रेवाड़ी में विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल आदि संगठनों ने राजीव चौक से सचिवालय तक प्रर्दशन और नारेबाजी की। बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
एंकर :: भारत में वक्फ कानून के विरोध की आड़ में बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा का चौतरफा विरोध हो रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया और महामहिम राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। रेवाड़ी में विश्व हिंदू परिषद तथा बजरंग दल आदि हिंदू संगठनों ने राजीव चौक पर एकत्रित होकर प्रदर्शन किया तथा लघु सचिवालय पहुंचकर तथा राष्ट्रपति के नाम एसडीएम सुरेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा। हिंदू संगठनों ने सचिवालय गेट पर नारेबाजी की और हिंसात्मक घटना के लिए वहां की सरकार शासन और प्रशासन जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए वहां की सरकार और प्रशासन नाकाम है। इसलिए वहां बिना किसी देरी के राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। एक रहोगे तो सेफ रहोगे, बांटोगे तो कटोगे के नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। विहिप के जिला प्रधान राधेश्याम मित्तल तथा जिला मंत्री राजकुमार यादव ने ज्ञापन में लिखी मांगों को पढ़कर सुनाया।
विहिप के जिला प्रधान राधेश्याम मित्तल, जिला मंत्री राजकुमार यादव तथा सचिव राजेंद्र सिंहल आदि ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि वक्फ बिल की आड़ में बंगाल में उपद्रव हो रहा है। अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमला कर उन्हें बेवजह निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण बंगाल को हिंसा की आंख में झोंकने का काम किया जा रहा है। हिंदू को प्रताड़ित किया जा रहा है। वहां की सरकार द्वारा राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी तत्वों को खुली छूट दी जा रही है। इसे स्पष्ट होता है कि बंगाल की स्थिति अत्यधिक चिंताजनक बनी हुई है। मुर्शिदाबाद से प्रारंभ हुई हिंसा समूचे बंगाल में फैलती दिखाई दे रही है। इससे पहले कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाए केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करते हुए तुरंत प्रभाव से वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए तथा नियंत्रण व संचालन अपने हाथ में लेना चाहिए।
हिंदू संगठनों ने ज्ञापन सौंप कर मांग की है कि बिना किसी देरी के बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। बंगाल की हिंसा की जांच एनआईए के द्वारा करवाई जानी चाहिए और दोषियों को अविलंब दंड दिया जाना चाहिए। बंगाल की कानून व्यवस्था का संचालन केंद्रीय सुरक्षा बल के हाथ में दिया जाना चाहिए। बांग्लादेशी वेयर होंगे घुसपैठियों की पहचान कर उनको निष्काशित किया जाए। बंगाल में बांग्लादेश की 450 किलोमीटर की सीमा पर तार लगाने का काम अविलंब प्रारंभ किया जाए जिसे ममता बनर्जी सरकार ने रोका हुआ है। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि राष्ट्र की सार्वभौमिक एकता और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए भारत सरकार इस पर अभिलंब और त्वरित कार्रवाई करेगी।