डिजिटल लॉकर के माध्यम से मिलेगी विद्यार्थियों को डिग्री/अंक तालिका प्रो. सोमनाथ सचदेवा
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन
कुरुक्षेत्र, 2 जून। 
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय द्वारा आटोमेशन की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए डिजिटल लॉकर सेवा प्रारम्भ की गई है जिसके लिए प्रत्येक छात्र की एबीसी आईडी आवश्यक है। वे सोमवार को सीनेट हॉल में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। बैठक की सह-अध्यक्षता डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. दिनेश कुमार और परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंकेश्वर प्रकाश ने की। इस बैठक में विश्वविद्यालय शिक्षण विभागों एवं संस्थानों के सभी विभागाध्यक्षों/निदेशकों एवं एबीसी-डिजीलॉकर प्रणाली से जुड़े संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया।
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि सत्र 2021 से उत्तीर्ण हुए सभी छात्रों को अपनी एबीसी आईडी अवश्य बनवानी चाहिए और इसे संबंधित विभागाध्यक्ष/निदेशक को प्रस्तुत करना चाहिए। एबीसी आईडी के बिना छात्रों की डिग्री और डीएमसी डिजिलॉकर पर अपलोड नहीं की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि सभी छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी एबीसी आईडी का विवरण संबंधित विभाग को गूगल फॉर्म या ईमेल के माध्यम से शीघ्र प्रस्तुत करें, जैसा कि विभाग द्वारा निर्देशित किया गया है।
प्रो. प्रदीप कुमार मित्तल, नोडल अधिकारी, डिजीलॉकर सेल-सह-निदेशक, आईटी सेल, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने डिजीलॉकर पोर्टल पर विश्वविद्यालय की वर्तमान स्थिति की राज्य एवं निजी विश्वविद्यालयों से तुलना करते हुए विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने इस दिशा में सुधार की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया।
डॉ.  अंकेश्वर   प्रकाश, परीक्षा नियंत्रक ने एबीसी आईडी की अनिवार्यता पर जोर देते हुए यह स्पष्ट किया कि छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड को समय पर और सही तरीके से डिजिलॉकर पर अपलोड करने हेतु एबीसी आईडी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिनांक 6 मार्च 2025 के डी.ओ. पत्र (सं.एफ-1-50/2021(एबीसी/एनएडी) का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है कि 2024 के किसी भी माह में आयोजित परीक्षाओं/मूल्यांकन का डेटा जून 2025 तक एपीएएआर (एबीसी) आईडी से मैप करते हुए अपलोड किया जाना अनिवार्य है। इसके पश्चात डेटा फ्रीज़ कर दिया जाएगा एवं कोई संशोधन संभव नहीं होगा।
बैठक का समापन सभी प्रतिभागियों की इस प्रतिबद्धता के साथ हुआ कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय एबीसी और डिजीलॉकर एकीकरण से संबंधित राष्ट्रीय दिशानिर्देशों का शीघ्र अनुपालन सुनिश्चित करेगा।
इस अवसर पर डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. दिनेश कुमार, प्रो. प्रदीप कुमार मित्तल, डॉ. अंकेश्वर प्रकाश सहित विभागाध्यक्ष, निदेशक एवं एबीसी-डिजीलॉकर प्रणाली से जुड़े संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

बैठक का उद्देश्य

बैठक का मुख्य उद्देश्य एबीसी आईडी की अनुपलब्धता तथा इसके चलते डिजीलॉकर पोर्टल पर डिग्री एवं डीएमसी अपलोड करने में आने वाली बाधाओं पर विचार करना था, जैसा कि राष्ट्रीय अकादमिक डिपॉजिटरी (एनएडी) के अंतर्गत तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप अपेक्षित है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *