कलात्मक और प्रभावशाली ढंग से कहने का तरीका है भाषणःपुनीता बावा
कुवि में रोस्ट्रम-2024-25 के विजेताओं के लिए एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
कुरुक्षेत्र, 01 अप्रैल।
 कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डॉ. अम्बेडकर अध्ययन केन्द्र के निदेशक डॉ. प्रीतम सिंह ने कहा कि संवाद कला जितनी बारीकी से सीखनी पड़ती है उसी बारीकी से किसी भी विषय पर विस्तारपूर्वक जानकारी का अध्ययन करना पड़ता है। भाषा की जानकारी के साथ-साथ अपने संवाद में संवेदनाएं व भाव भी व्यक्त करना एक अच्छे वक्ता की पहचान है।
वे मंगलवार को सीनेट हॉल में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय द्वारा रोस्ट्रम-2024-25 के विजेताओं के लिए आयोजित एक दिवसीय दिवसीय कार्यशाला में बोल रहे थे। इससे पहले दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। प्रो. ओमवीर सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
डॉ. प्रीतम सिंह ने छात्रों से आह्वान किया कि भारतीय ज्ञान परम्परा के अनुसार जो भी विषय देश, समाज अथवा विश्व को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से प्रभावित करता है उस पर अपनी अध्ययन से अपने विचार अवश्य व्यक्त करे। उन्होंने आयोजकों को इस सफल आयोजन के लिए अपनी शुभकामनाएं  दी।
मुख्य वक्ता चंडीगढ़ से आई पेशेवर उद्घोषक पुनीता बावा ने कहा कि भाषण देना, व्याख्यान देना अपनी बात को कलात्मक और प्रभावशाली ढंग से कहने का तरीका है। इसमें अपने भावों को आत्मविश्वास के साथ नपे-तुले शब्दों में कहने की दक्षता प्राप्त कर व्यक्ति ओजस्वी वक्ता हो सकता है। भाषण ऐसा हो, जो श्रोता को सम्मोहित कर ले और वह पूरा भाषण सुने बिना सभा के बीच से उठे नहीं। अच्छा वक्ता बनने के लिए लेखन की तरह ही भाषण में भी तर्क, तथ्य प्रमाण, उदाहरण, अनुभव, इतिहास, परामर्श, मंथन आदि अनेक आधारों पर अवलंबन करने से ही, कुशल वक्ता बनने या कहलाने का अवसर मिलता है।
छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों के शैक्षणिक विकास के साथ-साथ सर्वांगीण विकास करना है। उन्होंने बताया कि 02 से 04 अप्रैल 2025 को प्रातः 09.30 बजे सीनेट हॉल में रोस्ट्रम-2024-25 (वार्षिक सार्वजनिक भाषण प्रतियोगिता) के पहले दौर के 42 विभागों के 128 विजेता छात्रों (85 छात्राएं तथा 43 छात्र) के लिए रोस्ट्रम प्रतियोगिता के दूसरे दौर का आयोजन किया जाएगा। डॉ. अर्चना चौधरी ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी, प्रो. ओमवीर सिंह, डॉ. अर्चना चौधरी सहित शिक्षक, विद्यार्थी मौजूद थे।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते महत्व पर हुई चर्चा
कुरुक्षेत्र, 1 अप्रैल।
 कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में यूजीसी मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र, द्वारा कुवि के इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के सहयोग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक सप्ताह के ऑनलाइन संकाय विकास कार्यक्रम का समापन सत्र आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि वाणिज्य और प्रबंधन संकाय की डीन प्रो. नीलम ढांडा ने दिन-प्रतिदिन के जीवन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते महत्व और विशेष रूप से दक्षता, नवाचार और समस्या समाधान क्षमताओं को बढ़ाने की क्षमता के कारण आने वाले समय में इसकी बढ़ती भूमिका के बारे में बताया।
वॉकहार्ट लिमिटेड समूह के ग्लोबल हेड एलएंडटी और डिजिटल कस्टमर्स एक्सपीरियंस डॉ. जगमोहन ऋषि ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग में मानव की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया। इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के निदेशक प्रो. अनिल मित्तल ने बताया कि कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों में विज्ञान और अनुसंधान, आर्थिक विकास, सुरक्षा और संरक्षा में प्रगति सहित इसके सभी पक्ष और विपक्ष पर विस्तार से चर्चा की गई है। कोर्स समन्वयक डॉ. राजन शर्मा ने अपने स्वागत भाषण में कार्यक्रम के परिणामों पर प्रकाश डाला।
एमएमटीटीसी की निदेशक प्रो. प्रीति जैन ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि देशभर में एमएमटीटीसी और खास तौर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षकों और अन्य हितधारकों के कौशल और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। एमएमटीटीसी के उप-निदेशक डॉ. नीरज बातिश ने बताया कि पाठ्यक्रम के विभिन्न सत्रों में विषय से संबंधित सर्वोत्तम संभव संसाधनों को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया, जिसमें अजय दवेसर, विवेक चुघ, हविश माधवपति, डॉ. गौरव गुप्ता समेत देशभर और विदेश से आए अन्य लोग शामिल थे। इस कार्यक्रम में भारत के 19 विभिन्न राज्यों और 31 विषयों के 91 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
प्रो तेजेन्द्र शर्मा नीदरलैंड में करेंगे अपना शोध प्रस्तुत, कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने दी बधाई
युवा अपने मूल्यों के प्रति समर्पण द्वारा बनाएंगे भारत को विकसित राष्ट्रः प्रो तेजेन्द्र शर्मा
कुरुक्षेत्र 1 अप्रैल। 
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के  वाणिज्य विभाग के प्रोफेसर तेजेन्द्र शर्मा नीदरलैंड के प्रसिद्ध मास्ट्रिक्ट विश्वविद्यालय में अपना शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सोमनाथ सचदेवा ने प्रो तेजेन्द्र शर्मा को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
प्रो. तेजेन्द्र शर्मा ने बताया कि 6 देशों के वरिष्ठ शोधकर्ताओं की टीम ने जेन जी के बदलते मूल्यों पर शोध किया है। भारत के साथ इस टीम में कोरिया, कोलम्बिया, स्पेन, नीदरलैंड तथा अमेरिका के शोधकर्ताओं ने 6 देशों के 540 युवाओं का सर्वेक्षण कर उनमे बदलते मूल्यों को समझा। शोधकर्ताओं ने पाया कि भारत के युवाओं की सोच में भारी बदलाव आया है और वे स्किल तथा अपनी योग्यता पर विश्वास करते हैं और अपने उत्थान के साथ साथ सामाजिक उत्थान को भी महत्व देते हैं। दूसरे देशों के युवा अपनी निजी उन्नति को अधिक महत्व देते हैं। हालांकि युवाओ के विचारों में बदलाव भी देखा गया है। विभिन्न देशों के युवाओं की सोच में एक किस्म का एकीकरण भी होता जा रहा है और विभिन्न मूल्यों के प्रति बदलाव के समाज पर व्यापक परिणाम होंगे. इससे पूर्व के युवाओं में अंतरराष्ट्रीय सत्र पर इस प्रकार की एकात्मकता देखने को नहीं मिलती है.
प्रो. तेजेन्द्र शर्मा ने बताया कि इन्हीं मानव मूल्यों के कारण भारत एकजुट हो कर एक विकसित राष्ट्र तथा विश्वगुरु बनने की ओर उन्नति कर रहा है। तीन दिवसीय इस प्रतिष्ठित कॉन्फ्रेंस में 40 देशों के 250 शिक्षाविद एवं शोधकर्ता शामिल होंगे।

युवा संसद प्रतियोगिता के प्रतिभागियों ने दिल्ली गोल्फ क्लब का दौरा
कुरुक्षेत्र, 1 अप्रैल।
 कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में 17वीं राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता के प्रतिभागियों ने श्री नवीन जिंदल, सांसद, लोकसभा कुरुक्षेत्र के निमंत्रण पर एयरफोर्स गोल्फ कोर्स, दिल्ली गोल्फ क्लब, रेस कोर्स दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय पोलो चैम्पियनशिप के फाइनल मैच का दौरा किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत के उप-राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़, थे जिन्होंने प्रतिभागियों को कुछ व्यक्तिगत समय भी दिया।
कार्यक्रम के एसोसिएट कोऑर्डिनेटर डॉ. नीरज बातिश ने कहा कि प्रतिभागियों ने सांसद नवीन जिंदल की उनके आतिथ्य और एनवाईपीसी के प्रतिभागियों के साथ बिताए समय की प्रशंसा की। उन्होंने  कहा कि सभी प्रतिभागी इस यात्रा को सफल और यादगार बनाने के लिए एनवाईपीसी के समन्वयक व छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रोफेसर ए.आर. चौधरी के प्रयासों के लिए बहुत आभारी हैं।

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