करनाल, 10 मार्च। इफको करनाल द्वारा सोमवार को ग्राम निगदू के किसान प्रिन्स राणा के खेत पर नैनो उर्वरक जागरुकता अभियान के अन्तर्गत खेत दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कृषि विकास अधिकारी निगदू डॉ जसविंदर सिंह, सहित 60 किसानों ने भाग लिया। वरिष्ठ क्षेत्र प्रबंधक, इफको डा निरंजन सिंह ने इफको नैनो यूरिया प्लस के महत्व के बारे में किसानों से विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि नैनो यूरिया की 500 एमएल की एक बोतल दानेदार यूरिया के एक 45 किलो के बोरे के बराबर कार्य करती है व इसका प्रयोग फसलों पर स्प्रे के रूप में किया जाता है। इसलिए इसकी प्रयोग क्षमता परम्परागत यूरिया से अधिक है। पौधे पत्तों व तने के माध्यम से इसको अवशोषित कर लेते हैं। यूरिया की तरह नैनो यूरिया भूमिगत जल, जमीन व वातावरण को प्रदूषित नहीं करता। उन्होंने बताया कि नैनो यूरिया जहां यूरिया का विकल्प तो है ही साथ ही इससे पैदावार में बढ़ोतरी भी होती है। यह सूक्ष्म पोषक तत्वों की दक्षता और उपलब्धता को बढ़ाता है। उन्होंने नैनो डीएपी पर चर्चा करते हुए बताया कि नैनो डीएपी भी परंपरागत डीएपी का विकल्प है व यह भी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में कारगर है। नैनो डीएपी परंपरागत डीएपी से सस्ता है। नैनो डीएपी 500 मिली एक एकड़ में प्रयोग होता है, जो 250 मिली मात्रा बीज (5 मिली प्रति किलो बीज) या कंद, पनीरी, पौध (5 मिली प्रति लीटर पानी) में इस्तेमाल होगा व बचे हुए 250 मिली नैनो डीएपी 125 लीटर पानी में मिलाकर 30-35 दिन की फसल पर स्प्रे करना होगा । नैनो डीएपी से बीज उपचार करने से फसल में अंकुरण प्रतिशत में बढ़ोतरी होती है व अंकुर जल्दी विकास करता है जिससे फसल जल्दी उगती है व अन्त में इसके प्रभाव से फसल की पैदावार में बढ़ोतरी होती है।
उन्होंने बताया कि इफको द्वारा नैनो उर्वरकों के छिडक़ाव के लिये ड्रोन की सुविधा भी किसानों को उपलब्ध करवाई जा रही है जहां किसान अपने खेत में ड्रोन से नैनों उर्वरकों का अपने खेत में स्प्रे करवा सकते हैं। किसानों को जल विलय उर्वरक, सागरिका, जैव उर्वरकों की प्रयोग विधि, प्रयोग मात्रा आदि के बारे में जानकारी दी गई। किसानों ने प्रिन्स राणा के खेत पर लगे नैनो डीएपी व नैनो यूरिया के प्रदर्शन प्लाट पर भ्रमण कर नैनो उर्वरकों के लाभ का अवलोकन किया। डॉ. जसविंदर सिंह ने कृषि विभाग द्वारा किसानों के हित के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने मेरी फसल मेरा ब्यौरा के बारे भी जानकारी दी।