करनाल, 11 अक्तूबर। जिला के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. वजीर ने बताया की पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए लगातार हो रहे प्रयासों के बावजूद कुछ  घटनाएं सामने आने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सख्त रूख अपनाया गया है तथा पराली जलाने वालों पर एफआईआर के साथ-साथ गिरफ्तारी के निर्देश दिए गये हैं। इसी के मद्देनजर विभाग द्वारा फील्ड में, विशेष रूप से अवकाश के दिनों में किसानों द्वारा पराली जलाने की घटनाओं को ज्यादा अंजाम देने की आशंका के मद्देनजर सतर्कता बढ़ा दी गई है।
उन्होंने बताया कि पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिये जिला प्रशासन भी पूरी निगरानी रख रहा है। विभाग का पूरा प्रयास है कि ऐसी घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगे। जानकारी अनुसार सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि पराली जलाने की कोई घटना न हो। सीपीसीबी की ओर से नियुक्त पर्यवेक्षक द्वारा भी लगातार फील्ड का निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शनिवार और रविवार को अवकाश होने की वजह से पराली में आगजनी की घटनाएं बढऩे की आशंका है। इसलिए प्रशासन के सहयोग से अन्य विभागों से भी स्टाफ  लेकर गांव स्तर पर 550 कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई है। उन्होंने बताया कि विभाग का पूरा प्रयास है कि कोई भी किसान पराली न जलाये और जुर्माना या किसी प्रकार की कानूनी कार्यवाही उस पर न हो। फिर यदि कोई किसान बार-बार समझाने के बावजूद नहीं मानता है तो पुलिस विभाग द्वारा भी उसके विरूद्ध नियमानुसार उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे पराली में आग न लगाएं। साथ ही फील्ड में तैनात स्टाफ  से भी अनुरोध किया कि अवकाश के दिनों में विशेष सतर्कता बरतें। ड्यूटी से गैर हाजिर न रहें वरन उचित कार्यवाही की जायेगी।

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