कुरुक्षेत्र, 27 अक्टूबर। रत्नावली महोत्सव के तीसरे दिन ऑडिटोरियम हॉल में हरियाणवी चौपाल का आयोजन किया जिसमें हरियाणा के लोक जीवन और सामाजिक मुद्दों को प्रमुखता से उठाया गया। पूरी विधा में हरियाणा की ग्रामीण संस्कृति की जीवंत झलक दिखाई दी। इस प्रतियोगिता में कलाकारों ने ग्रामीण जीवन की विचारशीलता, हास्य, और व्यंग्य के माध्यम से महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों को उजागर करने के साथ-साथ रोमांचक संवाद व मनोरंजक प्रस्तुतियों के जरिये दर्शकों का दिल जीता। चौपाल का उद्देश्य ग्रामीण संस्कृति को प्रदर्शित करना था, जिसमें हास्यपूर्ण व्यंग्य के जरिये सामाजिक मुद्दों पर रौशनी डाली गई और ग्रामीण जीवन के सरोकारों को आवाज़ दी गई। पहली प्रस्तुति में जींद इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, जींद ने राजनीतिक जिम्मेदारी पर एक शानदार प्रस्तुति दी, जिसमें जनहित में काम करने वाले नेताओं को चुनने की जरूरत को रेखांकित किया गया। दूसरी प्रस्तुति में आर.के. एस.डी. कॉलेज, कैथल ने सांस्कृतिक बदलाव को व्यंग्यपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया, जिसमें पश्चिमी संस्कृति, आधुनिक परवरिश, बदलते खान-पान और चुनाव प्रक्रिया पर प्रकाश डाला गया। गवर्नमेंट कॉलेज, जींद ने ग्रामीण भाईचारे और संस्कृति को दर्शाया, जिससे दर्शकों के मन में पुरानी यादें और अपनापन महसूस हुआ। गवर्नमेंट महिला कॉलेज, मतलौडा ने शिक्षा और बेरोजगारी के मुद्दे को उठाया, और यह बताया कि शिक्षा के माध्यम से बेरोजगारी को कैसे दूर किया जा सकता है, जिसमें हास्य का तड़का भी था। कार्यक्रम में 8 वर्षीय दिव्याना ने अपनी मोहक नृत्य प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया। एस.डी. पी.जी. कॉलेज, पानीपत और के.यू. कैंपस के छात्रों ने भी सामाजिक मुद्दों पर आधारित प्रस्तुतियाँ दीं, जिससे इस आयोजन में मनोरंजन के साथ-साथ सोचने के लिए विचारणीय मुद्दे भी शामिल हुए। यह कार्यक्रम परंपरा, हास्य और सामाजिक आलोचना का अनूठा संगम रहा। जोशीली प्रस्तुतियों और उत्साही भागीदारी ने हरियाणवी चौपाल को ग्रामीण हरियाणा की गतिशीलता और जीवंतता से सराबोर कर दिया। रत्नावली का तीसरा दिन सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव था, जो हमें समुदाय, परंपरा और तर्कशीलता की प्रासंगिकता की याद दिलाता है, खासकर आज के बदलते समय में।
हरियाणवी पगडी बांधो प्रतियोगिता में केयू कैम्पस टीम अव्वल, रागनी प्रतियोगिता में आरकेएसडी कॉलेज कैथल व सोलो डांस (पुरुष) में आर्य पीजी कॉलेज पानीपत ने मारी बाजी
गवर्नमेंट कॉलेज जींद को मिला प्रथम सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार व भारत कॉलेज लाडवा को प्रथम सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार
कुरुक्षेत्र, 27 अक्टूबर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग की ओर से आयोजित रत्नावली राज्य स्तरीय समारोह में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में हरियाणवी पगडी बांधो प्रतियोगिता में केयू कैम्पस टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त कर बाजी मारी। वहीं आरकेएसडी कॉलेज कैथल की टीम ने दूसरा व केएएम गवर्नमेंट कॉलेज नरवाना की टीम ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि बाबू की भूमिका निभाने के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार राजकीय महाविद्यालय, जींद को, कुर्ता पायजामा पहनकर मुख्य प्रवक्ता’ की भूमिका निभाने के लिए द्वितीय सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार के.यू. कैंपस टीम के छात्र ने प्राप्त किया। भारत कॉलेज ऑफ लॉ, लाडवा की छात्रा को विपक्ष की भूमिका बताने के अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री तथा आर.के.एस.डी. (पी.जी.) महाविद्यालय, कैथल की छात्रा को ‘डॉक्टर’ की भूमिका निभाने के लिए दूसरा सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार प्राप्त हुआ।
लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि रागनी प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार आर.के.एस.डी. (पीजी) कॉलेज, कैथल, द्वितीय पुरस्कार आर्य (पीजी) कॉलेज, पानीपत, तृतीय पुरस्कार एस.डी. (पीजी) कॉलेज, पानीपत, चतुर्थ पुरस्कार के.यू. कैम्पस टीम व पांचवां पुरस्कार आई.जी. (पीजी) महिला महाविद्यालय, कैथल ने प्राप्त किया। युगल रागनी प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार आर्य (पीजी) कॉलेज पानीपत, द्वितीय पुरस्कार आई.जी. (पीजी) महिला महाविद्यालय, कैथल, तृतीय पुरस्कार आर.के.एस.डी. (पीजी) कॉलेज कैथल, चतुर्थ पुरस्कार के.यू. कैम्पस टीम तथा पांचवां पुरस्कार एसयूएस गवर्नमेंट कॉलेज, मटक-माजरी करनाल ने प्राप्त किया।
प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि हरियाणवी पगड़ी बांधो प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार के.यू. कैम्पस टीम, द्वितीय पुरस्कार आर.के.एस.डी. (पीजी) कॉलेज, कैथल, तृतीय पुरस्कार के.एम. सरकार. कॉलेज, नरवाना ने प्राप्त किया। हरियाणवी भजन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार गुरु नानक खालसा कॉलेज, करनाल, द्वितीय पुरस्कार के.यू. कैंपस टीम, तृतीय पुरस्कार महाराणा प्रताप नेशनल कॉलेज, मुलाना, अंबाला ने, चौथा पुरस्कार राजकीय कॉलेज, सफीदों, जींद ने तथा पांचवां पुरस्कार आर.के.एस.डी. (पी.जी.) कॉलेज, कैथल ने प्राप्त किया।
हरियाणवी रीति-रिवाज प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार आर.के.एस.डी. (पी.जी.) कॉलेज, कैथल, द्वितीय पुरस्कार राजकीय महाविद्यालय, जींद तथा तृतीय पुरस्कार एस.डी. (पी.जी.) महाविद्यालय, पानीपत ने प्राप्त किया। एकल नृत्य (पुरुष) प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार आर्य (पी.जी.) कॉलेज, पानीपत, द्वितीय पुरस्कार एस.डी. (पी.जी.) कॉलेज, पानीपत ने तथा तृतीय पुरस्कार आर.के.एस.डी. (पी.जी.) कॉलेज, कैथल ने प्राप्त किया। लूर नृत्य हरियाणवी में प्रथम पुरस्कार आर्य (पी.जी.) कॉलेज, पानीपत ने, द्वितीय पुरस्कार एस.डी. (पी.जी.) कॉलेज, पानीपत व तृतीय पुरस्कार रू के.यू. कैंपस टीम ने प्राप्त किया।
प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि हरियाणवी कोरियोग्राफी में प्रथम पुरस्कार के.यू. कैंपस टीम ने, द्वितीय पुरस्कार आर.के.एस.डी. (पी.जी.) कॉलेज, कैथल ने तथा तृतीय पुरस्कार के.एम. राजकीय महाविद्यालय, नरवाना ने प्राप्त किया। पॉप सांग हरियाणवी प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार आर्य (पी.जी.) कॉलेज, पानीपत ने, द्वितीय पुरस्कार गुरु नानक खालसा कॉलेज, करनाल ने तथा तृतीय पुरस्कार रू के.यू. कैम्पस टीम ने प्राप्त किया।
प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि एकल नृत्य (महिला) प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार आई.बी. (पी.जी.) कॉलेज, पानीपत ने, द्वितीय पुरस्कार रू एस.डी. (पी.जी.) कॉलेज, पानीपत ने तथा तृतीय पुरस्कार एस.ए. जैन (पी.जी.) कॉलेज, अंबाला शहर ने प्राप्त किया। हरियाणवी लोक परिधान (पुरुष) प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार राजकीय महाविद्यालय, जींद ने, द्वितीय पुरस्कार के.यू. कैंपस टीम ने तथा तृतीय पुरस्कार महाराणा प्रताप राष्ट्रीय महाविद्यालय, मुलाना, अंबाला ने प्राप्त किया।
हरियाणवी लोक परिधान (महिला) प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार आई.जी. (पी.जी.) महिला महाविद्यालय, कैथल ने, द्वितीय पुरस्कार एम.डी.एस.डी. कॉलेज, अंबाला शहर ने तथा तृतीय पुरस्कार के.यू. कैंपस टीम तथा सी.आई.एस. कन्या महाविद्यालय, ढांड डडवाना, कैथल की टीम ने संयुक्त रूप से प्राप्त किया। हरियाणवी फैशन शो प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार के.यू. कैम्पस टीम ने, द्वितीय पुरस्कार आर.के.एस.डी. (पी.जी.) कॉलेज, कैथल न तथा तृतीय पुरस्कार आई.जी. (पीजी) महिला महाविद्यालय, कैथल ने प्राप्त किया। हरियाणवी ऑर्केस्ट्रा प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार के.यू. कैम्पस टीम ने, दूसरा पुरस्कार एस.यू.एस. गवर्नमेंट कॉलेज, मटक माजरी, करनाल ने तथा तृतीय पुरस्कार आर.के.एस.डी. (पीजी) कॉलेज, कैथल ने प्राप्त किया।. हरियाणवी लोक-गीत प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार के.यू. कैम्पस टीम ने, दूसरा पुरस्कार महाराणा प्रताप नेशनल कॉलेज, मुलाना, अंबाला ने, तीसरा पुरस्कार गुरु नानक खालसा कॉलेज, करनाल ने, चौथा पुरस्कार आर.के.एस.डी. (पीजी) कॉलेज, कैथल ने तथा पांचवां पुरस्कार आर्य (पीजी) कॉलेज, पानीपत ने प्राप्त किया।
उन्होंने बताया कि हरियाणवी गजल प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार के.यू. कैंपस टीम ने, द्वितीय पुरस्कार गुरु नानक खालसा कॉलेज, करनाल ने, तृतीय पुरस्कार आर्य (पी.जी.) कॉलेज, पानीपत ने, चौथा पुरस्कार आर.के.एस.डी. (पी.जी.) कॉलेज, कैथल ने तथा पांचवां पुरस्कार राजकीय कॉलेज, नारायणगढ़, अंबाला ने प्राप्त किया। मोनो एक्टिंग प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार राजकीय कॉलेज, जींद ने, द्वितीय पुरस्कार आर.के.एस.डी. (पी.जी.) कॉलेज, कैथल ने तथा तृतीय पुरस्कार एस.डी. (पी.जी.) कॉलेज, पानीपत ने प्राप्त किया। टिट बिट्स प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार आर.जी.एम. कॉलेज, उचाना ने, द्वितीय पुरस्कार आर.के.एस.डी. (पी.जी.) कॉलेज, कैथल ने तथा तृतीय पुरस्कार के.यू. कैंपस टीम ने प्राप्त किया हरियाणवी क्विज प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार राजीव गांधी राजकीय कॉलेज, जींद, द्वितीय पुरस्कार आर.के.एस.डी. (पी.जी.) कॉलेज, कैथल तथा तीसरा पुरस्कार पी.सी.एल.एस. गवर्नमेंट कॉलेज, करनाल ने प्राप्त किया। लघु फिल्म (हरियाणवी में या हरियाणा पर) प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार चौ. रणवीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद, द्वितीय पुरस्कार गवर्नमेंट कॉलेज, जींद तथा तृतीय पुरस्कार आर.के.एस.डी. (पी.जी.) कॉलेज, कैथल ने प्राप्त किया। पुरानी प्राचीन हरियाणवी संग्रह प्रदर्शनी के लिए प्रथम पुरस्कार के.यू. कैंपस टीम व आर.के.एस.डी. (पी.जी.) कॉलेज, कैथल की टीम ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। इसके साथ ही हरियाणवी स्किट प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार गवर्नमेंट कॉलेज, जींद, द्वितीय पुरस्कार आर.के.एस.डी. (पी.जी.) कॉलेज, कैथल तथा तृतीय पुरस्कार गवर्नमेंट कॉलेज फॉर विमेन, मडलौडा, पानीपत ने प्राप्त किया।
हरियाणा की बात सबसे निराली…. मीठे-मीठे बोल
सामन आया री सखी झूम केे
हरियाणवी समूह गीत प्रतियोगिता में हरियाणा की लोक संस्कृति दिखाई दी
कुरुक्षेत्र, 27 अक्टूबर। हरियाणवी संस्कृति की मिठास और लोक धुनों की गूंज ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ओपन एयर थिएटर में ऐसा समां बांधा की हर दिल हरियाणा की मिट्टी की महक से भर गया। रत्नावली महोत्सव के तीसरे दिन हरियाणवी समूह गीतों की प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को लोकसंगीत की सादगी और समृद्धि से रूबरू कराया। हरियाणवी संस्कृति की छठ बिखेरते हुए एक विशेष कार्यक्रम समूह गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस आयोजन में विभिन्न थीम पर आधारित प्रस्तुतियां दी गई जिनमें सावन का गीत, विदाई, फागण का गीत और तीज का त्योहार जैसी परंपरागत धुनों और गीतों ने दर्शकों का मन मोह लिया जिसमें राजीव गांधी महिला महाविद्यालय, उचाना, जींद (हरियाणा की बात निराली), एसडीएस गवर्नमेंट कॉलेज खरखौदा ,पिपली (बाबुल के आंगन में छोड़ आई बचपन) , केयू कैम्पस (सामन आया री सखी झूम क) , आरकेएसडी पीजी कॉलेज कैथल(छाई घटा घनगौर) , स्टेट इंस्ट्टियूट आफ एडवांस स्टडीज़ टीचर एजुकेशन, कुरुक्षेत्र ( सामन आया री झूमण चाल्यो बहन बागों में ), एसडी पीजी कॉलेज पानीपत( फागण के दिन चार री सखी), आर्य पीजी कॉलेज पानीपत(आया तीजा का त्योहार) गाकर खूब वाह-वाही लूटी।
कार्यक्रम के निर्णायक मंडल में डॉक्टर रमाकांता (हरियाणवी लोक गायक) व इंदर सिंह लांबा सम्मिलित रहे। इसके साथ पंडित लख्मीचंद फिल्म के मशहूर गायक संदीप शर्मा जिन्होंने स्वर्गीय दादा लख्मीचंद को याद करते हुए दादा लख्मीचंद हमारा यो फिर त सांग दिखावण आया की विशेष प्रस्तुति दी। हरियाणा संस्कृति के संरक्षण के लिए संदीप शर्मा द्वारा बोली गई पंक्ति किसी के जख्मों पर चाहत से पट्टी कौन बांधेगा, अगर बहने नहीं होगी तो राखी कौन बांधेगा , बड़े बुजुर्गों का होना जरूरी है अगर बुजुर्ग नहीं होंगे तो पगड़ी कौन बांधेगा। कार्यक्रम के अंत में दर्शकों ने हरियाणवी गीतों का आनंद उठाया और कलाकारों की प्रस्तुतियों की सराहना की।
ऑन-द-स्पॉट पेंटिंग प्रतियोगिता में ग्रामीण परिवेश, हरियाणवी परिधान एवं लोक नृत्य हुए जीवंत
कुरुक्षेत्र, 27 अक्टूबर। हरियाणा के सांस्कृतिक महोत्सव रत्नावली के तीसरे दिन क्रश हॉल में ऑन-द-स्पॉट पेंटिंग प्रतियोगिता में हरियाणवी संस्कृति के दर्शन हुए। ऑन-द-स्पॉट पेंटिंग प्रतियोगिता द्वारा प्रतिभागियों ने ग्रामीण परिवेश, हरियाणवी परिधान एवं लोक नृत्य को जीवंत कर दिया। ऑन-द-स्पॉट पेंटिंग प्रतियोगिता में कुल 24 प्रतिभागियों ने भाग लिया। ऑन-द-स्पॉट पेंटिंग प्रतियोगिता ‘हरियाणवी संस्कृति’ विषय रखा गया जिसमें छात्रों ने अपने कौशल का प्रदर्शन करते हुए हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को कला के माध्यम से उजागर किया। सभी प्रतिभागियों ने विभिन्न शैलियों में अपनी कृतियों को प्रस्तुत किया जिसमें पारंपरिक हरियाणवी परिधान, ‘लोक नृत्य’ और स्थानीय त्योहारों के रंग देखने को मिले।
प्रदर्शनी में माता सुंदर कॉलेज करनाल के प्रतिभागी अवनीत और जागिल ने अपने चित्रों के माध्यम से हरियाणा की सांस्कृतिक छवि को प्रस्तुत किया। अवनीत ने अपनी पेंटिंग में हरियाणा के पारंपरिक नृत्य और संगीत को बखूबी उकेरा है। उनके चित्र में दर्शाए गए लोक कलाकारों की भव्यता ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं प्रतिभागी जागिल ने अपनी पेंटिंग में हरियाणवी त्योहारों का जीवंत चित्रण किया। वहीं आरकेएसडी कॉलेज, कैथल के प्रतिभागी मुकेश ने अपनी पेंटिंग के माध्यम से माता अहोई की महिमा का वर्णन किया। उनकी चित्रकला में माता अहोई की पूजा का दृश्य और उस समय की पारंपरिक रीतियों को दर्शाया गया है। इस पेंटिंग ने न केवल धार्मिक भावनाओं को छू लिया, बल्कि सांस्कृतिक परंपराओं को भी उजागर किया।
राजकीय कॉलेज जींद के प्रतिभागी राहुल ने अपने चित्र में एक वृद्ध व्यक्ति का चेहरा उकेरा, जो हरियाणा की मेहनती और समर्पित जनता का प्रतीक है। प्रतिभागी ने अपनी पेंटिंग में वृद्ध व्यक्ति की आंखों में जीवन के अनुभवों की गहराई को झलकना प्रदर्शित किया। वहीं आईजी कॉलेज से रवीना ने अपनी पेंटिंग में एक तबला वादक और दो महिलाओं को दर्शाया। उनकी पेंटिंग में संगीत और नृत्य का अद्भुत संगम दिखाई दिया।
इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट्स विभाग के प्रतिभागी कुणाल ने अपने चित्र में एक गांव का दृश्य प्रस्तुत किया, जिसमें खेती और ग्रामीण जीवन के तत्व शामिल थे। उनके चित्र ने दर्शकों को हरियाणा के शांत और खूबसूरत ग्रामीण जीवन की झलक दिखाई, जिसमें हरियाणवी सभ्यता की गहराई और आत्मीयता को महसूस किया जा सकता था। इस प्रदर्शनी में सभी चित्रकारों ने अपने-अपने माध्यम से हरियाणा की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित किया। उनकी कला ने दर्शकों को न केवल मनोरंजन प्रदान किया, बल्कि हरियाणवी संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को भी समझने का अवसर दिया। प्रदर्शनी का उद्देश्य युवाओं को अपनी सांस्कृतिक विरासत के प्रति जागरूक करना और उन्हें अपनी कला के माध्यम से अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करना था। इस चित्रकला प्रदर्शनी ने हरियाणा की सांस्कृतिक विविधता को एक नई पहचान दी है जिससे युवा कलाकारों को भी विशेष पहचान मिली जिन्होंने दर्शकों के दिलों में हरियाणवी संस्कृति के प्रति एक नई संवेदना को आगे बढ़ाना का कार्य किया।