अधिकारी अत्यधिक गर्मी और लू से बचाव को लेकर उठाए जरूरी कदम:नेहा सिंह
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी विभागों को हीटवेव से बचाव के लिए नागरिकों को जागरूक करने के दिए निर्देश
कुरुक्षेत्र, 9 अप्रैल। उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने हीट-वेव यानि लू अथवा अत्यधिक गर्मी से बचाव को लेकर विभिन्न विभागों को निर्देश जारी किये है। उन्होंने गर्मी के चलते सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जिले में गर्मी की लहर की स्थिति पर नजर रखें। हीट वेव के दुष्प्रभावों को कम करने के हर संभव प्रयास करें। गर्मी की लहर से संबंधित प्रतिकूल प्रभावों से बचने के लिए जनता को जागरूक करना भी जरूरी है। इसके लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों में जागरूकता लाई जाए ताकि लोग अत्यधिक गर्मी से बचाव कर सकें।
उपायुक्त नेहा सिंह ने महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि शिशुओं, पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं और वृद्ध लोगों पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि उन्हें निर्जलीकरण से बचाया जा सके। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को जरूरी दवाईयों का प्रबंध रखने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य केंद्रों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर ओआरएस पैकेट, आवश्यक दवा, तरल पदार्थ, आइस पैक, जीवन रक्षक दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति का प्रावधान हो। स्वास्थ्य केंद्रों, सीएचसी/पीएचसी पर कूलर आदि लगाएंं। हीट स्ट्रोक रूम में जरूरत के अनुरूप बिस्तर के अलावा उपलब्धता के अनुसार सीएचसी और पीएचसी पर ठंडे पानी का प्रबंध हो। सभी अस्पतालों/पीएचसी/सीएचसी में ओआरएस और तरल पदार्थ के पर्याप्त स्टॉक हो। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र / सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं जिला अस्पताल पर आवश्यक दवाईयां उपलब्ध हो, आपातकालीन सेवाएं 24 घंटे सुचारू रखें।
उन्होंने कहा कि पंचायती राज विभाग को मनरेगा श्रमिकों को दिन के दौरान अत्यधिक गर्मी से बचाने के लिए काम के घंटों को ध्यान रखने और कार्यस्थलों पर पर्याप्त पेयजल व छांव का प्रबंध रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि पार्कों, बस अड्डों, पर्यटक स्थलों तथा खुले क्षेत्रों में छाया की व्यवस्था करें। मंदिर, सार्वजनिक भवन, मॉल जैसे कूलिंग सेंटर की पहचान की जा सकती है और उनका उपयोग किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों के सार्वजनिक स्थलों, चौराहों व आवश्यकतानुसार संबंधित गांवों में पानी की टंकी/टैंकरों आदि की व्यवस्था कराना सुनिश्चित कराएं।
उपायुक्त नेहा सिंह ने बिजली निगम को निर्देश दिए गए हैं कि बिजली की कटौती के दौरान पावर बैकअप का प्रावधान किया जाए ताकि निर्बाध बिजली उपलब्ध हो सके। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में टूटे हुए बिजली के खंभों आदि को सुदृढ़ करना व क्षेत्रों में समय-समय पर रोस्टर के आधार पर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना। बिजली कट के बारे में लोगों को सूचना दें।
उन्होंने कहा पशु पालन विभाग व जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि आमजन के साथ-साथ पशुओं के पीने के पानी के लिए ट्यूबवेल आदि का भी प्रबंध किया जाए। मवेशियों की सुरक्षा के लिए हीटवेव एक्शन प्लान तैयार करें। गर्मी की स्थितियों के दौरान पशुधन में आने वाली बीमारियों के लक्षण व उसके बचाव के बारे में लोगों को जागरूक करें। पशुओं को सुरक्षित रखने हेतु टीकाकरण का कार्य नियमित रूप से संचालित किया जाये, साथ ही पशु केन्द्रों पर आवश्यक दवाओं का भण्डारण सुनिश्चित हो। श्रम विभाग द्वारा गर्मी की लहर से संबंधित बीमारी के संबंध में निर्माण/उद्योगों/वाणिज्यिक संस्थाओं के साथ प्रशिक्षण दिया जाए। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से विशेष रूप से अनौपचारिक क्षेत्रों और बस्तियों में स्वास्थ्य शिविर लगाएं जाए। इसके अलावा श्रमिकों के लिए सभी कार्य परिसरों में पेयजल की सुविधा मुहैया करवाई जाए।
उपायुक्त नेहा सिंह ने नगर परिषद को निर्देश दिए गए हैं कि वे शहरी क्षेत्रों के सब्जी मण्डी / चौराहों व सार्वजनिक स्थलों पर शीतल जल की समुचित व्यवस्था हो तथा नगर के दूर-दराज क्षेत्रों में पानी आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करना है। इसी प्रकार , शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि अत्यधिक गर्मी/दोपहर में लू से बचने के लिए सरकार या विभाग के निर्देशानुसार स्कूलों का समय पुनर्निर्धारित किया जाए। स्कूल जल्दी शुरू हो सकते हैं और दोपहर से पहले बंद हो सकते हैं। सभी स्कूलों और शिक्षा संस्थानों में स्वच्छ पेयजल का प्रबंध हो। उन्होंने जनस्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि लोगों को पानी की बचत के बारे में जागरूक करें। लोगों को बताएं कि वे पेयजल से वाहनों को न धोएं। पानी की बर्बादी को रोके। परिवहन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वे बस स्टैंडों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षित परिवहन के लिए स्वास्थ्य टीमों की तैयारी एवं पीने के पानी तथा यात्रियों के लिए लू से बचाव की उचित व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। स्टैंडों पर प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था भी की जाए।
उपायुक्त नेहा सिंह ने अग्निशमन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि लू के दृष्टिगत अग्निशमन विभाग 24 घंटे उपलब्ध हो। आगजनी की सूचना हेतु टोल फ्री व उसका प्रचार प्रसार करें। सभी जिलों में संवेदनशील बिल्डिंग तथा सरकारी भवन, अस्पताल, विद्यालय आदि में फायर सेफ्टी ऑडिट कराते हुए पूर्व से ही फायर मॉक ड्रिल सुनिश्चित कर लिया जाए।
साइक्लोथॉन-2.0 यात्रा के माध्यम से आमजन को दिया जा रहा है नशा मुक्त हरियाणा का संदेश:नेहा सिंह
कुरुक्षेत्र 9 अप्रैल। उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा शुरू की गई साइक्लोथॉन-2.0 का 21 अप्रैल को कुरुक्षेत्र में प्रवेश करने पर स्वागत किया जाएगा। इस अवसर पर ड्रग फ्री हरियाणा का संदेश सभी हरियाणा वासियों को दिया जा रहा है।
उपायुक्त नेहा सिंह ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि नशा मुक्त हरियाणा के संदेश के साथ
साइक्लोथॉन कुरुक्षेत्र जिले में 21 अप्रैल को अंबाला से प्रवेश करेगी। यह साइक्लोथॉन कुरुक्षेत्र की मोहडी, खानपुर जाटान, चढूनी जाटान,खानपुर कोलिया और रात्रि कुरुक्षेत्र में ही साइक्लोथॉन यात्रा रुकेगी और 22 अप्रैल को सुबह 7 बजे साइक्लोथॉन को कैथल जिले के लिए रवाना किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह यात्रा कुरुक्षेत्र के कमौदा, पिंडारसी के साथ-साथ मार्ग में आने वाले अन्य गावों में भी पहुंचेगी। इस साइक्लोथॉन का जगह-जगह स्वागत करने के लिए गांव के सरपंचों और गणमान्य नागरिकों की ड्यूटियां लगाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि खेल विभाग के साथ-साथ कुरुक्षेत्र के अन्य नागरिक भी इस साइक्लोथॉन में भाग ले।
उन्होंंने कहा कि साइक्लोथॉन में भाग लेने के लिए जिला कुरुक्षेत्र के इच्छुक व्यक्ति पोर्टल साइक्लोथॉन के लिए उदय.हरियाणा.जीओवी.इन तथा एनटीड्रगअंडरस्कोरसाइक्लोथॉन पर जाकर पंजीकरण करवाया जा सकता है। पंजीकरण के आधार पर ही साइक्लोथॉन में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को ई-प्रमाण पत्र भी मिलेगा।
पासपोर्ट कार्यालय की तर्ज पर हाईटेक होंगे रजिस्ट्री कार्यालय:नेहा सिंह
कुरुक्षेत्र 9 अप्रैल। उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा विभाग से संबंधित बजट अभिभाषण में की गई घोषणाओं पर तत्परता से कार्य करें और हर 15 दिन में अपने स्तर पर समीक्षा बैठक कर रिपोर्ट भेजना सुनिश्चित करे।
उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य के भू रिकॉर्ड के अपडेशन का कार्य अगस्त, 2025 तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग के रजिस्ट्री कार्यालयों को पासपोर्ट कार्यालयों की तर्ज पर हाईटेक किया जाएगा। भूमि की पैमाइश अब जरीब की बजाय रोबोट के माध्यम से की जाएगी, इसकी घोषणा भी बजट में की गई है। उन्होंने कहा कि ऐसी ज़मीन या संपत्ति जो सरकार के स्वामित्व में हो, लेकिन इसे सीधे राज्य संपत्ति के तौर पर प्रशासित न किया जाए, बल्कि पट्टे या लाइसेंस पर दी जाए। उन्होंने नजूल भूमि का स्वामित्व सरकार के पास होता है, लेकिन इसका इस्तेमाल आम तौर पर पट्टे या लाइसेंस के माध्यम से किया जाता है, की भी जानकारी मांगी।
उपायुक्त नेहा सिंह ने भीषण गर्मी से बचाव एवं हीट वेव के बचाव के तहत जो सावधानियां बरती जा सकती है, उस बारे प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाए।
मानसून से पहले नालों और नहरों की सफाई करें सुनिश्चित करें अधिकारी:नेहा सिंह
अधिकारियों, कर्मचारियों को मानसून से पहले फील्ड में रहकर करना होगा काम, बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं की समीक्षा करें अधिकारी, परियोजना में कोई कमी पाए जाने या देरी होने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ होगी कार्रवाई
कुरुक्षेत्र, 9 अप्रैल। उपायुक्त नेहा सिंह ने आगामी मानसून के मौसम में जिले में जलभराव रोकने के लिए सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कि वे अपने क्षेत्रों में नालों की सफाई और नहरों की डिसिल्टिंग करवाना सुनिश्चित करें। इसके अलावा बाढ़ नियंत्रण के लिए चल रही परियोजनाओं की निरंतर समीक्षा करें और समयबद्ध तरीके से उन परियोजनाओं को पूरा करवाना सुनिश्चित करें। यदि किसी परियोजना में कोई कमी पाई जाती है या परियोजना में किसी प्रकार की देरी होती है, संबंधित अधिकारियों की जिम्मेवारी तय करते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि जिला में स्टोन स्टड, स्टोन स्टीनिंग, नालों की रीमॉडलिंग, स्थायी पंप हाउसों के निर्माण, निचले इलाकों में पाइपलाइन बिछाने और बाढ़ के पानी को नालों में गिराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी नदी के जो तटबंध गांवों की तरफ लगते हैं, उन तटबंधों की मजबूती पुख्ता की जाए। इसके अलावा, भूमि कटाव को रोकने के लिए पत्थर के स्टड बनाएं जाएं। उन्होंने बाढ़ नियंत्रण के लिए बड़ी संख्या में बनाए गए स्टोन स्टड की समीक्षा करने के निर्देश दिए ताकि जरूरत के अनुसार समय पर मरम्मत की जा सके।
उपायुक्त ने कहा कि सरस्वती नदी में सीवेज का पानी या प्रदूषित नाला नहीं गिरना चाहिए क्योंकि सरस्वती नदी को साफ करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमें सीवेज के पानी के बहाव के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वे जिले में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित करें ताकि प्रदूषित पानी को सरस्वती नदी में जाने से रोका जा सके।
उपायुक्त नेहा सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में सिंचाई के लिए उपलब्ध पानी का समान व समुचित वितरण सुनिश्चित किया जाए ताकि किसानों को किसी प्रकार की कोई कठिनाई न आए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी स्त्रोंतों से उपलब्ध जल का प्रबंधन सही ढंग से करते हुए जिले के हर इलाके में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि आगामी गर्मी के मौसम में पेयजल आपूर्ति की कोई कमी नहीं होनी चाहिए। पेयजल आपूर्ति के लिए जलाशयों की सफाई, रॉ वाटर की आपूर्ति, टैंकर्स की आवश्यक संख्या आदि के लिए समुचित व्यवस्था की जाए।
सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए परिवार पहचान पत्र में दुरुस्त बैंक खाते का सत्यापन जरूरी:सोनू भट्ट
कुरुक्षेत्र 9 अप्रैल। अतिरिक्त उपायुक्त सोनू भट्ट ने कहा कि हरियाणा सरकार से संबंधित विभागों में विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए परिवार पहचान पत्र में बैंक खाता जुड़वाना एवं दुरुस्त करवाना अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि सरकार से संबंधित विभागों में विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए कृपया अपने नजदीकी परिवार पहचान पत्र केन्द्र/तहसील या सरल केंद्र में जाकर अपने परिवार पहचान पत्र में बैंक खाता जुड़वाना/सत्यापन करवाना जरुर सुनिश्चित करें।
कम अवधि में परिपक्व होने वाली धान की किस्म की खेती करें किसान:नेहा सिंह
कुरुक्षेत्र 9 अप्रैल। उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि किसानों को चाहिए कि वे कम परिपक्वता अवधि वाली और कम पराली उत्पादन करने वाली किस्मों की ओर रुख करें, जिससे पराली जलाने की समस्या को कम किया जा सके। राज्य ने फसल अवशेष के प्रबंधन के लिए सभी संभव उपायों की खोज की है।
उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि इस दिशा में एक विकल्प, धान की कम अवधि वाली किस्मों को अपनाना, धान के पराली को खुले में जलाने पर प्रभावी नियंत्रण करना है, जिसे एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा तलाशने की भी सिफारिश की गई है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की मदद से सीक्यूएम ने एनसीआर राज्यों के लिए कुछ छोटी अवधि वाली किस्मों की सिफारिश की है।
उन्होंने कहा कि पराली जलाने से उत्पन्न प्रदूषण और पर्यावरणीय समस्याओं को कम करने के लिए पूसा-44 जैसी लंबी अवधि वाली किस्मों की खेती को हतोत्साहित करना आवश्यक है। इसके स्थान पर कम अवधि वाली और उच्च उपज देने वाली किस्मों को अपनाना चाहिए।
साइबर वित्तीय धोखाधड़ी की तत्काल सूचना देने के लिए डायल करें 1930:नेहा सिंह
कुरुक्षेत्र 9 अप्रैल। उपायुक्त नेहा सिंह ने सोशल मीडिया के दौर में बढ़ते साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों को ध्यान में रखते जिला वासियों से अपील करते हुए कहा कि वे ऐसे मामलों की तत्काल सूचना देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क सकते हैं।
उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि पिछले कुछ सालों से लोगों में ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते के्रज के कारण अक्सर लोग सोशल मीडिया पर बंपर डिस्काउंट, लॉटरी या फिर इनामी विज्ञापनों के झांसे में आ जाते हैं। ऐसे में पहले यह सुनिश्चित कर लें कि इस्तेमाल की जा रही वेबसाइट सुरक्षित है या नहीं। उन्होंने कहा कि अगर संभव है तो कोशिश करें कि ऑनलाइन साइट्स से सामान मंगवाते समय कैश ऑन डिलीवरी का ऑप्शन चुने ताकि आपकी बैंक और कार्ड डिटेल साइबर अपराधियों के हाथ न लग सके।
उपायुक्त ने कहा कि यदि फिर भी किन्ही कारणों से आपके साथ किसी प्रकार की साइबर धोखाधड़ी होती है तो आप सबसे पहले हेल्पलाइन नंबर 1930 डायल करें और अपनी शिकायत को साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज करें। जिला के युवाओं से अपील की है कि वे साइबर अपराधों से सावधान रहें और अपने परिवार के सदस्यों को भी जागरूक करें। उन्होंने कहा कि पहले साइबर फ्रॉड की सूचना के लिए 155260 हेल्पलाइन की सुविधा प्रदान की गई थी लेकिन अब केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उपरोक्त नंबर की जगह 1930 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है।
उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी जैसे अपराध की रिपोर्ट करने के लिए पुलिस स्टेशन जाकर पारंपरिक तरीके से एफआईआर करवाना व उसकी जांच होना एक लंबी प्रक्रिया है। ऐसे में तुरंत कार्रवाई के लिए हेल्पलाइन का विकल्प सबसे सर्वोत्तम माध्यम है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों की जितनी जल्दी सूचना दी जाए, उतना ही बढिय़ा ताकि आगे की ट्रांजेक्शन को रोकने के लिए पीडि़त को त्वरित सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि पीडि़त व्यक्ति साइबर क्राइम की वेबसाइट साइबरक्राइमडॉटजीओवीडॉटइन पर भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है।
एमटीपी और अल्ट्रासाउंड केंद्रों के निरीक्षण के लिए स्वास्थ्य विभाग को जारी किए कड़े निर्देश:नेहा सिंह
कुरुक्षेत्र 9 अप्रैल। उपायुक्त नेहा सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सभी एमटीपी (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ़ प्रेगनेंसी) और अल्ट्रासाउंड केंद्रों की गहन जांच सुनिश्चित करें। इतना ही नहीं स्वास्थ्य प्राधिकरण के मानदंडों का उल्लंघन करने वाले ऐसे किसी भी केंद्र के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि यदि कोई डॉक्टर इन केंद्रों पर गड़बड़ी में संलिप्त पाया जाता है, तो स्वास्थ्य विभाग उनके मेडिकल पंजीकरण को तत्काल रद्द करने के लिए हरियाणा मेडिकल काउंसिल को सूचित करे। उन्होंने कहा कि अवैध गतिविधियों, विशेष रूप से लिंग निर्धारण और लिंग आधारित भेदभाव में शामिल लोगों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। हरियाणा में संतुलित लिंगानुपात सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है और हम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) कार्यक्रम की सफलता की राह पर निरन्तर आगे बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य प्राधिकरण के मानदंडों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को, विशेष रूप से लिंग निर्धारण जैसे कुकृत्यों में, बख्शा नहीं जाएगा।
उपायुक्त नेहा सिंह ने जिला सिविल सर्जन को निर्देश देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग सभी गर्भपात मामलों पर नजऱ रखने और उनका विश्लेषण करने तथा किसी भी अनैतिक व्यवहार को रोकने के लिए एमटीपी केंद्रों पर कड़ी नजऱ रखेंगे। उन्होंने कहा कि सभी अल्ट्रासाउंड मशीनों में कार्यात्मक ट्रैकर होने चाहिए जो लिंग निर्धारण परीक्षण किए जाने पर स्वास्थ्य अधिकारियों को एसएमएस अलर्ट भेजते हैं। राज्य पोर्टल पर स्व-पंजीकरण करने वाली गर्भवती महिलाओं को 100 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की संभावना तलाशने का भी सुझाव दिया। हरियाणा द्वारा लिंग-चयनात्मक गर्भपात के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई करके, माता-पिता और परिवारों को परामर्श प्रदान करके, गर्भधारण पर बारीकी से नजऱ रखकर और लड़कियों के महत्व के बारे में सामाजिक धारणाओं को बदलने के उद्देश्य से जागरूकता अभियान चलाकर जन्म के समय लिंगानुपात दर में सफलतापूर्वक सुधार किया गया है।