इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास को लेकर तीसरा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 14-15 अक्टूबर को
भारतीय नौसेना के उप-नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल तरुण सोबती होंगे मुख्यातिथि
कुरुक्षेत्र, 07 अक्टूबर।
 कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय इंडो-पैसिफिक क्षेत्र से जुड़े अहम मुद्दों पर उच्च स्तरीय तीसरी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंडो-पैसिफिक स्टडीज व भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के इंडो-पैसिफिक डिवीजन के संयुक्त तत्वावधान में 14 व 15 अक्टूबर को केयू सीनेट हॉल में ‘इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास’ पर आयोजित होने वाले इस उच्चस्तरीय दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दुनिया भर के शिक्षाविद, सरकार, सेना एवं विद्वतजन विचार-विमर्श साझा करेंगे। इस अवसर पर भारतीय नौसेना के उप-नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल तरुण सोबती मुख्यातिथि होंगे।
कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने बताया कि यह दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन भारत-प्रशांत क्षेत्र से संबंधित राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक नीतियों को आकार देने में मील का पत्थर साबित होगा जिसमें भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहकारी और सहयोगात्मक, समुद्री सुरक्षा संबंधी गतिविधियों को विकसित करने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में सतत नीली अर्थव्यवस्था, महासागर लेखांकन, समुद्री विशेष योजना व भारत-प्रशांत क्षेत्र में जलवायु-लचीलापन और सतत विकास प्राप्त करने में त्वरित तकनीकी परिवर्तन की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके साथ ही दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन हिंद-प्रशांत और भारतीय महासागरों में समुद्री संसाधनों को कैसे प्रभावित करता है तथा किस प्रकार क्षेत्रीय अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और बहुपक्षवाद द्वारा जलवायु परिवर्तन को कम करके इसके अनुकूल नीतियों बनाने पर गहन मंथन होगा।
केयू इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंडो-पैसिफिक स्टडीज के निदेशक प्रो. वीएन अत्री ने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में आईपीईएफ के 14 देशों के सतत विकास लक्ष्य के अंतर्गत अर्थव्यवस्थाओं के लिए लचीलापन, शांति एवं स्थिरता, समावेशिता, आर्थिक विकास, निष्पक्षता एवं आपसी सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा तथा आपसी सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में उभरा है। आईओआरए, एशियन व जी-20 जैसी संस्थाओं के सहयोग से आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य शांति, सुरक्षा और सतत विकास को बढ़ावा देकर सहायोग की भावना विकसित करना है ताकि भविष्य में इस क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का सामना मिलकर किया जा सके। यह सम्मेलन भारत की हिंद-प्रशांत महासागर पहल और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने की भूमिका को भी रेखांकित करेगा।
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अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारियों को लेकर बैठक 10 को

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 14 व 15 अक्टूबर को केयू सीनेट हॉल में ‘इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास’ पर आयोजित होने वाले उच्चस्तरीय दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारियों को लेकर कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा की अध्यक्षता में 10 अक्टूबर को 3 बजकर 30 मिनट पर कमेटी रूम में अहम बैठक होगी। लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि इस बैठक में कुवि कुलसचिव प्रोफेसर संजीव शर्मा सहित केयू अधिष्ठाता, निदेशक एवं विभागाध्यक्ष मौजूद होंगे तथा बैठक में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के सफलतम आयोजन के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा।

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