उस दौरान गडकरी ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकण के अधिकारियों से कहा था कि दोनों फ्लाईओवर का निर्माण एक साथ शुरू किया जाए। निर्देशानुसार तैयारी तेज कर दी गई है। दोनों फ्लाईओवर के निर्माण से न केवल ट्रैफिक जाम का झंझट दूर होगा बल्कि हादसों पर लगाम लगेगी।
दोनों जगह से गुजरते हैं प्रतिदिन 40 हजार वाहन
एक अनुमान के मुताबिक मानेसर एवं बिलासपुर के नजदीक से प्रतिदिन औसतन 40 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर संचालित खेड़कीदौला टोल प्लाजा से प्रतिदिन औसतन 80 हजार वाहन गुजरते हैं। इनसे एनएचएआइ को प्रतिदिन औसतन 48 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त होता है।
अनुमान है कि लगभग 80 हजार में से 50 प्रतिशत वाहन ही मानेसर से आगे जाते हैं। इस वजह से मानेसर मेें ट्रैफिक का दबाव काफी अधिक है। वाहनों की संख्या कम होने के बाद भी बिलासपुर में ट्रैफिक का दबाव अधिक होने के पीछे मुख्य कारण यह है कि यह चौराहा है।
तावडू एवं पटौदी को जाने वाली सड़कों को यह चौराहा आपस में जोड़ता है। एक बड़ा कारण यह है कि बिलासपुर चौराहे से अधिकतर भारी वाहन गुजरते हैं। नजदीक ही बिनौला औद्योगिक क्षेत्र है।
हरियाणा सहित छह राज्यों को होगा लाभ
दिल्ली-जयपुर हाईवे से हरियाणा के अलावा राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली के लोग गुजरते हैं। इस तरह हरियाणा सहित छह राज्यों के लाेग प्रतिदिन ट्रैफिक का दबाव झेलते हैं। यही नहीं मानेसर एवं बिलासपुर में काफी घनी आबादी है। पूरे दिन लोग हाईवे पार करते रहते हैं।
इस वजह से अक्सर हादसे होते रहते हैं। दोनों फ्लाईओवर के बनने से हादसों में काफी कम आई आएगी। गांव मानेसर निवासी व सेवानिवृत्त मुख्य नगर योजनाकार प्रो. केके यादव कहते हैं कि कई साल से फ्लाईओवर बनाने की मांग चल रही है। न जाने कितने लोग हादसों के शिकार हो चुके हैं। अब देरी नहीं होनी चाहिए। दोनों जगह फ्लाईओवर बनने से आसपास क इलाकों में विकास की गति तेज होगी।