न्याय श्रुति के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक सुनवाई, अलग-अलग विभागों को सुनवाई के दौरान वीसी से जोड़ना और केस के फैसलों में आएगी तेजी
करनाल जिला की 5 कोर्ट में न्याय श्रुति का पायलेट प्रोजेक्ट जारी
करनाल, 25 मार्च- मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने मंगलवार को न्याय श्रुति एप्लीकेशन को लेकर करनाल के डीसी उत्तम सिंह के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इस दौरान करनाल के डीसी उत्तम सिंह ने न्याय श्रुति एप्लीकेशन को और बेहतर बनाने के लिए अपनी ओर से सुझाव दिए। इसके अतिरिक्त एसपी गंगाराम पूनिया ने भी इस संदर्भ में अपनी राय दी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद जानकारी देते हुए डीसी उत्तम सिंह ने बताया कि तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार ने विभिन्न एप्लीकेशन लॉन्च किए हैं। जोकि ई-साक्ष्य, न्याय सेतु, न्याय श्रुति और ई- समन ऐप हैं। हरियाणा में न्याय श्रुति एप्लीकेशन का पायलेट प्रोजेक्ट करनाल में चल रहा है। इसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाहों को पेश होने, सुनवाई के दौरान विभिन्न विभागों को जुड़ने की सुविधा होती है। करनाल की 3 कोर्ट, इंद्री व असंध की 1-1 कोर्ट में न्याय श्रुति के माध्यम से कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर की वीसी में न्याय श्रुति को और बेहतर बनाने के लिए सुझाव दिए गए।
क्या है न्याय श्रुति
बता दें कि न्याय श्रुति तकनीक के माध्यम से न्यायिक कार्यवाही को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इलेक्ट्रॉनिक तरीके से न्यायिक कार्यवाही करने से न्यायालयों में भौतिक उपस्थिति पर निर्भरता कम हो जाती है। न्यायाधीश, वकील और गवाहों सहित प्रतिभागी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दूर से सुनवाई में भाग ले सकते हैं। इससे न केवल समय की बचत होती है बल्कि सुविधा भी बढ़ती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां न्यायालयों तक यात्रा करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। न्याय श्रुति न्यायिक प्रक्रिया में शामिल कई हितधारकों, जैसे पुलिस, जेल, अभियोजन और फोरेंसिक विभागों को जोड़ती है। यह बैकलॉग को कम करने और समय पर न्याय प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है। न्याय श्रुति इलेक्ट्रॉनिक सुनवाई को बढ़ावा देने और न्यायिक संस्थाओं को एकीकृत करके, यह भारत में अधिक उत्तरदायी, सुलभ और पारदर्शी कानूनी प्रणाली की नींव रखता है।
इस बैठक में जिला न्यायवादी डॉ. पकंज सैनी भी मौजूद रहे।