भाजपा सरकार मे खुलेआम चल रही खर्ची व पर्ची : अशोक अरोड़ा
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बोले, सहकारी समितियों मे नियमों को ताक पर रखकर धडल्ले से बांटी जा रही नौकरियां
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सरकार साफ करे, सहकारी समितियों में किसकी चल रही पर्ची और किसे जा रही खर्ची : अरोड़ा
कुरुक्षेत्र, 26 अप्रैल। हरियाणा के पूर्व मंत्री एवं थानेसर के विधायक अशोक अरोड़ा ने सरकार के बिना पर्ची खर्ची नौकरी देने के दावे की पोल खोलते हुए कहा कि इस सरकार मे पर्ची भी चल रही है खर्ची भी चल रही है। उन्होने सहकारी समितियों का जिक्र करते हुए कहा कि पर्ची और खर्ची के साथ सहकारी समितियों में नियमों को ताक पर रखकर नौकरियों रेवडियों की तरह बांटी जा रही हैं। सरकार को अब बताना चाहिए कि किसकी पर्ची से ये नौकरियां दी गई व किसको ये खर्ची गई है। अशोक अरोड़ा शनिवार को अपने कार्यालय मे पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे।
पूर्व विधानसभा स्पीकर अशोक अरोड़ा ने कहा कि सहकारी समितियां लोगों के पैसे से चलती हैं। लेकिन कुछ लोगों द्वारा अपने लोगों को नौकरियां दी जा रही हैं। बारना सहकारी समिति का जिक्र करते हुए अरोड़ा ने कहा कि बारना सहकारी समिति मे 9 बच्चे लगाए गए हैं जबकि इस सोसाईटी का बोर्ड भी टूटा हुआ है। गांव ज्योतिसर की सहकारी समिति मे 7 बच्चे लगा दिए गए हैं, जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। ज्योतिसर मे बगैर एजेंडा दिखाए व बिना मीटिंग करे सात लोगों को नौकरी दे दी गई हैं जोकि जांच का विषय है। इस बारे मे उनकी एमडी कोपरेटिव सोसाईटी से बात हुई व एआर से बात हुई है। उन्होने कहा कि उनको अखबारों के माध्यम से इस बारे मे पता चला है। यह बहुत ही आश्चर्यचकित कर देने वाली बात है कि बिना किसी अनुमति के नौकरियां दी जा रही हैं। इस बारे मे उन्होने सहकारिता मंत्री से बात की है, उन्होने स्पष्ट किया है कि सहकारी समितियों में इस प्रकार से नौकरी पर नही रखा जा सकता। इसके लिए बकायदा नियम बनाए गए हैं। लेकिन कुरुक्षेत्र जिला की इन समितियों में तो नियम नाम की कोई बात नजर नही आ रही है। इस मौके पर उनके साथ ओमपाल कश्यप व सतीश टामक भी मौजूद रहे।
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पूर्व मँत्री के पीए के लडके को ज्वाईन करवाया गया है ज्योतिसर मे
अशोक अरोड़ा ने कहा कि पूर्व मँत्री के पीए के बेटे को ज्योतिसर सोसाईटी मे ज्वाईन कराया गया है। इसके अलावा अन्य स्थानों पर भी इसी प्रकार भर्तियां की गई हैं। नगर परिषद थानेसर का जिक्र करते हुए उन्होने कहा कि नगर परिषद मे लगभग 50 कर्मचारी ऐसे लगे हुए हैं जोकि वाईस चेयरमैन व पार्षदों के बेटे या रिश्तेदार हैं। इन सबकी भर्ती किसी पर्ची से हुई और किसने इनकी खर्ची ली, यह भी जांच का विषय है।
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सरकार बताए किसने ली खर्ची
अशोक अरोड़ा ने सरकार से सवाल किया कि इन नौकरियों की कब एडवर्टाइजमेंट हुई, कब विभाग द्वारा डिमांड भेजी गई। ऐसे मे पूरी धांधली यहां नजर आ रही है। अरोड़ा ने कहा कि चुनाव के दौरान पूर्व मँत्री ने उस पर आरोप लगाए थे कि गांव अमीन मे 21-21 लाख रूपए लेकर नौकरियां लगाई गई। इस पर उसने स्वयं मुख्यमँत्री को पत्र लिखा और स्वयं भी मिले कि आखिर किसने पैसे लिए इसकी जांच होनी चाहिए लेकिन अब तक कुछ नही हुआ। अरोड़ा ने कहा कि सहकारी समितियों में जिस प्रकार से धांधली की जा रही है, इसको लेकर वे मुख्यमँत्री को फिर से पत्र लिखकर मांग करेंगें कि इसकी जांच करवाई जाए।