयनित हुए  हर सफल उम्मीदवार  की यही तमन्ना होती है कि वह अपने गृह प्रदेश के कैडर  में बतौर आईएएस अधिकारी शामिल  हो. इस प्रकार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2017 में पूरे देश में दूसरे रैंक पर रहने के बावजूद सोनीपत निवासी अनु हरियाणा कैडर में आईएएस अधिकारी नहीं बन सकी जबकि सिरसा निवासी सचिन को तीसरे रैंक पर होने बावजूद हरियाणा कैडर अलॉट हो गया.
हेमंत ने एक और रोचक जानकारी देते हुए बताया कि अम्बाला के मौजूदा  डी.सी. 2013 बैच के  आईएएस पार्थ गुप्ता  मूल रूप से बिहार राज्य  से  है. उन्हें हालांकि सर्वप्रथम हरियाणा नहीं बल्कि  ए.जी.एम.यूटी. कैडर मिला था परन्तु  हरियाणा निवासी एवं 2013 बैच की महिला आईपीएस अधिकारी आस्था मोदी से विवाह के कारण पार्थ गुप्ता का कैडर वर्ष 2015 में बदलकर हरियाणा का दिया गया था. आस्था मोदी इस समय जिला फतेहाबाद में बतौर एस.पी. तैनात हैं.

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