कई दिनों से भीषण गर्मी झेल रहे प्रदेशवासियों को वीरवार रात को शिमला जैसी ठंड का अहसास हुआ। रात 12 बजे मौसम ने करवट ली और तेज हवा के साथ 16 जिलों में वर्षा हुई। 

कैथल, करनाल और पानीपत में ओलावृष्टि भी हुई। आंधी की वजह से खंभे और पेड़ टूट गए। अनाज मंडियों में गेहूं भीग गया। कई जगह गाड़ियों पर पेड़ गिरने से काफी नुकसान हुआ। इसके बाद शुक्रवार दिन में आठ जिलों फरीदाबाद, गुरुग्राम, करनाल, जींद, पानीपत, सोनीपत, यमुनानगर और सिरसा में वर्षा हुई। 

सड़कों पर लगा जाम

जींद और हिसार में दो घरों पर आसमानी बिजली गिरने से खिड़कियों के शीशे टूट गए। दीवारों में दरारें आ गईं। लेंटर में गड्ढा हो गया। बिजली के उपकरण और तारें जल गई। गुरुग्राम में दिल्ली- जयपुर हाईवे पर नरसिंहपुर के पास जलभराव से मानेसर तक वाहन रेंगते आए।
औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में भी सब जगह जलभराव नजर आया। ग्रीन फील्ड अंडरपास में एक कार फंस गई। ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की ओर से सहायता मिलने पर कार को चालक सहित निकाल लिया गया। रेवाड़ी में रेवाड़ी-दिल्ली रेलमार्ग शुक्रवार को पांच घंटे से भी ज्यादा समय तक बाधित रहा। इसकी वजह से दस से ज्यादा ट्रेन प्रभावित हुई। इनमें लंबी दूरी के अलावा पैसेंजर ट्रेनें भी शामिल हैं। 

125 गांवों में गुल रही बिजली

सिरसा के आधे से अधिक क्षेत्र में करीब 10 घंटे तो झज्जर में शहर समेत 125 गांवों में कई घंटे बिजली गुल रही। जींद में ट्रांसफार्मर गिरे। वहीं फतेहाबाद में करीब 10 गांवों में सात घंटे बिजली बंद रही। सीवरेज लाइन के गड्ढे में स्कूली वैन धंस गई। लोगों ने वैन में सवार 12 बच्चों को बाहर निकाला और ट्रैक्टर की सहायता से वैन को बाहर निकाला। कैथल, करनाल और पानीपत में ओलावृष्टि से सब्जियों की फसल को नुकसान हुआ है। पानीपत में करीब 250 एकड़ बेल वाली सब्जियां बर्बाद हुई हैं।

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