चंडीगढ़। हरियाणा की साल 2025-27 की आबकारी नीति से राजस्व जुटाना इस बार काफी मुश्किल हो रहा है। पिछले पांच वर्षों में शराब के ठेकों की बिक्री से प्राप्त होने वाले राजस्व की ग्रोथ रेट पूरे देश में सबसे अधिक थी,जोकि इस बार गिरने की संभावना है। 

हरियाणा को एनसीआर के तीन प्रमुख जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद व सोनीपत तथा उत्तर हरियाणा के पंचकूला जिले से सबसे अधिक राजस्व प्राप्त होता है, लेकिन एनसीआर के तीनों जिलों में इस बार शराब के कारोबारियों ने शराब ठेके खरीदने में ज्यादा रुचि नहीं दिखाई है। 

शराब ठेकेदार इसकी वजह भले ही अपराधियों द्वारा शराब के ठेकों में अपनी हिस्सेदारी डालने तथा अवैध वसूली को बता रहे हैं, लेकिन कुछ ठेकेदारों का कहना है कि शराब पालिसी लांच करने से पहले जिस तरह पिछले वर्षों में विभागीय अधिकारियों व ठेकेदारों के बीच संवाद होता रहा है, वह इस बार नहीं हुआ।
जिस कारण आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारी अपने उत्पाद बढ़िया दामों पर बेचने में कामयाब नहीं हो सके हैं। राज्य में शराब की बिक्री का वर्ष 12 जून से आरंभ होगा। 

उससे पहले-पहले सभी ठेकों की नीलामी होनी जरूरी है। आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों के अनुसार पिछले वर्ष की शराब पालिसी से राज्य सरकार को 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक राजस्व मिला है। इसमें करीब साढ़े सात हजार करोड़ रुपये लाइसेंस फीस के हैं, जोकि इस बार काफी कम आ रही है।
राज्य के 22 जिलों के औसत के हिसाब से सरकार इस राजस्व को अर्जित करने में कामयाब हो सकती है, लेकिन ठेकों की सबसे अधिक बिक्री वाले जोन एनसीआर में नीलामी की हालत काफी पतली है। तीसरे चरण की नीलामी को सफलतापूर्वक आयोजित करने का दावा किया गया है, जिसमें गुरुग्राम (पूर्व), करनाल, पलवल, रेवाड़ी, जींद और यमुनानगर जिले शामिल हैं। 

तीन जोन की नीलामी रद करने और यमुनानगर में सभी जोनों की नए सिरे से नीलामी करने का निर्णय आबकारी आयुक्त विनय प्रताप सिंह ने बताया कि तीसरे दौर में पिछले दौर की नीलामी की तुलना में अच्छा रिस्पांस मिला है। 270 जोन में से 184 जोन आवंटित किए गए हैं। पांच जिलों के नीलाम किए गए जोनों से लगभग 2,707 करोड़ रुपये का लाइसेंस शुल्क मिलेगा, जो पिछले आबकारी नीति वर्ष में इसी दौर में प्राप्त लाइसेंस शुल्क से काफी अधिक है। 

उचित राजस्व प्राप्त करने के लिए आबकारी विभाग ने तीन जोन की नीलामी को रद करने और यमुनानगर में सभी जोनों की नए सिरे से नीलामी करने का निर्णय लिया है। इन छह जिलों के शेष 142 जोनों की नीलामी जून के पहले सप्ताह में फिर से की जाएगी। आबकारी एवं कराधान विभाग ने सभी जिलों के लिए नीलामी का अगला दौर तीन, चार व पांच जून को निर्धारित किया है। 

अगले चरण में राज्य के सभी जिलों को तीन समूहों में बांटा विनय प्रताप सिंह ने बताया कि अगले चरण में राज्य के सभी जिलों को तीन समूहों में बांटा गया है। पहले समूह में गुरुग्राम (वेस्ट), नारनौल, हिसार, मेवात, पानीपत, रोहतक, झज्जर और सिरसा जिले शामिल हैं। इन जिलों के लिए ई-निविदाएं तीन जून 2025 को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक स्वीकार की जाएंगी और उसी दिन शाम पांच बजे इनका मूल्यांकन किया जाएगा। 

दूसरे समूह में सोनीपत, फरीदाबाद, कुरुक्षेत्र, जगाधरी, कैथल, पंचकूला, फतेहाबाद और भिवानी जिले शामिल हैं। इन जिलों के लिए निविदा प्रक्रिया चार जून को सुबह नौ बजे से शुरू होकर शाम चार बजे तक चलेगी और शाम पांच बजे इनका मूल्यांकन किया जाएगा। तीसरे समूह में अंबाला, करनाल, गुरुग्राम (ईस्ट), जींद, पलवल और रेवाड़ी जिले शामिल हैं। इन जिलों के लिए निविदाएं पांच जून को होंगी।

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