-गांव बारवा, हथिरा, किरमच, ज्योतिसर, हसनपुर और जोगी खेरा में किसानों को किया जागरूकता
-विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत कुरुक्षेत्र के 84 गांवों में लगाए जा चुके हैं शिविर
कुरुक्षेत्र, 12 जून। भारतीय कृषि भारतीय गेहूं एवं जौं अनुसंधान संस्थान करनाल के प्रधान वैज्ञानिक लोकेंद्र सिंह ने कहा कि जौ हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। जौ का आटे में इस्तेमाल करने से शुगर और हृदय संबंधी बीमारियों से निजात मिलने के बारे में संपूर्ण जानकारी किसानों से समझा की। इस जागरूकता अभियान के दौरान जिले में अलग-अलग विभाग से आए हुए अधिकारियों ने विभिन्न प्रकार की जानकारी देकर किसानों को जागरूक किया।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र, कुरुक्षेत्र के वरिष्ठ समन्वक डॉक्टर बलजीत सिंह सहारा की देखरेख में टीम ने वीरवार को थानेसर ब्लॉक के 6 गांव में विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 के तहत जागरूकता अभियान किया। इस अभियान के दौरान जिले के 84 गांव में जागरूकता अभियान किया गया। टीम-1 ने गांव बारवा, हथिरा और किरमच गांव में जागरूकता अभियान किया। टीम-2 ने गांव ज्योतिसर, हसनपुर और जोगी खेरा गांव में जागरूकता अभियान किया। 15 दिन से चल रहे इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र, कुरुक्षेत्र के एग्रोनॉमी विभाग की डॉक्टर सरिता ने धान की सीधी बिजाई और मिट्टी की जांच के बारे में विस्तार से किसानों को जागरूक किया।
नेशनल डायरी रिसर्च इंस्टीट्यूट करनाल के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सोहनवीर सिंह ने बताया कि विज्ञान ने आज इतनी तरक्की कर ली है कि हम कृत्रिम सीमन के इस्तेमाल से सिलेक्टिव सेक्स की सहायता से गाय और भैंस में सिर्फ फीमेल गर्भावस्था करवा सकते हैं। उन्होंने इस बारे में संपूर्ण जानकारी किसानों से सांझा की। साथ ही इन्होंने थैलेना रोग से बचाव के लिए अपने विचार किसानों से सांझा किए।
हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट ऑफिसर डॉ. श्याम ने बागवानी विभाग से मिलने वाले विभिन्न प्रकार की सब्सिडियों के बारे में विस्तार से किसानों को बताया। किरमच गांव के वेटरनरी सर्जन डॉ. अमित कुमार ने किसान क्रेडिट कार्ड की स्कीम की तरह पशु क्रेडिट कार्ड की स्कीम के बारे में किसानों को जागरूक किया। किसानों को ड्रोन के महत्व के बारे में डेमोंसट्रेशन के द्वारा समझाया गया तथा उन्हें बताया गया कि ड्रोन की सहायता से वे अब पानी समय और पैसे की बचत कैसे कर सकते हैं इसके बारे में जागरूक किया गया।
मत्स्य विभाग के मत्स्य अधिकारी  प्रिंस ने मछली पालन पर मिलने वाली ट्रेनिंग और अनुदान के बारे में विस्तार से किसानों को बात कर उनको जागरूक किया। स्टेट एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की विस्तार विषय विशेषज्ञ डॉ. मनीष ने प्राकृतिक खेती के बारे में अपने विचार किसानों से सांझा किए। कृषि विज्ञान केंद्र कुरुक्षेत्र की मौसम वैज्ञानिक डॉ. ममता ने मौसम पूर्वानुमान और मौसम का फसलों में महत्व के बारे में बताया और साथ ही ई-मौसम एप के बारे में बता कर किसानों को जागरूक किया। श्वेता एटीम, मोहित सुपरवाइजर फील्ड मेन मुकेश के साथ साथ आत्मा स्कीम से जुड़े हुए व्यक्तियों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में बहुत सहयोग दिया

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