चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि केवल एफआईआर दर्ज होने के आधार पर किसी को नौकरी देने से इनकार नहीं किया जा सकता।
यहां तक कि मामूली अपराध में दोषी को भी नौकरी से इनकार नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने केंद्र सरकार की सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ अपील को खारिज करते हुए यह आदेश जारी किया है।
केंद्र सरकार ने सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत सोनीपत निवासी रजनीश को सशस्त्र सीमा बल में नियुक्ति का आदेश दिया गया था। सिंगल बेंच ने पाया था कि याची की ज्वाइनिंग होने से पहले ही उसे सोनीपत की अदालत आर्म्स एक्ट में दर्ज मामले में बरी कर चुकी थी।
साथ ही याची ने अपने आवेदन पत्र में आपराधिक मामला लंबित होने की जानकारी भी दी थी। ऐसे में उसे नियुक्ति नहीं देने को गलत मानते हुए सिंगल बेंच ने उसे नियुक्ति देने का आदेश दिया था।
इस आदेश को दोषपूर्ण बताते हुए केंद्र सरकार ने खंडपीठ से इसे खारिज करने का निर्देश जारी करने की अपील की थी। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सिंगल बेंच ने अपने आदेश में कई हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला दिया है।
ऐसे में सिंंगल बेंच के आदेश में कोई खामी नहीं है। इन टिप्पणियों के साथ ही हाईकोर्ट ने सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार की अपील को खारिज कर दिया।