कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा के प्रभारी विवेक बंसल को हटा दिया। विवेक बंसल की जगह शक्ति सिंह गोहिल को हरियाणा का प्रभारी नियुक्त किया गया है। उनके पास दिल्ली का भी अतिरिक्त प्रभार रहेगा। साथ ही कुमारी सैलजा का कद भी पार्टी ने बढ़ा दिया गया है।

उसे छत्तीसगढ़ का इंचार्ज लगाया गया है। साथ ही उन्हें जनरल सेक्रेटरी नियुक्त किया गया है। सैलजा ने पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा के साथ मतभेद होने के चलते 27 अप्रैल 2022 को कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। विवेक बंसल को हरियाणा के प्रभारी पद से हटाए जाने का मुख्य कारण हरियाणा राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन की हार है। क्योंकि चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई थी। इसके बाद विवेक बंसल और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा के साथ भी रिश्ते मधुर नहीं रहे।

विवेक बंसल
विवेक बंसल

क्रास वोटिंग से हुई थी अजय माकन की हार, इसलिए हटाया
हरियाणा राज्यसभा की 2 सीटों पर 3 उम्मीदवार थे। चुनाव में भाजपा उम्मीदवार कृष्ण पंवार की जीत तय थी। परंतु निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा और कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन के बीच मुकाबला था। कुलदीप बिश्नोई ने निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थन में क्रॉस वोटिंग कर दी। जबकि एक कांग्रेसी विधायक का वोट रद हो गया। जिससे कि अजय माकन हार गए। किरण चौधरी पर भी क्रॉस वोटिंग के आरोप लगे। परंतु उन्होंने इसका खुलकर जवाब दिया और विरोधियों द्वारा फैलाया षडयंत्र बताया।

अजय माकन
अजय माकन

कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल आज तक इस बात का खुलासा नहीं कर सके कि यह दूसरा वोट किस बागी विधायक का है। हालांकि विवेक बंसल अपनी रिपोर्ट हाईकमान को दे चुके हैं। परंतु हाईकमान ने भी उस रिपोर्ट का खुलासा नहीं किया। जबकि पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा और अजय माकन विवेक बंसल की कार्यप्रणाली से नाराज चल रहे थे। अजय माकन राज्यसभा चुनाव को चुनौती देते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुके हैं। अजय माकन दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

दूसरी वजह आदमपुर उपचुनाव में हार
विवेक बंसल की अध्यक्षता में कांग्रेस लगातार दो चुनाव हार गई। पहला उप चुनाव ऐलनाबाद में कांग्रेस उम्मीदवार पवन बैनीवाल की जमानत जब्त हो गई। इसके बाद नवंबर 2022 में आदमपुर उपचुनाव में भी कांग्रेस की हार हुई। आदमपुर उपचुनाव में विवेक बंसल प्रचार करने भी नहीं आए थे। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है, हुड्‌डा के साथ विवेक बंसल से रिश्ते बेहतर नहीं थे। आदमपुर उपचुनाव में हार के बाद उनका जाना लगभग तय था।

कुमारी सैलजा अपने समर्थकों के साथ

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