दो दिवसीय राज्यस्तरीय कला उत्सव शुरू,लोक संस्कृति के रंगों में सराबोर रहा सैनी समाज भवन का परिसर, मंत्री कृष्ण बेदी बुधवार को करेंगे विजेताओं को पुरस्कृत
कुरुक्षेत्र 22 अक्टूबर। हरियाणा विद्यालय शिक्षा योजना परिषद व समग्र शिक्षा अभियान द्वारा आयोजित राज्यस्तरीय कला उत्सव मंगलवार को सैनी समाज भवन में शुरू हुआ, इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी विनोद कौशिक ने शिरकत की।
उन्होंने कहा कि यह कला उत्सव विद्यार्थियों की कला व हुनर को निखारने के मंच बना है और हरियाणा के विद्यार्थी देश मे भी अपनी कला का लोहा मनवा रहे हैं। गत वर्ष राष्ट्रीय स्तर भी हरियाणा की टीम प्रथम स्थान पर रही थी। उद्घाटन अवसर पर समग्र शिक्षा की जिला परियोजना समन्वयक संतोष शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया तथा कला उत्सव की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि बुधवार को सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री कृष्ण बेदी समापन अवसर पर विजेताओं को पुरस्कार वितरित करेंगे।
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी विनोद कौशिक ने कहा कि कुरुक्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र के रूप में उभर रहा और आए दिन होने वाली इन गतिविधियों से इस पहचान को और मजबूती मिलती है। शिक्षा व सांस्कृतिक गतिविधियों से न केवल विद्यार्थियों में संस्कार बढ़ते हैं बल्कि लुप्त होती लोक कलाएं भी और जीवंत होती हैं। शिक्षा विभाग को शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देना चाहिए। शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों का समग्र एवं सर्वांगीण विकास करना होता है, जिसमें उसके शारीरिक व बौद्धिक विकास के साथ सांस्कृतिक विकास भी शामिल है। विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति व संस्कार के प्रति जोडक़र उनमें मानवीय मूल्यों का विकास करना हैं। ये स्पर्धाएं विद्यार्थियों की प्रतिभा को निखार देती है।
समग्र शिक्षा के जिला परियोजना समन्वयक संतोष शर्मा ने आज के विद्यार्थियों में विलक्षण प्रतिभा है। इस प्रतिभा को सही दिशा देने के लिए शिक्षा विभाग समय समय पर अनेक गतिविधियों का आयोजन करता है। डीपीसी सन्तोष शर्मा ने बताया कि कला उत्सव, स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसे 2015 में लॉन्च किया गया था। कला उत्सव का उद्देश्य माध्यमिक स्तर के छात्रों की कलात्मक प्रतिभा को बढ़ावा देना और प्रदर्शित करना है। यह वार्षिक कार्यक्रम छात्रों को विभिन्न स्तरों-स्कूल, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कला और सांस्कृतिक विविधता का पता लगाने और उसका जश्न मनाने के लिए एक मंच प्रदान करता है। यह आयोजन केवल एक बार की गतिविधि नहीं है; यह छात्रों की कलात्मक प्रतिभा को पहचानने, तलाशने, समझने, अभ्यास करने, विकसित करने और प्रदर्शित करने की एक व्यापक प्रक्रिया शुरू करता है। ख्याति प्राप्त कलाकार पद्मश्री महावीर गुड्डू ने शंख ध्वनि से उत्सव का आगाज किया। मंच संचालन सतबीर कौशिक ने किया। इस अवसर पर बीईओ थानेसर इंदु कौशिक, बीईओ लाडवा हरदीप कौर, बीईओ बाबैन संतोष चौहान, प्रिंसिपल रणबीर सिंह रामपुरा, रामराज, अश्विनी कौशिक, रामपाल सिरोहा, एपीसी क्रांति चावला, राजेश कुमार, प्रदीप सहित अनेक अधिकारी उपस्थित थे।
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6 विधाओं में 500 छात्र कर रहे प्रतिभा प्रदर्शन
कला उत्सव में 22 जिलों से लगभग 500 प्रतिभागी छात्र लोक कलाओं का प्रदर्शन कर रहे हैं। इन विधाओं में लोक संगीत गायन व वादन, लोकनृत्य, स्टोरी टेलिंग, थिएटर व परिदृश्य कलाएं शामिल हैं। सैनी समाज भवन परिसर में कलाओं के प्रदर्शन के लिए तीन मंच सजाए गए हैं।
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विशेषज्ञ कर रहे हैं प्रदर्शन का आकलन
राज्यस्तरीय कला उत्सव में सही आकलन के लिए राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कला पारखियों को निर्णायक मंडल में शामिल किया गया है। पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त महावीर गुड्डू, डॉ कमला कौशिक, डॉ पुरुषोत्तम, जनार्दन शर्मा, शिव कुमार, प्रो. जयनारायण सहित विश्वविद्यालय स्तर के प्राध्यापक विद्यार्थियों के प्रदर्शन का आकलन कर रहे हैं।
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10 टीमें कर रही हैं प्रबंधन
कला उत्सव के सुचारू संचालन व प्रतिभागियों की सुविधा के लिए 10 से अधिक टीमों का गठन किया गया है। भोजन, आवास से लेकर पंजीकरण, परिवहन तक के लिए गठित टीमें छात्रों की सुख-सुविधा का विशेष ध्यान रख रही हैं।