अंबाला। दिल से बात करो न कि दिल रखने के लिए…। बालों की सफेदी से पता चलता है किस जमाने से इस्क है आपसे। कुछ इसी शायरना अंदाज में छावनी में एक राजकीय शिक्षण संस्थान के प्रिंसिपल ने भेजे थे अधेड़ उम्र की शिक्षिका को मैसेज। खुद अधेड़ उम्र पार कर चुके प्रिंसिपल के इस कारनामे से शिक्षण संस्थान का तमाम स्टाफ हतप्रभ है। 

बेशक निदेशालय से आए संयुक्त निदेशक और वरिष्ठ प्रिंसिपल की अनुपस्थिति के कारण शिक्षिका से छेड़छाड़ के इस मामले को दबा दिया। यह विवादित मामला प्रिंसिपल का पहला मामला नहीं है बल्कि उसका विवादों से लंबे समय से नाता रहा है। 

जींद के ही एक राजकीय शिक्षण संस्थान में इससे भी गंभीर मामला करीब 10 साल पहले प्रकाश में आया था। उस दौरान बड़े साहब एक छात्रा के साथ ही आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े गए थे, हालांकि उस समय लंबी जांच चली उन्हें चार्जशीट भी किया गया, लेकिन बाद में मामले को जैसे-तैसे रफा-दफा कर दिया गया था।
इसके बाद वह अंबाला के एक अन्य शिक्षण संस्थान में भी सुर्खियों में रहे। लिहाजा बड़े साहब इसके आदी हो चुके हैं और विभाग ने सब कुछ जानते हुए भी अपनी आंखें मूंद ली है। वहीं इस घटना के बाद शिक्षिका पूरी तरह से घबराई हुई हैं और वह किसी से बात भी नहीं कर रही।
प्रिंसिपल पिछले तीन-चार दिनों से छुट्टी पर चले गए हैं। उधर, सब कुछ सामने आने और चार-पांच गवाहों की गवाही के बावजूद संयुक्त निदेशक और वरिष्ठ प्रिंसिपल ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की केवल और केवल माफी मंगवाकर केस को दबा दिया। 

वरना महिला शिक्षिका को प्रेम के इजहार वाले मैसेज भेजने के बाद चार्जशीट या सस्पेंड किया जा सकता था। जिस शिक्षिका के साथ प्रिंसिपल ने छेड़छाड़ की और मैसेज भेजकर प्रेम का इजहार किया, वह प्रिंसिपल से ओहदे में सीनियर थी। हालांकि, आरोपित को पहले पदोन्नति देकर प्रिंसिपल बना दिया गया

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