कुरुक्षेत्र, 06 दिसम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संस्कृत, पालि एवं प्राकृत विभाग में मंगलवार को डॉ. भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि के अवसर पर उनके सिद्धांतों की पारदर्शिता विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर भारतीय संस्कृति, धर्म एवं दर्शन के ज्ञाता होने के साथ एक इतिहासविद् एवं तत्त्ववेत्ता थे। उनका भारतीय संविधान के निर्माता के रूप में उनका अद्वितीय योगदान है। हम सभी को उनके जीवन एवं आचार विचार से शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो. कृष्णा देवी, प्रो. विभा अग्रवाल, प्रो. एलके गौड़, डॉ. तेलू राम, डॉ. विजयश्री, डॉ. रामचन्द्र एवं सभी शोध छात्र उपस्थित थे ।