चंडीगढ़। हरियाणा में तीन साल पहले हुए राज्यसभा के चुनाव को लेकर निर्दलीय राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा और रोहतक के कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा आमने-सामने हो गए हैं। कार्तिकेय शर्मा जून 2022 में भाजपा के सहयोग से निर्दलीय राज्यसभा सदस्य बने थे। 

हाल ही में एक इंटरव्यू में कार्तिकेय शर्मा ने कहा था कि तत्कालीन कांग्रेस विधायकों किरण चौधरी और कुलदीप बिश्नोई ने उन्हें वोट दिए थे। कार्तिकेय द्वारा इस स्वीकारोक्ति के बाद राजनीतिक गलियारों में बवाल मच गया। हालांकि सोमवार को वे अपने इस बयान से मुकर गए और कहा कि उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन के बयान के आधार पर यह बात कही थी। 

रोहतक के कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कार्तिकेय शर्मा के इंटरव्यू के उन अंशों की वीडियो को अपने एक्स हेंडिल पर साझा किया, जिसमें कार्तिेकेय यह कह रहे हैं कि उन्हें सभी विपक्षी दलों के विधायकों ने वोट दिया था और वे एक उम्मीदवार के नाते सभी के पास अपना विजन लेकर गए थे।
उन्होंने इस इंटरव्यू में कुलदीप बिश्नोई और किरण चौधरी के नाम भी लिए थे। साथ ही कहा कि वास्तविकता में उन्होंने मुझे वोट दिए या नहीं, इसके बारे में किरण चौधरी और कुलदीप बिश्नोई से पूछा जाए तो अच्छा है। 

कार्तिकेय शर्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे हैं। उनकी माता शक्ति रानी शर्मा कालका से भाजपा की विधायक हैं।
कार्तिकेय द्वारा किरण चौधरी और कुलदीप बिश्नोई द्वारा वोट देने की स्वीकारोक्ति करने के बाद कांग्रेस अब यह साबित करने में लगी है कि कांग्रेस में रहते हुए किरण चौधरी और कुलदीप बिश्नोई ने पार्टी विरोधी काम किए थे, जिस कारण उस समय कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार अजय माकन भाजपा समर्थित कार्तिकेय शर्मा से चुनाव हार गए थे। 

पूरा विवाद एक वोट को लेकर था, जिसे लेकर कांग्रेस आरंभ से दावा करती आ रही है कि यह वोट किरण चौधरी का था। किरण चौधरी और कुलदीप बिश्नोई दोनों कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सक्रिय राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने एक्स हेडिंल पर लिखा कि कार्तिकेय शर्मा स्वयं बता रहे हैं कि उन्हें भाजपा के विधायकों के साथ-साथ इनेलो, जेजेपी और कांग्रेस के दो विधायकों किरण चौधरी व कुलदीप बिश्नोई ने वोट देकर जिताने का काम किया। 

जो राजनीतिक खेल परदे के पीछे से खेला जा रहा था, उसका परदा अब हट गया है। दीपेंद्र ने साथ ही इस पोस्ट के आखिर में सत्यमेव जयते भी लिखा, जिसके माध्यम से वे कहना चाह रहे हैं कि जिस बात को कांग्रेस आरंभ से कह रही थी, उसी बात को कार्तिकेय शर्मा ने स्वीकार कर सत्य पर मुहर लगाई है। 

सत्यमेव जयते पर स्थिति साफ करने को लेकर फंसा पेंच

राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा ने दीपेंद्र हुड्डा की इस पोस्ट पर सवाल उठाने के साथ ही अपने इंटरव्यू को लेकर सोमवार को स्थिति साफ की। उन्होंने साल 2016 के राज्यसभा चुनाव का भी जिक्र किया, जब स्याही कांड हुआ था और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समर्थक कई विधायकों ने कांग्रेस-इनेलो के साझा उम्मीदवार आरके आनंद को वोट नहीं दिए थे और वे चुनाव हार गए थे। 

उस चुनाव में भाजपा समर्थित सुभाष चंद्रा चुनाव जीते थे। कार्तिकेय ने चुटकी लेते हुए कहा कि दीपेंद्र हुड्डा को साल 2016 के राज्यसभा चुनाव को लेकर भी सत्यमेव जयते स्वीकार करना चाहिए। उस समय कांग्रेस के विधायकों ने पेन की स्याही बदलकर कांग्रेस को हराने का काम किया था। इस स्याही कांड पर स्पष्टीकरण देने का कांग्रेस के लिए यही उपयुक्त समय है। 

कार्तिकेय बोले, मैंने तो अजय माकन की बात ही बोली

कार्तिकेय ने किरण चौधरी और कुलदीप बिश्नोई द्वारा वोट दिए जाने से जुड़े सवाल पर कहा कि इस बात को मैंने स्वयं कभी नहीं कहा। मैंने तो तत्कालीन कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन द्वारा यह बात कहे जाने के आधार पर ही बोली थी कि किरण चौधरी ने शायद मुझे वोट दिया है, क्योंकि ऐसा अजय माकन कर रहे हैं। 

जिसने भी मुझे वोट दिया, अपने विवेक के आधार पर दिया। उसकी मैं पुष्टि कैसे कर सकता हूं। यह पुष्टि किरण चौधरी या कुलदीप बिश्नोई ही कर पाएंगे, या फिर कांग्रेस पार्टी करेगी। मैंने जो भी कहा, सिर्फ अजय माकन की बात को आगे बढ़ाया है।

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