फरीदाबाद। फरीदाबाद में जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप नीति के तहत चल रहे हार्ट सेंटर में 200 से अधिक दिनों तक इलाज करने वाला डा. पंकज मोहन शर्मा की कार्डियोलाजिस्ट की डिग्री फर्जी निकली। डीसीपी ने मामले को गंभीर मानते हुए जब जांच में तेजी लाने को स्थानीय पुलिस को आदेश दिए और पुलिस के हाथ कथित हृदय रोग विशेषज्ञ से संबंधित कागजात हाथ लगे और उसकी जांच कराई गई तो पता चला कि उस दौरान तो किसी पंकज मोहन शर्मा नाम का कोई अभ्यर्थी शामिल ही नहीं हुआ था।
इस तरह से जब बातें सामने आई तो पंकज मोहन शर्मा, हार्ट सेंटर का पीपीपी मोड पर संचालन करने वाली मेडिट्रिना हास्पिटल प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी डा. एन प्रताप कुमार, एचआर हेड दलीप नायर, सेंटर हेड पीयूष श्रीवास्तव व मंदीप और हरियाणा सेंटर हेड अजय शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी करने, सब कुछ जानते हुए भी लोगों की जान खतरे में डालने आदि की धाराओं के तहत मंगलवार देर शाम को थाना एसजीएम नगर में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
बता दें कि शहर के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ व केपी हार्ट एंड स्किन सेंटर के संचालक डा. पंकज मोहन को यह जानकारी मिली थी कि उनके नाम से कोई व्यक्ति जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल में चल रहे हार्ट सेंटर में हृदय रोग विशेषज्ञ बन कर सेवाएं दे रहा है। इस पर कार्डियोलाजिस्ट डा. पंकज मोहन ने 21 अप्रैल को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. जयंत आहूजा को लिखित में सारी स्थिति से अवगत कराया।
पुलिस के हाथ लगे दस्तावेज, फिर शुरू हुई जांच
हार्ट सेंटर ने पुलिस को जानकारी देने के लिए पीएमओ को जवाब दिया है। उसके अनुसार डा. पंकज मोहन शर्मा ने 18 जुलाई 2024 से पांच फरवरी, 2025 तक कार्यरत रहे और इस दौरान 4100 से अधिक हृदय रोगियों को देखा था। हार्ट सेंटर की ओर से पीएमओ को डा.पंकज मोहन शर्मा की 2014 की कार्डियोलाजी संबंधी डिग्री भी भेजी गई। पुलिस ने डाक्टरी संबंधी यह दस्तावेज का सत्यापान कराने के लिए नेशनल बोर्ड आफ एक्जामिशेन इन मेडिकल साइंस नई दिल्ली को भेजी गए।
क्षितिज मोहन के नाम से बनाई थी फेसबुक आइडी
पंकज मोहन शर्मा ने फेसबुक पर क्षितिज मोहन के नाम से आइडी बनाई थी। जिससे यह पता चला कि इस कथित डाक्टर ने पेनसुस प्रोफेशनल प्राइवेट लिमिटेड के नाम से फिल्म् बनाने की कंपनी भी खोल रखी है। कंपनी में यह बतौर मैनेजिंग डाक्टर के रूप में कार्यरत हैं। इसके बावजूद हार्ट सेंटर के संचालकों ने पंकज मोहन शर्मा को हृदय रोग विशेषज्ञ बना कर काम करने के लिए नियुक्त कर दिया और यह डाक्टर लोगों की जान से खिलवाड़ करता रहा।
हमने पुलिस की ओर से मांगी गई जानकारी उपलब्ध करा दी है। आगे दस्तावेजों की जांच पुलिस ही कर रही है। इस स्थिति से विभाग के उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया गया है। -डा. सतिंद्र वशिष्ठ, जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल
पुलिस के हाथ जो दस्तावेज लगे, उसीक जांच कराई गई और जांच के बाद जो बातें सामने आई। उस आधार पर पंकज मोहन शर्मा व हार्ट सेंटर के सीएमडी, एमडी सहित पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। अब मामले की और विस्तृत जांच होगी। जो भी दोषी हाेगा, उसके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई होगी। – कसूद अहमद, डीसीपी एनआइटी
मुझे शुरू से ही पंकज मोहन शर्मा की योग्यता पर संदेह था। इसलिए मैं लगातार इस मामले की गहराई से जांच की मांग कर रहा था। प्रारंभिक जांच के बाद अब सच्चाई सामने आ भी गई। अगर सीएमओ समय रहते जांच शुरू करवा देते तो पहले ही सही तस्वीर सामने आ जाती। मैं पुलिस आयुक्त का भी आभारी हूं, जिन्होंने मामले को गंभीर मानते हुए तुरंत कार्रवाई कराई।-अधिवक्ता संजय गुप्ता
स्विच ऑफ आ रहा है फोन
हार्ट सेंटर में सेवाएं देने वाले डा.पंकज मोहन शर्मा से जब उनका पक्ष लेने की बाबत मोबाइल पर संपर्क करना चाहा गया, तो नंबर स्विच आफ था। उन्हें वाट्सएप पर मैसेज किया गया, पर जवाब नहीं मिला।
जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप नीति के तहत चल रहे हार्ट सेंटर में 200 से अधिक दिनों तक इलाज करने वाला डा.पंकज मोहन शर्मा की कार्डियोलाजिस्ट की डिग्री फर्जी निकली। डीसीपी ने मामले को गंभीर मानते हुए जब जांच में तेजी लाने को स्थानीय पुलिस को आदेश दिए और पुलिस के हाथ कथित हृदय रोग विशेषज्ञ से संबंधित कागजात हाथ लगे और उसकी जांच कराई गई तो पता चला कि उस दौरान तो किसी पंकज मोहन शर्मा नाम का कोई अभ्यर्थी शामिल ही नहीं हुआ था।
इस तरह से जब बातें सामने आई तो पंकज मोहन शर्मा, हार्ट सेंटर का पीपीपी मोड पर संचालन करने वाली मेडिट्रिना हास्पिटल प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी डा.एन प्रताप कुमार, एचआर हेड दलीप नायर, सेंटर हेड पीयूष श्रीवास्तव व मंदीप और हरियाणा सेंटर हेड अजय शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी करने, सब कुछ जानते हुए भी लोगों की जान खतरे में डालने आदि की धाराओं के तहत मंगलवार देर शाम को थाना एसजीएम नगर में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
बता दें कि शहर के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ व केपी हार्ट एंड स्किन सेंटर के संचालक डा.पंकज मोहन को यह जानकारी मिली थी कि उनके नाम से कोई व्यक्ति जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल में चल रहे हार्ट सेंटर में हृदय रोग विशेषज्ञ बन कर सेवाएं दे रहा है। इस पर कार्डियोलाजिस्ट डा.पंकज मोहन ने 21 अप्रैल को मुख्य चिकित्सा अधिकारी(सीएमओ)डा.जयंत आहूजा को लिखित में सारी स्थिति से अवगत कराया।
इधर कार्रवाई को गति नहीं मिली तो संजय गुप्ता ने मामले की जांच कराने को सोमवार को डीसीपी मकसूद अहमद से मुलाकात की थी। डीसीपी मकसूद अहमद ने तीन नंबर चौकी् प्रभारी को जल्दी ही जांच पूरी करके रिपोर्ट देने का कहा था। इसके बाद नागरिक अस्पताल के पीएमओ कार्यालय की ओर से हार्ट सेंटर प्रबंधन से जानकारी मांगी गई कि कब से कब तक डा. पंकज मोहन शर्मा ने सेवाएं दीं और उन्होंने कितने मरीजों का इलाज किया। योग्यता के बारे में जानकारी मांगी गई।
पुलिस के हाथ लगे दस्तावेज, फिर शुरू हुई जांच
हार्ट सेंटर ने पुलिस को जानकारी देने के लिए पीएमओ को जवाब दिया है। उसके अनुसार डा.पंकज मोहन शर्मा ने 18 जुलाई 2024 से पांच फरवरी, 2025 तक कार्यरत रहे और इस दौरान 4100 से अधिक हृदय रोगियों को देखा था। हार्ट सेंटर की ओर से पीएमओ को डा.पंकज मोहन शर्मा की 2014 की कार्डियोलाजी संबंधी डिग्री भी भेजी गई। पुलिस ने डाक्टरी संबंधी यह दस्तावेज का सत्यापान कराने के लिए नेशनल बोर्ड आफ एक्जामिशेन इन मेडिकल साइंस नई दिल्ली को भेजी गए।
जांच के बाद वहां जो रिपोर्ट मिली, उसके अनुसार तब तो पंकज मोहन शर्मा नाम का कोई अभ्यर्थी शामिल ही नहीं हुआ था। इस तरह से यह पता चला कि डिग्री जाली है। इसके बाद पुलिस ने जांच प्रक्रिया आगे बढ़ाई और पंकज मोहन शर्मा सहित हार्ट सेंटर के संचालकों के खिलाफ थाना एसजीएम नगर में विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा नंबर 152 दर्ज किया।
क्षितिज मोहन के नाम से बनाई थी फेसबुक आइडी
पंकज मोहन शर्मा ने फेसबुक पर क्षितिज मोहन के नाम से आइडी बनाई थी। जिससे यह पता चला कि इस कथित डाक्टर ने पेनसुस प्रोफेशनल प्राइवेट लिमिटेेड के नाम से फिल्म् बनाने की कंपनी भी खोल रखी है। कंपनी में यह बतौर मैनेजिंग डाक्टर के रूप में कार्यरत हैं। इसके बावजूद हार्ट सेंटर के संचालकों ने पंकज मोहन शर्मा को हृदय रोग विशेषज्ञ बना कर काम करने के लिए नियुक्त कर दिया और यह डाक्टर लोगों की जान से खिलवाड़ करता रहा।
हमने पुलिस की ओर से मांगी गई जानकारी उपलब्ध करा दी है। आगे दस्तावेजों की जांच पुलिस ही कर रही है। इस स्थिति से विभाग के उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया गया है। – डा. सतिंद्र वशिष्ठ, जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल
पुलिस के हाथ जो दस्तावेज लगे, उसीक जांच कराई गई और जांच के बाद जो बातें सामने आई। उस आधार पर पंकज मोहन शर्मा व हार्ट सेंटर के सीएमडी, एमडी सहित पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। अब मामले की और विस्तृत जांच होगी। जो भी दोषी हाेगा, उसके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई होगी। – मकसूद अहमद, डीसीपी एनआइटी
मुझे शुरू से ही पंकज मोहन शर्मा की योग्यता पर संदेह था। इसलिए मैं लगातार इस मामले की गहराई से जांच की मांग कर रहा था। प्रारंभिक जांच के बाद अब सच्चाई सामने आ भी गई। अगर सीएमओ समय रहते जांच शुरू करवा देते तो पहले ही सही तस्वीर सामने आ जाती। मैं पुलिस आयुक्त का भी आभारी हूं, जिन्होंने मामले को गंभीर मानते हुए तुरंत कार्रवाई कराई। – अधिवक्ता संजय गुप्ता
स्विच ऑफ आ रहा है फोन
हार्ट सेंटर में सेवाएं देने वाले डा.पंकज मोहन शर्मा से जब उनका पक्ष लेने की बाबत मोबाइल पर संपर्क करना चाहा गया, तो नंबर स्विच आफ था। उन्हें वाट्सएप पर मैसेज किया गया, पर जवाब नहीं मिला।