चंडीगढ़। हरियाणा में नये जिलों के गठन की प्रक्रिया फिर बाधित हो सकती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि हरियाणा समेत पूरे देश में जाति आधारित जनगणना होनी है। उसके बाद परिसीमन शुरू हो जाएगा, जिसमें लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों की संख्या बढ़ना तय है।
ऐसे में नये जिलों के गठन पर फैसला लेने वाली कैबिनेट सब कमेटी ने तय किया है कि अभी नये जिलों के गठन पर फैसला लेना जल्दबाजी होगी। कैबिनेट सब कमेटी की 15 जून को अंतिम बैठक है। उसके बाद कैबिनेट सब कमेटी का कार्यकाल पूरा हो जाएगा।
इस बैठक के बाद कैबिनेट सब कमेटी अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी और नये जिलों के गठन का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला जाएगा। हरियाणा में इस समय 22 जिले हैं। असंध, गोहाना, डबवाली, हांसी, मानेसर और सफीदों को नया जिला बनाने की मांग की जा रही है। इनमें से गोहाना, असंध, डबवाली और हांसी को जिला बनाने की मांग जनप्रतिनिधि अलग-अलग समय पर विधानसभा में भी कर चुके हैं
केंद्र सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि जातिगत जनगणना वर्तमान ढांचे में ही करवाई जाएगी, जिसका मतलब साफ है कि जातिगत जनगणना की प्रक्रिया के बीच किसी भी नये जिले, उपमंडल का गठन व पुनर्गठन नहीं होगा।

नये जिले बनाने को लेकर सब-कमेटी की अब तक हो चुकीं पांच बैठकें
हरियाणा सरकार द्वारा गठित कैबिनेट सब कमेटी का कार्यकाल 30 जून को पूरा होने जा रहा है। नये जिले बनाने को लेकर सब-कमेटी की अब तक पांच बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों में नये जिलों के संबंध में आई मांग की स्टडी के लिए संबंधित प्रशासन को निर्देश दिए जा चुके हैं।

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