करनाल, 9 मई।  करनाल सहकारी चीनी मिल के प्रबंध निदेशक राजीव प्रसाद  ने बताया कि पिराई सत्र 2024-25 में करनाल सहकारी चीनी मिल ने नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए किसानों से जो गन्ना खरीद किया है, उसके कुल देय भुगतान 192 करोड़ रुपये में से 190 करोड़ रुपये का भुगतान बिना सरकार से लोन लिए अपने स्तर पर पूर्ण अदायगी के साथ किया है यानी कि अनुदान राशि जो केन कमिश्नर कार्यालय द्वारा जारी की जानी है के अलावा किसी भी किसान का मिल पर गन्ने का कोई बकाया नहीं रह गया है।
राजीव प्रसाद ने बताया कि करनाल सहकारी चीनी मिल का 2024-25 पिराई सत्र नवंबर 2024 को शुरू होकर 15 अप्रैल 2025 को पूरा हुआ किया है। मिल ने इस पिराई सत्र के दौरान 48.11 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई करके 9.47 प्रतिशत रिकवरी के साथ 4.55 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है, जिसका किसानों को कुल देय गन्ना भुगतान 192 करोड़ रुपये बनता है जिसमें से 190 करोड़ रुपये का भुगतान मिल ने बिना सरकार से लोन लिए अपने स्तर पर पूर्ण अदायगी के साथ कर दिया है।
उन्होंने बताया कि पिछले पिराई सत्र में शुरू की गई ऑनलाइन टोकन प्रणाली से ही किसानों ने स्वयं अपनी गन्ने की ट्रालियों पर टोकन लगाये और 2 से 3 घण्टे में अपनी गन्ने से भरी ट्राली खाली करके वापिस अपने घर चले जाते थे। इससे किसानों को समय की बचत के साथ-साथ वित्तीय लाभ भी हुआ है। इसके अलावा मिल में स्थापित 18 मेगावाट को0-जन0 प्लांट से मिल ने पिराई सत्र 2024-25 में बिजली का 35702600 किलोवाट प्रति घंटा उत्पादन किया और 22.67 करोड़ की बिजली हरियाणा पावर परचेज सेंटर को बेची गई है। इससे मिल द्वारा अतिरिक्त आय अर्जित की गई है जोकि अपने आप में एक कीर्तिमान है।

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