पानीपत। पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोपी नोमान इलाही की डायरी भारत के खिलाफ तैयार की जा रही आईएसआई की साजिश का राज खोलेगी। नोमान इलाही के पास एक डायरी थी। इसी डायरी में वह फैक्ट्री में गार्ड की नौकरी करते हुए अपनी हाजिरी भरता था और इसी डायरी में टास्क की डिटेल रखता था। अब इस डायरी की तलाश की जा रही है। 

सीआईए वन की टीम शुक्रवार सुबह साढ़े नौ बजे नोमान इलाही को उसकी बहन के मनमोहन नगर स्थित मकान पर लेकर पहुंची। यहां पुलिस ने कमरों की तलाशी ली, डायरी ढूंढने का प्रयास किया गया। नोमान ने भी यहां डायरी ढूंढी लेकिन नहीं मिली। 

बहन के सामने फूट-फूटकर रोया नोमान

नोमान ने पुलिस को बताया है कि उसको डायरी याद नहीं है कहां रखी है। संभावना इस बात की भी है कि वह उसके बैग से कहीं गिर गई हो। बहन जीनत के सामने आते ही नोमान फूट फूटकर रोया और यूपी की बोली में कहा कि …बोबो मैं बेकूसर हूं…मुझे बचा लो मैनें कुछ नहीं किया।
जीनत की भी आंखों में भाई को देखकर आंसू छलक आए। उसने कहा कि अगर उसने कोई गलत काम नहीं किया है तो डरने की जरूरत नहीं है। यहां नोमान को 10 मिनट तक रखा गया था। 

इकबाल नाम के व्यक्ति ने दी थी जिम्मेदारी

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नोमान ने रिमांड के दौरान बताया है कि इकबाल ने उसको मुख्य जिम्मेदारी थी। इकबाल के साथ कई और युवा जुड़े हुए हैं। नोमान ने पानीपत में आकर अपना बड़ा सर्कल बना लिया था। उसके मोबाइल में पानीपत के लगभग 150 युवकों के मोबाइल नंबर मिले हैं। पुलिस इन नंबर को भी ट्रेस कर रही है। जिनके नंबर मिले हैं उनको जांच में शामिल कर लिया गया है।

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