पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को प्रोबो मीडिया टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड को तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया।
जस्टिस अनिल खेत्रपाल की अगुवाई वाली पीठ ने राज्य को निर्देश दिया कि वह इस बारे में जवाब दाखिल करे कि क्या कर्मचारियों के वेतन और आवश्यक व्यावसायिक खर्चों के भुगतान की अनुमति देने के लिए बैंक खातों को आंशिक रूप से डी-फ्रीज किया जा सकता है।
हाईकोर्ट ने खारिज की डी-फ्रीज वाली याचिका
यह कानूनी लड़ाई हाल ही में दो जून को सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद शुरू हुई है, जिसमें 100 करोड़ से ज्यादा की राशि वाले बैंक खाते को डी-फ्रीज करने की याचिका को खारिज कर दिया गया था।
प्रोबो ऐप के जरिए गंवाए 20 हजार रुपये
वहीं के निवासी अभिषेक जैन द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि प्रोबो ऐप का इस्तेमाल करते समय उसने 20 हजार रुपये गंवा दिए, जो उपयोगकर्ताओं को बाइनरी है या नहीं प्रतिक्रियाओं के माध्यम से वास्तविक दुनिया की घटनाओं के परिणामों पर दांव लगाने की अनुमति देता है।
जैन ने दावा किया कि ऐप ने जुए को ओपिनियन ट्रेडिंग के रूप में पेश करके उपयोगकर्ताओं को गुमराह किया गया। प्रोबो के वकील ने तर्क दिया कि 20 हजार रुपये के विवाद पर कंपनी के पूरे बैंक खाते को फ्रीज करना एक असंगत कदम था।