दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में 265 पोलिंग पार्टियों को मॉक पोल, टेंडर वोट, चैलेंज्ड वोट, विभिन्न फार्मों से कराया अवगत

नीलोखेड़ी/करनाल 01 अक्तूबर, रिटर्निंग अधिकारी एवं एसडीएम अशोक कुमार ने कहा कि निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव के लिए पोलिंग स्टाफ को चुनावी प्रक्रिया के हर पहलू की जानकारी होना आवश्यक है। पोलिंग स्टाफ हर स्थिति से निपटने में सक्षम होना चाहिए। आरओ अशोक कुमार ने मंगलवार को दयाल सिंह कॉलेज के सभागार में पोलिंग पार्टियों को प्रशिक्षण के दौरान संबोधित कर रहे थे। एसडीएम ने बताया कि पांच अक्तूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पोलिंग पार्टियों को दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण शिविर में 265 पोलिंग पार्टियों को चुनावी प्रक्रिया की जानकारी दी गई। इन पोलिंग पार्टियों मेें पीठासीन अधिकारी, सहायक पीठासीन अधिकारी तथा पोलिंग स्टाफ शामिल रहा। उन्होंने बताया कि नीलोखेड़ी विधानसभा में कुल 230 पोलिंग बूथ हैं। इनके लिए 35 पोलिंग पार्टियां रिजर्व में रखी गई हैं।
उन्होंने मॉक पोल, टेंडर वोट, चैलेंज्ड वोट, विभिन्न प्रकार के प्रपत्र समेत चुनाव प्रक्रिया संबंधी विभिन्न पहलुओं की बारीकी से जानकारी दी। मतदान शांतिपूर्वक, व्यवस्थित एवं पारदर्शिता से संपन्न कराने में पीओ की अहम भूमिका है। मतदान के दिन यदि कोई व्यक्ति वोटिंग प्रक्रिया में बाधा डालता है तो उसे मतदान कक्ष से बाहर जाने अथवा पुलिस के हवाले कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मतदान कक्ष में ईवीएम को ऐसे स्थान पर रखा जाये जहां उस पर सीधी रोशनी न पड़े और पास में खिडक़ी भी न हो। मतदान कक्ष में मतदान के लिये आने-जाने वास्ते अलग-अलग दरवाजे होंं। उन्होंने कहा कि पीओ के साथ उनकी टीम में एपीओ और दो मतदान अधिकारी भी शामिल रहेंगे।
उन्होंने बताया कि चुनाव लड़ रहे हर प्रत्याशी की ओर से हर बूथ पर एक चुनावी एजेंट नियुक्त किया जा सकता है। एजेंट के लिये यह जरूरी है कि वह उस क्षेत्र का मतदाता हो। पीओ के लिए जरूरी है कि वह पोलिंग एजेंट का आईडी प्रूफ जांचे तथा जिन प्रपत्रों अथवा सील पर जरूरी हो वहां एजेंट के हस्ताक्षर कराये। उन्होंने पोलिंग पार्टियों को मतदान के दौरान मतदाता को लगाई जाने वाली स्याही से संबंधित प्रक्रिया की भी विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मतदान से 90 मिनट पहले पोलिंग एजेंट की मौजूदगी में मॉक पोल प्रक्रिया आरंभ होने चाहिये। यदि किसी कारणवश एजेंट समय पर नहीं पहुंचता है तो 15 मिनट इंतजार के बाद सेक्टर सुपरवाइजर की मौजूदगी में इसे शुरू किया जा सकता है। मॉक पोल में हर प्रत्याशी को कम से कम एक वोट डालते हुए 50 मत डालना जरूरी है। मॉक पोल के दौरान डाले गये वोट और वीवीपैट से निकलने वाली पर्चियों व कंट्रोल यूनिट में कुल वोटों का मिलान होने पर पोलिंग एजेंट के दस्तखत अवश्य करायें तथा इसका रिकार्ड रखें। उन्होंने बताया कि नेत्रहीन व्यक्ति सहायक को वोटिंग कंपार्टमेंट तक ला सकता है। उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति पर्ची जारी होने और अंगुली पर स्याही लगवाने के बाद वोट डालने से इंकार कर दे तो उसका रिकार्ड भी निर्धारित फार्म में दर्ज करें और जारी की गई पर्ची को भी संभाल कर रखें।
उन्होंने बताया कि मॉक पोल के दौरान यदि सीयू (कंट्रोल यूनिट), बीयू (बैलेट यूनिट) अथवा वीवीपैट खराब होती है तो केवल खराब यूनिट को ही बदला जाये। यदि मतदान के दौरान तीनों में से कोई भी एक खराब होती है तो पूरा सेट (बीयू, सीयू व वीवीपैट) को बदला जाये। ऐसी स्थिति में मॉक पोल की प्रक्रिया पुन: दोहराई जाये। उन्होंने पीओ को छह प्रकार के लिफाफों और उनमें डाले जाने वाले प्रपत्रों की विस्तृत जानकारी दी।

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