वोट बराबरी की स्थिति में निर्णायक वोट देने का प्रावधान नहीं, लॉटरी सिस्टम से होगा विजेता का निर्णय — हेमंत
चंडीगढ़ – आगामी 8 दिसम्बर को निर्धारित अम्बाला नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर ( वरिष्ठ उप महापौर ) और डिप्टी मेयर ( उप महापौर )  हेतु  निर्वाचन में मेयर शक्ति रानी शर्मा  नगर निगम के शेष 20 सदस्यों ( पार्षदों ) जैसे  एक ही वोट डाल सकेंगी. उपरोक्त चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के मत बराबर होने की परिस्थिति में मेयर को निर्णायक मत ( कास्टिंग वोट) देने का प्रावधान नहीं है.
इस संबंध में जानकारी देते हुए शहर निवासी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि हरियाणा नगर निगम निर्वाचन नियमावली, 1994 के नियम संख्या 73 में उल्लेख है कि यदि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के दौरान उम्मीदवारों के मतों की संख्या बराबर होती है तो उस स्थिति में उक्त पदों के चयन के लिए बैठक की अध्यक्षता कर रहे व्यक्ति द्वारा लाटरी डालकर निर्णय लिया जाएगा तथा जिस उम्मीदवार की लाटरी निकलेगी, उसे अतिरिक्त मत प्राप्त हुआ समझा जाएगा.
हेमंत ने आगे बताया कि  नगर निगम निर्वाचन  नियमावली, 1994 में सीनियर डिप्टी और डिप्टी मेयर का चुनाव करवाने के लिए नियम  संख्या 71(2) में केवल नगर निगम कमिश्नर को ही स्पष्ट तौर पर अधिकृत किया गया है जो इस सम्बन्ध  में मेयर और नगर निगम सदस्यों को 48 घंटे का नोटिस भिजवाकर बैठक बुलाएगा जिस बैठक की अध्यक्षता  नगर निगम मेयर द्वारा होगी एवं  उसमें नगर निगम कमिश्नर की उपस्थिति रहेगी.
हालांकि हेमंत ने बताया कि उक्त  1994 निर्वाचन नियमावली के नियम  संख्या 72 में, जो उक्त दोनों पदो के चुनावों में वोटिंग (मतदान) से संबंधित है, में डिवीजनल कमिश्नर (मंडल आयुक्त) का भी उल्लेख किया गया  है. उसमें उल्लेख है कि उक्त दोनों पदों के निर्वाचन हेतु अगर प्रस्तावित उम्मीदवारों की संख्या एक से अधिक है, तो वोट डालकर चुनाव किया जाएगा.   उपस्थित सदस्य मतपत्र पर हां या ना लिखकर वोट डाल सकेंगे. अधिकतम वोट लेने वाले उम्मीदवार को निर्वाचित घोषित किया जाएगा. ऐसे मतदान हेतु विशेष मतपत्र का प्रयोग किया जाएगा जिस पर मंडल आयुक्त द्वारा सरकारी मार्क लगाया जाएगा.
यही नहीं मतदान में प्रयुक्त किए  गए ऐसे विशेष बैलट पेपर्स को एक वर्ष तक सुरक्षित रखना भी डिवीजनल कमिश्नर की ही जिम्मेदारी हैगी. इस प्रकार उक्त चुनाव  में  दोनों अधिकारियों अर्थात नगर निगम कमिश्नर और डिवीजनल कमिश्नर  की भूमिका है.
गत अक्टूबर माह में तत्कालीन  नगर निगम कमिश्नर  नेहा सिंह द्वारा हस्ताक्षरित एक एफिडेविट पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दिया गया था  जिसके फलस्वरूप आगामी 10 दिसम्बर  से पूर्व उक्त दोनों पदों हेतु  चुनाव करवाए जा रहे हैं जो हालांकि पिछले करीब  दो वर्षों  से लंबित है. हाईकोर्ट में इस मामले  की अगली सुनवाई 15 दिसम्बर 2022 को होगी. ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि अगर  हाईकोर्ट में यह मामला न पहुंचता, तो संभवतः उक्त दोनों पदों का चुनाव अभी और लटकता रहता.

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