भक्ति से शक्ति यात्रा को लेकर कश्यप धर्मशाला कुरुक्षेत्र में हुई बैठक
30 अप्रैल से हिमाचल प्रदेश में स्थित ज्वाला माता मंदिर से यात्रा का होगा शुभारंभ
12 मई को मध्य प्रदेश में होगा समापन, सात राज्यों से गुजरेगी यात्रा
3 मई को पहुचेगी पिहोवा, यात्रा में लाखों लोग होंगे शामिल
कुरुक्षेत्र 13 अप्रैल/
हिमाचल प्रदेश में स्थित ज्वाला माता मंदिर से 30 अप्रैल से भक्ति से शक्ति यात्रा शुरू होगी। और 12 मई को मध्य प्रदेश में इस यात्रा का समापन होगा। भक्ति से शक्ति यात्रा को लेकर कुरुक्षेत्र के कश्यप राजपूत धर्मशाला में एक बैठक हुई। इस बैठक में यात्रा के संयोजक डॉ योगी अनूपनाथ ने समाज के लोगों के साथ बैठक की। इस बैठक में कश्यप समाज, बाल्मीकि, रविदास, ब्राह्मण, सैनी, यादव, प्रजापति, जोगी, जंगम, सुनार , रोड समाज, सैनी समाज के पदाधिकारी लोग शामिल हुए। और यात्रा की रूपरेखा को लेकर बैठक में विचार विमर्श किया गया। भक्ति से शक्ति यात्रा के संयोजक डॉ योगी अनूप नाथ ने जानकारी देते हुए बताया कि भक्ति से शक्ति यात्रा 30 अप्रैल से 12 मई तक निकल जाएगी। और इस यात्रा का शुभारंभ हिमाचल प्रदेश में स्थित ज्वाला माता मंदिर से शुभारंभ होगा। और माता स्वयं ज्योति स्वरूप में इस यात्रा में रहेगी। और यह यात्रा देश के 7 राज्यों से गुजरेगी। और इस दौरान कई हजारों की संख्या में लोग इस यात्रा में शामिल होंगे और यह यात्रा 3 मई को पिहोवा पहुंचेगी।डॉ योगी अनूप नाथ ने कहा कि शाश्वत हिन्दू का विश्वास है कि अब समय आ गया है, जब दुनिया भारत की ओर ‘विश्वगुरु’ की भूमिका निभाने के लिए देख रही है। हमें देश की आध्यात्मिक शक्ति को संग्रहीत कर राष्ट्र निर्माण के कार्यों मे लगाना होगा।भक्ति शक्ति का आधार है, शक्ति सहृष्टि का और माँ शक्ति का स्रोत। यही आज का विज्ञान कहता है और जो सनातन परंपरा, आस्था एवं शस्त्रों में वर्णित है। पालन करता रूप ये बीड़ा शाश्वत हिन्दू प्रतिष्ठान ने उठाया है। शक्ति पीठ ज्वाला देवी में जल रही नौ ज्योति जिसमें महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, हिंगलाज भवानी, विंध्यवासिनी, अन्नपूर्णा, चंडीदेवी, अंजनादेवी और अंबिकादेवी आदि अनादि काल से जगत कल्याणी के रूप में समस्त पीड़ाओं का हरण कर सुख शांति और समृद्धि का वरदान दे रही है, मां ज्वाला सदियों से गुरु गोरखनाथ जी का इंतजार कर रही है, नाथो के साथ ज्वाला माई का रिश्ता मां और पुत्र का है।इस बैठक में राजबीर कश्यप प्रधान, देशराज कश्यप, संजीव कश्यप, वरिष्ठ प्रान्त सयोंजक ज्ञान सिंह, हरिकृष्ण, डॉ० सुनील कुमार, जगमोहन यादव, सूरजभान योगी, शिवदयाल जंगम, ऋषिपाल प्रजापति, प्रधान जागीर सिंह,कश्यप समाज, बाल्मीकि, रविदास, ब्राह्मण, सैनी, यादव, प्रजापति, जोगी, जंगम, सुनार , रोड समाज, सैनी समाज के पदाधिकारियों मौजूद रहे।