अंबाला। मौलिक शिक्षा निदेशालय के एक आदेश ने प्रदेश के 230 एलीमेंट्री स्कूल हेडमास्टर (ईएसएचएम एससी/बीसी) की पोस्ट पर तलवार लटका दी है। इन सभी 230 ईएसएचएम के रिवर्जन के ऑर्डर जारी किए गए हैं, जिसको लेकर प्रदेशभर में हलचल है। इसका कारण प्रमोशन में दिए गए पांच प्रतिशत अंकों (बीए की डिग्री में अंकों के अनुसार) की रिलेक्सेशन है।
इसे विभाग ने प्रमोशन में तो दिया, लेकिन क्लेरिफिकेशन के बाद अब इसे वापस लिया गया है। इसी को आधार मानकर अब इन सभी को रिवर्ट करने की तैयारी है, जिनमें अंबाला के 17 ईएसएचएम भी शामिल है। आदेशों की बात करें, तो इनको रिवर्ट कर पिछली पोस्ट पर लाया जाएगा।
इसकी चर्चा दिनभर रही, जबकि अध्यापक संघ भी इसको लेकर आगामी कदम को लेकर विचार कर रहे हैं, अधिकारियों से भी मिलने की भी तैयारियां कर रहे हैं। इस बारे में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुधीर कालड़ा को कॉल की गई, लेकिन उन्होंने कॉल ही रिसीव नहीं की।
निदेशालय के आदेशों पर गौर करें तो मामला प्रमोशन में पांच प्रतिशत अंकों की रिलेक्सेशन देने से जुड़ा है। सर्विस रूल 2012 के तहत ईएसएचएम की पोस्ट तैयार की गई थी। इसमें टीजीटी/भाषा अध्यापकों को ईएसएचएम की पोस्ट के लिए विभाग द्वारा समय-समय पर प्रमोट किया जाना था। इसमें विभाग की जानकारी में आया कि कुछ एससी/बीसी उम्मीदवारों को अनजाने में विभाग द्वारा, स्नातक डिग्री में हासिल अंकों के आधार पर, प्रमोशन प्रोसेस में पांच प्रतिशत की छूट दे दी गई।
इसमें चीफ सेक्रेटरी हरियाणा के जारी पत्र का हवाला भी दिया गया। इसके बाद आदेशों में यह भी कहा गया कि चीफ सेक्रेटरी की ओर से मिली क्लेरिफिकेशन के अनुसार यह स्पष्ट हो गया कि यह छूट आरक्षित वर्ग के लिए शैक्षणिक संस्थान को ज्वाइन करते वक्त ही दी जानी है, जबकि यह प्रमोशन में नहीं दी जानी।

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