विधायक जगमोहन आंनद ने की मुख्यातिथि के रूप में शिरकत
करनाल, 13 अप्रैल ।   करनाल के विधायक जगमोहन आंनद ने डॉ.भीमराव अम्बेडकर जन्मोत्सव कमेटी, बाबा साहेब बीआर अम्बेडकर नवनिर्माण सभा,  ज्योतिबा फुले एवं समस्त अम्बेडकरवादी संस्थाओं द्वारा सैक्टर-16 के सामुदायिक केन्द्र में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर एवं महामना ज्योतिबा फुले जी की जंयती पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
इस मौके पर विधायक जगमोहन आंनद ने कहा कि बाबा साहेब ने आजीवन जातिगत भेदभाव, सामाजिक असमानता और आर्थिक विषमता के खिलाफ संघर्ष किया। उन्होंने भारत के संविधान में ऐसे प्रावधानों को स्थान दिया जो हर नागरिक को समान अवसर, न्याय, शिक्षा और सम्मान का अधिकार प्रदान करते हैं। समाज को सही दिशा में संगठित होकर हमें आगे चलना चाहिए। बाबा साहेब इतने विद्वान थे, कि उन्होंने अपनी शिक्षा और काबिलियत के दम पर ऊंचाईयों को छुआ और उसके बाद भारत के संविधान बनाने वाली प्रारूप समिति के अध्यक्ष बने।
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान को बाबा साहेब ने एक लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और समतावादी दस्तावेज को तैयार किया। संविधान में उन्होंने सामाजिक न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के सिंद्वातों को मूल आधार बनाया। उन्होंने कहा कि हम सभी को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर एवं महामना ज्योतिबा फुले द्वारा बताए गए मार्ग पर चलना चाहिए और भारत को एक सशक्त, समान और समावेशी राष्ट्र बनाने में अपना योगदान देना चाहिए।
इस मौके विधायक जगमोहन आंनद ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर एवं महामना ज्योतिबा फुले जी ने समाज में समानता, शिक्षा और मानवता की ज्योति जलाने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि महामना ज्योतिबा फुले ने जाति व्यवस्था और अस्पृश्यता के उन्मूलन के लिए काम किया तथा वे 19वीं सदी में महाराष्ट्र में सामाजिक सुधार आंदोलन के प्रमुख थे, उन्हें महिला शिक्षा और दलितों के अधिकारों के लिए उनके काम के लिए जाना जाता है। उन्होंने महिला शिक्षा के लिए काम किया तथा उन्हें भारत में सामाजिक सुधार आंदोलन के अग्रदूत के रूप में माना जाता है। इस मौके पर संबंधित संस्थाओं के प्रतिनिधि व सदस्यगण भी उपस्थित थे।

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