चंडीगढ़ — 17 अक्टूबर पंचकूला के सेक्टर 5 दशहरा ग्राउंड में आयोजित एक भव्य समारोह में नायब सिंह सैनी, जो इसी वर्ष 12 मार्च को पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे, ने एक बार पुन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केन्द्रीय मंत्रियों और देश के डेढ़ दर्जन प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों आदि की उपस्थिति में प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद और गोपनीयता की शपथ ले ली है. उनके साथ शपथ लेने वाले मंत्रियों में अंबाला कैंट से इस बार 7 वीं विधायक के तौर पर निर्वाचित अनिल विज, कृष्ण लाल पंवार, राव नरबीर सिंह, महिपाल ढांडा, विपुल गोयल, डा. अरविंद कुमार शर्मा और श्याम सिंह राणा, रणबीर गंगवा, कृष्ण कुमार बेदी, श्रुति चौधरी, आरती सिंह राव एवं दो राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नामतः राजेश नागर और गौरव गौतम शामिल हैं
15 वीं हरियाणा विधानसभा के गठन के लिए हाल ही में सम्पन्न हुए आम चुनाव के नतीजों में, जिसमें हरियाणा में गत 10 वर्ष से सत्तासीन भाजपा ने अप्रत्याशित 48 सीटें जीतकर सबको आश्चर्यचकित करते हुए स्वयं अपने दम पर 90 सदस्यीय राज्य विधानसभा में स्पष्ट बहुमत हासिल किया, उसके नव-निर्वाचित विधायकों द्वारा सर्वसम्मति से बुधवार 16 अक्टूबर को नायब सैनी को विधायक दल का नेता चुना गया जिससे उन्होंने दोबारा प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की बागडोर संभाली है.
इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट और संवैधानिक मामलों के जानकार हेमंत कुमार ( 9416887788) ने बताया कि हालांकि गत माह 12 सितम्बर को तत्कालीन 14वीं हरियाणा विधानसभा के समय पूर्व भंग होने के कारण नायब सैनी उसी दिन से कार्यवाहक मुख्यमंत्री बन गये थे हालांकि तब उन्होंने मुख्यमंत्री पद से अपना त्यागपत्र राज्यपाल को नहीं सौंपा था जो उन्होंने गत दिवस 16 अक्तूबर को राज्यपाल को सौंपा.
बहरहाल, आज 17 अक्टूबर को प्रदेश के राज्यपाल द्वारा नायब सिंह सैनी को देश के संविधान के अनुच्छेद 164(1) के अंतर्गत प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर नियुक्त करने और तत्पश्चात उसके लिए पद और गोपनीयता की शपथ दिलाने के दृष्टिगत प्रदेश के मंत्रिमंडल सचिवालय द्वारा नायब सैनी के मुख्यमंत्री नियुक्त होने सम्बन्धी एक ताज़ा नोटिफिकेशन जारी की जायेगी एवं उसके बाद मुख्यमंत्री सैनी के परामर्श पर प्रदेश में कैबिनेट एवं राज्य मंत्रियों के नियुक्त करने संबंधी नोटिफिकेशन भी जारी होगी.
बहरहाल, हेमंत ने आगे बताया कि रोचक बात यह है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के बाद नायब सैनी प्रदेश के दूसरे ऐसे मुख्यमंत्री बन गये हैं जो प्रदेश के तीन अलग अलग विधानसभा सीटों से विधायक निर्वाचित हो चुके हैं जिनमें अम्बाला जिले की नारायणगढ वि.स. सीट, करनाल शहरी वि.स. हलका और कुरुक्षेत्र जिले की लाडवा वि.स. सीट शामिल है. हालांकि इसके साथ साथ वह कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से भी एक कार्यकाल के लिए सांसद रह चुके हैं. जहाँ तक पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला का विषय है, वह प्रदेश की पांच अलग अलग वि.स. सीटों से विधायक रह चुके हैं.
हेमंत ने आगे बताया कि आज से ठीक 15 वर्ष अक्टूबर, 2009 में जब 12वी प्रदेश विधानसभा के लिए आम चुनाव हुए, तो उसमें नायब सैनी, जिनका गृह जिले अम्बाला है, ने अपने राजनीतिक जीवन का पहला चुनाव भाजपा के टिकट पर अम्बाला जिले के ही नारायणगढ़ वि.स. हलके से ही लड़ा था जिसमें उन्हें कुल 8082 वोट ही प्राप्त हुए थे जो 6.96 % प्रतिशत वोट बनते थे और इस कारण वह अपने पहले चुनाव में ज़मानत राशि भी नहीं बचा पाए थे. उस चुनाव में वह पांचवें स्थान पर रहे थे एवं तब कांग्रेस के राम किशन ने वो चुनाव जीता था.
हालांकि उसके 5 वर्ष पश्चात अक्तूबर, 2014 में भाजपा से दोबारा चुनाव लड़ते हुए नायब सैनी ने नारायणगढ़ वि.स. सीट से ही कांग्रेस के राम किशन को 24 हजार 361 वोटों के विशाल अंतर से पराजित किया और पहली बार विधायक बने. उस चुनाव में नायब सैनी को 39.79 % प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे. उसके नौ माह बाद जुलाई, 2015 में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में हरियाणा की पहली भाजपा सरकार में नायब सैनी को राज्य मंत्री भी बनाया गया था एवं वह जून, 2019 तक उस पद पर रहे थे.
मई, 2019 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए नायब सैनी ने कुरुक्षेत्र लोकसभा हलके से कांग्रेस के चौधरी निर्मल सिंह, जो अभी हाल ही में अम्बाला शहर वि.स. सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए हैं. को 3 लाख 84 हजार 591 वोटों के विशाल अंतर से हराया एवं पहली बार लोकसभा सांसद बने.