चंडीगढ़। कॉमन कैडर ग्रुप-डी कर्मचारियों के अवकाश, भत्तों, चिकित्सा प्रतिपूर्ति और वेतन निर्धारण से जुड़े केसों में विभागीय अधिकारी खुद फैसला ले सकते हैं। इन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के मामलों में संबंधित विभागाध्यक्ष, मंडल आयुक्त और उपायुक्त पंचकूला सक्षम हैं। 

मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने इस संबंध में स्थिति स्पष्ट कर दी है। विज्ञापन संख्या 01/2023 के अंतर्गत भर्ती किए गए कामन काडर ग्रुप-डी कर्मचारियों को विभिन्न विभागों, मंडल आयुक्त कार्यालयों तथा उपायुक्त पंचकूला के कार्यालय में नियुक्त किया गया है। 

यह देखने में आया है कि इन कॉमन कैडर ग्रुप-डी कर्मचारियों के अवकाश, भत्तों, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, वेतन निर्धारण आदि से संबंधित मामले अभी भी निर्णय लेने या आगामी आवश्यक कार्रवाई के लिए मानव संसाधन विकास निदेशालय को भेजे जा रहे हैं। इससे इन मामलों के निपटान में अनावश्यक देरी हो रही है।
मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में विभागाध्यक्ष, मंडल आयुक्त, उपायुक्त पंचकूला स्वयं निर्णय लेने में सक्षम हैं। अगर किसी मामले में मानव संसाधन विकास विभाग के निदेशक सक्षम प्राधिकारी हैं तो एसएएस कैडर के अधिकारी (यदि आवश्यक हो) की टिप्पणियां प्राप्त करने के बाद ही सिफारिश या टिप्पणियों और मामले के विस्तृत तथ्यों के साथ स्पष्ट प्रस्ताव भेजने होंगे। 

सिविल सचिवालय के कर्मचारियों की होगी चिकित्सा जांच

हरियाणा सिविल सचिवालय के अधिकारी-कर्मचारियों के लिए भूतल पर स्थित डिस्पेंसरी में स्वास्थ्य जांच की जाएगी। करीब एक महीने तक चलने वाले इस इस कार्यक्रम के लिए निर्धारित तिथि के हिसाब से शाखावार सूची जारी की गई है। संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि उनके अधीन कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी उनकी शाखा के लिए निर्धारित तिथि के अनुसार अपने स्वास्थ्य की जांच कराएं।

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