कोई भी नागरिक किसी भी विभाग से सम्बन्धित समस्या को रख सकता है समाधान शिविर में, समाधान शिविर में 38 समस्याओं में से 28 समस्याओं का किया मौके पर समाधान, अधिकारी समय रहते करे नागरिकों की समस्याओं का समाधान
कुरुक्षेत्र 17 मार्च। अतिरिक्त उपायुक्त सोनू भट्ट ने कहा कि एक ही छत के नीचे लोगों की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करने के लिए समाधान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इतना ही नहीं समाधान शिविर आमजन के लिए वरदान साबित हो रहा है। इन समाधान शिविरों के माध्यम से कोई भी नागरिक किसी भी विभाग से सम्बन्धित समस्या को रख सकता है और उनका मौके पर समाधान करवा सकता है।
अतिरिक्त उपायुक्त सोनू भट्ट सोमवार को लघु सचिवालय के सभागार में प्रशासन की तरफ से लगाए गए समाधान शिविर में बोल रहे थे। इससे पहले एडीसी सोनू भट्ट ने विभिन्न विभागों और क्रिड विभाग से सम्बन्धित 38 समस्याओं को सुना और इनमें से 28 समस्याओं का मौके पर समाधान किया है तथा शेष समस्याओं का समाधान करने के लिए सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए है।
उन्होंने कहा कि उपायुक्त नेहा सिंह के मार्गदर्शन में सोमवार से लेकर शुक्रवार तक लोगों की समस्याओं को सुनने और उनका मौके पर समाधान करने के लिए समाधान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस शिविर में कोई भी व्यक्ति सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक अपनी समस्या अधिकारियों के समक्ष रख सकता है। उन्होंने कहा कि समाधान शिविर में रोजाना करीब 40 से ज्यादा नागरिक अपनी समस्याएं लेकर पहुंच रहे है और इन सभी नागरिकों की समस्याओं का समाधान एक छत के नीचे किया जा रहा है,क्योंकि इस शिविर में सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहते है। इस अवसर पर सदस्य रामपाली सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री की घोषणाओं को गंभीरता से नहीं लिया तो होगी कार्रवाई:नेहा सिंह
मुख्यमंत्री की घोषणाओं को तय समय में पूरा करें अधिकारी, उपायुक्त नेहा सिंह ने की सीएम अनाउंसमेंट के विकास कार्यों की समीक्षा,अधिकारियों को दिए निर्देश
कुरुक्षेत्र 17 मार्च। उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं को अधिकारी गंभीरता से लेकर कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे। अगर किसी स्तर पर सीएम विंडों की शिकायत को लेकर अधिकारी ने लापरवाही बरती तो सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री की घोषणाओं के तहत जो कार्य पूरे हो चुके हैं उन्हें पोर्टल पर अपडेट करवाएं ताकि सही वास्तविक स्थिति का पता चल सके। सभी अधिकारी समय प्रबंधन के साथ विकास कार्यों को गति प्रदान करेंगे ताकि आमजन को विकास परियोजनाओं का लाभ समय पर मिल सके।
उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं पर जल्द से जल्द अमल करके उनको पूरा करवाया जाए। विकास कार्यो में गुणवता को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। डीसी ने कहा कि मुख्यमंत्री घोषणाओं के तहत चल रहे कार्यों में विभाग स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। किसी भी स्तर पर कोई बाधा आने पर तत्काल उनके कार्यालय को अवगत कराएं।  उन्होंने कहा कि सीएम अनाउंसमेंट के तहत हो रहे विकास कार्य  क्षेत्र की प्रगति की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण होते हैं। ऐसे में इन प्रोजेक्ट्स को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
डीसी ने कहा कि जिन परियोजनाओं का निर्माण कार्य शेष है या शुरू होना है,उन विकास कार्यों को जल्द पूरा किया जाए। इससे पहले स्वीकृत परियोजनाओं से जुड़ी प्रशासनिक स्वीकृति,एस्टीमेट के साथ जरूरी प्रक्रिया पूरी की जाए,ताकि तेज गति से निर्माण कार्य शुरू हो सके। उन्होंने कहा कि अधिकतर अधिकारी मुख्यमंत्री की घोषणाओं को लेकर गंभीर नहीं है और ना ही निर्धारित समय अवधि के अंदर समस्याओं का समाधान कर रहे है।उन्होंने आदेश दिए है कि आगामी 2 दिनों के अंदर समस्याओं का समाधान करके एटीआर रिपोर्ट पोर्टल पर अपडेट किया जाए।

पीएम-विश्वकर्मा योजना से दस्तकारों के जीवन स्तर में होगा सुधार: नेहा सिंह
कुरुक्षेत्र,17 मार्च।   उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा श्रमिकों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए पीएम-विश्वकर्मा योजना शुरू की है। इस योजना में 18 हस्त व्यवसायों को शामिल किया गया है। इसलिए इस योजना में जिला के अधिकाधिक नागरिकों को लाभ दें ताकि सरकार का अन्त्योदय का लक्ष्य पूरा हो सके।
उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि योजना का गांव स्तर पर  पूरा प्रचार करें और लाभार्थी को मौके पर ही लाभ देने की कोशिश करे ताकि अधिकाधिक लोग इसका फायदा उठा कर अपने जीवन स्तर को उंचा उठा सके। उन्होंने बताया कि इस योजना में नाव बनाना, शस्त्रागार, लुहार, हथौड़ा व लोहे के औजार बनाना, ताला बनाना, सुनार, कुंभकार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी, सुथार, चटाई बनाना, गुडिया व खिलौने बनाना, बारबर, धोबी, दर्जी और मछली  पकड़ने के जाल बनाने का काम शामिल है। योजना में विभिन्न व्यवसायों से जुड़े दस्तकारों को प्रशिक्षण, टूल किट व बैंक लोन  की सुविधा प्रदान की जाएगी। योजना में कारीगरों को पहले पीएम विश्वकर्मा.जीओवी.इन पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा। उन्होंने कहा कि सरपंच या यूएलबी के संबंधित कर्मचारी को लोगिंन आईडी बनाने में कोई परेशानी आए तो वे विभाग से संपंर्क कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान-पत्र के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत पांच प्रतिशत की रियायती ब्याज दर के साथ एक लाख रुपये (पहली किश्त) और दो लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। योजना के तहत कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन, डिजिटल लेन-देन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता प्रदान की जाएगी। योजना के लागू होने से श्रमिकों के बच्चों को मिलने वाली सहायता में भी वृद्धि हुई है। योजना का लाभ लेने के लिए कारीगरों को पोर्टल पर पंजीकरण करवाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि योजना का मुख्य उद्देश्य दस्तकारों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाना है। योजना से गांवों और शहरों के उन कुशल कारीगरों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, जो अपने हाथों से काम करके अपना जीवनयापन करते हैं। उन्होंने बताया कि पंजीकरण के बाद इन कारीगरों को जिला में स्थापित किए गए कौशल विकास केंद्रों में पांच दिन की ट्रेनिंग करवाई जाएगी और टूल किट खरीदने के लिए 15 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
पीएम-विश्वकर्मा योजना से श्रमिकों के बच्चों को इस प्रकार मिलता है लाभ।
उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि पीएम-विश्वकर्मा योजना के तहत श्रमिक की बेटी के लिए जो कॉलेज जाती है, उसको इलेक्ट्रिक स्कूटी के लिए 50 हजार रूपए तथा श्रमिक को साइकिल खरीदने के लिए पांच हजार रुपए दिए जाएंगे। इसी प्रकार से महिला श्रमिक को सिलाई मशीन खरीदने के लिए 4500 रुपए, श्रमिक के स्कूल जाने वाले बच्चों को  9, 10 वीं तथा आईटीआई व डिप्लोमा के छात्र को 10 हजार रुपए दिए जाएंगे। 11वीं व 12वीं  के छात्र को 12 हजार रुपए दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि बीए करने वाले विद्यार्थियों, पॉलिटेक्निक, डिप्लोमा, सीए, एएनएम, जीएनएम, अंडर ग्रेजुएट डिप्लोमा, पर छात्र को 15 हजार रुपए लाभ दिया जाएगा। फार्मेसी व इंजीनियरिंग डिग्री वाले छात्र को 20 हजार रूपए तथा एमबीबीएस, बीएएमएस व बीडीएस करने वाले छात्र-छात्रा को 21 हजार रुपए वार्षिक लाभ इस योजना के तहत दिया जाता है।  इस योजना के तहत, विश्वकर्मा भाई-बहनों को 3 लाख तक का बिना गारंटी ऋण की सुविधा, 15,000 तक की टूलकिट सहायता, कौशल विकास के लिए ट्रेनिंग के साथ ही प्रतिदिन 500 स्टाइपेंड, उत्पादों के लिए क्वॉलिटी सर्टिफिकेशन, ब्रांडिंग और मार्केटिंग सहायता सुनिश्चित कर उन्हें आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बना रही है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के माध्यम से केंद्र सरकार विश्वकर्मा भाई-बहनों को आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें विकास की मुख्य धारा से जोडऩे की दिशा में प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।

सार्वजनिक स्थानों और सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता बढ़ाने के लिए अधिकारियों को निरंतर रखने होंगे प्रयास जारी:नेहा सिंह
सरकारी कार्यालयों और अधिकारियों के साथ जनता के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए जरूरी है कार्यालयों की स्वच्छता
कुरुक्षेत्र 17 मार्च।  उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि शहर को स्वच्छ बनाने के लिए अधिकारियों को निरंतर अपने प्रयास जारी रखने होंगे। इस शहर को स्वच्छ रखने के लिए निरंतर स्वच्छता पर पूरा ध्यान देना होगा। इस शहर को स्वच्छ बनाने के लिए आम नागरिक के सहयोग की भी निहायत जरूरत होगी। सभी के साझे प्रयासों से ही स्वच्छ भारत सर्वेक्षण की रैंकिंग में सुधार होगा।
उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों, शहरी स्थानीय निकायों, पंचायती राज संस्थाओं, सार्वजनिक स्थानों और सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से थानेसर को स्वच्छ भारत सर्वेक्षण की रैंकिंग में प्रथम स्थान पर लाने के लिए स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। अहम पहलू यह है कि इस स्वच्छ भारत सर्वेक्षण के तहत, पंचायती राज संस्थान और शहरी स्थानीय निकाय निरंतर सफाई, अपशिष्ट प्रबंधन और स्थिरता पहल सुनिश्चित करने के लिए गतिविधि कैलेंडर भी बनाएंगे।
उपायुक्त ने कहा कि इस स्वच्छता अभियान का उद्देश्य सरकारी कार्यालयों और अधिकारियों के साथ जनता के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए उनके संबद्ध या अधीनस्थ कार्यालयों, सार्वजनिक उपक्रमों आदि समेत सभी सरकारी कार्यालयों में सफाई को बढ़ाना भी है। इस स्वच्छता अभियान का फोकस प्रशासनिक विभागों और निदेशालयों के साथ-साथ सेवा वितरण के लिए उत्तरदायी क्षेत्रीय व जिला कार्यालयों और सार्वजनिक संपर्क वाले कार्यालयों पर रहेगा। इस अभियान से जुड़ी गतिविधियों की अगुवाई करने के लिए जिला कार्यालय और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई में स्वच्छता का कार्य किया जाएगा।
उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि शहर को स्वच्छ बनाने के लिए अधिकारियों को निरंतर अपने प्रयास जारी रखने होंगे। इस शहर को स्वच्छ रखने के लिए निरंतर स्वच्छता पर पूरा ध्यान देना होगा। शहर को स्वच्छ बनाने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को भविष्य में भी पूरी मेहनत और ईमानदारी के साथ स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना है। इसके साथ ही स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता सर्वेक्षण सर्वे के लिए लोगों से फीडबैक भी लेना है। यह फीडबैक थानेसर नगर परिषद को रैंकिंग में सुधार करने में मदद करेगा। इसलिए सभी इस फीडबैक को भरवाना सुनिश्चित करे।
उन्होंने कहा कि शहर के नागरिकों को इस जन आंदोलन में अपना सहयोग देना होगा। इस सहयोग के बिना हमारा थानेसर स्वच्छ थानेसर के सपने को साकार नहीं किया जा सकेगा। स्वच्छ भारत सर्वेक्षण में थानेसर को स्वच्छ शहरों की सूची में शुमार करना है। इसके लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पहले ही शहर के नागरिकों से अपील कर चुके है। अब उपायुक्त के मार्गदर्शन में इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक जन आंदोलन का स्वरूप दिया जा रहा है।

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