शिक्षा के विकास में प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगीः डॉ. कैलाश चन्द्र शर्मा
कुवि में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ शुभारंभ
कुरुक्षेत्र, 6 मार्च। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि जब हम उच्च शिक्षा के परिवर्तन के चौराहे पर खड़े हैं, इसलिए विभिन्न डिजीटल तकनीको की जानकारी और प्रौद्योगिकी के बारे जानकारी होना आवश्यक है। वे गुरुवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा केंद्र तथा विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान, हरियाणा के सहयोग से उच्च शिक्षा में नियमित, ऑनलाइन एवं ओडीएल विधियों के अभिसरण तथा प्रौद्योगिकी एकीकरण पर आईसीएसआर द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे । इससे पहले दीप प्रज्ज्वलित कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया व अतिथियों द्वारा सीडीओई की स्मारिका तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय रिसर्च जनरल के एनईपी 2020 के संदर्भ में दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षा विषय पर विशेष अंक का विमोचन किया गया।
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का लक्ष्य सभी के लिए शिक्षा सुलभ बनाना और 2035 तक सकल नामांकन अनुपात 50 प्रतिशत हासिल करना है और यह लक्ष्य केवल मिश्रित और संकर शिक्षा के प्रभावी उपयोग से ही प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने यूजी व पीजी पाठ्यक्रम में एनईपी-2020 को देश में सबसे पहले लागू किया है। यह नीति छात्रों को समग्र वातावरण प्रदान करती है। छात्र किसी भी कठिन विषय को डिजिटल माध्यम के द्वारा सरल तरीके से समझ सकते हैं। हमें ऐसी शिक्षा प्रदान करनी चाहिए जो सस्ती हो जिसे किसी भी समाज का वर्ग शिक्षा का खर्च वहन कर सके ताकि शिक्षा विश्व के हर कोने तक पहुंचे और छात्र को शिक्षा का हक मिले।
संगोष्ठी के मुख्यातिथि हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. कैलाश चन्द्र शर्मा ने कहा कि छात्रों को उभरती हुई आधुनिक तकनीकों को और अधिक जानने की आवश्यकता है। भारत देश के युवाओं को इसे अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए। भारत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी है। सभी हितधारकों को कौशल विकास और उन्नयन के लिए उभरती हुई प्रौद्योगिकियों को सीखने के लिए तैयार रहना चाहिए। शिक्षा के विकास में प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। प्रौद्योगिकी ने शिक्षा के लोकतंत्रीकरण को जन्म दिया है जो सभी बाधाओं से मुक्त है। दुनिया में कोविड के बाद आनलाइन शिक्षा की महत्ता सामने आई। आज उच्च शिक्षा में नवीन तकनीक मददगार साबित हो रही है। उच्च शिक्षा में प्रौद्योगिकी वितरण आवश्यक है और यह तकनीकी सामग्री द्वारा संभव है।
राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य वक्ता केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान, एनसीईआरटी के संयुक्त निदेशक प्रो. अमरेन्द्र पी बेहेरा ने समग्र और पूरी तरह से एकीकृत शिक्षा प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कुशल कार्यबल के निर्माण में कौशल और प्रौद्योगिकी के उपयोग पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों में एक शिक्षा प्रणाली का मजबूत बुनियादी ढांचा विकसित करना चुनौती है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के स्टाफ प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान में अतिरिक्त निदेशक डॉ. जी. मैथिली ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा के पसंदीदा तरीके के रूप में मिश्रित मोड का उदय तकनीक का सही इस्तेमाल है। सीखने के मंच और वातावरण को प्रभावी छात्र जुड़ाव सुनिश्चित करना चाहिए।
कुवि की दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा केंद्र की निदेशिका प्रो. मंजुला चौधरी ने सभी गणमान्यों का स्वागत किया और बताया कि संगोष्ठी में प्रौद्योगिकी के युग में शिक्षा क्षेत्र और हितधारकों के सामने आने वाले मुद्दों और चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी।।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (केयू) के डीन (शैक्षणिक मामले) प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि आज के युग में, विभिन्न तरीकों और विभिन्न स्तरों के छात्रों को शिक्षा प्रदान करना चुनौती है। उन्होंने प्रौद्योगिकी संचालित शिक्षा द्वारा प्रदान किए जाने वाले लचीलेपन पर प्रकाश डाला। सेमिनार संयोजक डॉ. कुशविंदर कौर ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। मंच संचालन डॉ. ज्योति ने किया।
इस अवसर पर डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. दिनेश कुमार, प्रोफेसर पवन शर्मा, प्रो. तेजेन्द्र शर्मा, प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. राकेश कुमार, प्रो. संजीव शर्मा, प्रो. मोहिन्द्र चंद, प्रो. अशोक चौहान, प्रो. पुष्पा रानी, प्रो. राजेश, प्रो. अनुरेखा शर्मा, प्रो. अनिता दुआ, प्रो. ज्योति खजूरिया, उपनिदेशक डॉ. जिम्मी शर्मा, डॉ. ज्योति, डॉ. मीनाक्षी, डॉ. पंकज गुप्ता सहित डीन, निदेशक, विभागाध्यक्ष, शोधार्थी व विद्यार्थी मौजूद थे।
पर्यावरण की सुरक्षा और सुधार के लिए वृक्षारोपण अत्यंत आवश्यकः प्रो. ए.आर.चौधरी
एनएसएस यूटीडी इकाई-3 ने किया वृक्षारोपण
कुरुक्षेत्र, 6 मार्च। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के एनएसएस यूटीडी इकाई-3 द्वारा वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के धरोहर संग्रहालय के समक्ष आयोजित हुआ, जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. ए.आर. चौधरी और कार्यक्रम अधिकारी डॉ. निधि माथुर ने इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हर एनएसएस स्वयं सेवक अपने जन्मदिन पर एक पौधारोपण करके उसका ध्यान रखेगा । प्रोफेसर ए.आर. चौधरी ने वृक्षारोपण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा और सुधार के लिए वृक्षारोपण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय रूप से योगदान दें और हर संभव प्रयास करें ताकि धरती को हरा-भरा रखा जा सके।
कार्यक्रम अधिकारी डॉ. निधि माथुर ने भी इस अवसर पर वृक्षारोपण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों को यह बताया कि पेड़ न केवल ऑक्सीजन का स्रोत हैं, बल्कि पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस मौक़े पर धरोहर क्यूरेटर डॉ. कुलदीप सिंह आर्य, निर्मल सिंह, राज्य राष्ट्रीय सेवा योजना अवार्डी हर्ष बूरा और मीनाक्षीकांत एव सभी स्वयं सेवक उपस्थित रहे ।
भारतीय संविधान के निर्माण में महिलाओं की भूमिका पर विशेष कार्यक्रम आयोजित
कुरुक्षेत्र, 6 मार्च। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विधि विभाग में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 पूर्व उत्सव के अवसर पर भारतीय संविधान के निर्माण में महिलाओं का योगदान विषय पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।
विधि विभाग के छात्रों द्वारा भारतीय संविधान के निर्माण में महिलाओं की भूमिका को दर्शाने वाली एक सराहनीय प्रस्तुति दी गई। महिला विद्यार्थियों के द्वारा संविधान सभा में दिए गए अपने वक्तव्यों की प्रस्तुति दी।
मुख्य वक्ताओं ने भारतीय संविधान के निर्माण में महिलाओं के योगदान पर प्रकाश डाला और महिला सशक्तिकरण की दिशा में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. प्रीति जैन अध्यक्षा, विधि विभाग ने की। मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. नीलम रानी ढांडा (डीन, वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय), प्रो. कृष्णा देवी (डीन, इंडिक स्टडीज संकाय) और प्रो. पुष्पा रानी (डीन, कला एवं भाषा संकाय) रही।
प्रो. प्रीति जैन, प्रो. सुशीला देवी चौहान और डॉ. दीप्ति चौधरी ने अतिथियों को पौधा एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रो. दलीप कुमार, प्रो. अमित लुदरी और प्रो. अजीत चहल ने अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. आरुषि मित्तल ने किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में प्रो. महाबीर सिंह, डॉ. प्रमिला, डॉ. अंजु बाला, डॉ. पूजा और डॉ. प्रीति शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसके अतिरिक्त डॉ. सुनील भारती, डॉ. उर्मिला और डॉ. रंजीता ने कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष योगदान दिया।
अंत में, डॉ. प्रियंका चौधरी (आयोजन संयोजक) ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में विधि विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर, शोधार्थी और छात्र-छात्राओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया।
कुरुक्षेत्र, 6 मार्च। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया। इस अभियान में सभी स्वयंसेवकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
कार्यक्रम अधिकारी डॉ सतीश कुमार और डॉ राज रतन ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना तथा समाज को स्वच्छ एवं स्वस्थ बनाने में अपना योगदान देना था। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के सभी स्वयंसेवकों ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की धरोहर के आसपास के पूरे क्षेत्र की सफाई की तथा परिसर में उपस्थित सभी विद्यार्थियों को प्लास्टिक का उपयोग कम करने, कचरा प्रबंधन करने तथा खुले में कचरा न फेंकने जैसी आदतें अपनाने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय सेवा योजना के पीओ डॉ. निधि माथुर ने किया। उन्होंने स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वच्छता केवल एक दिन का कार्य नहीं है, बल्कि हमें इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए।
सफाई अभियान के समापन के पश्चात सभी स्वयंसेवकों ने जय हिंद के नारे लगाकर कार्यक्रम का समापन किया। इस मौके पर कार्यक्रम अधिकारी डॉ सतीश कुमार, डॉ राज रतन एवं सभी एनएसएस स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग के बिना मार्केट अधूरी, मार्केट अधूरी तो विकास अधूराः रामेश्वर सैनी
जनसंचार के विद्यार्थियों ने किया यूनिवर्सिटी प्रिंटिग प्रेस का भ्रमण, जाने तकनीकी पहलू
कुरुक्षेत्र, 6 मार्च। प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग के बिना मार्केट अधूरी, मार्केट अधूरी तो विकास अधूरा है। ये कहना है, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रिंटिंग प्रेस के इंचार्ज रामेश्वर सैनी का जो जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान के बीए.एम.सी चतुर्थ सेमेस्टर और एम.ए. चतुर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थियों को प्रिंटिंग प्रक्रिया के बारे जानने पहुंचे थे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रिंटिग इंस्डट्री ऑटोमोबाइल इंस्डट्री के बाद दूसरी बड़ी इंस्डट्री है जो दूसरे सभी क्षेत्रों का निरंतर विकास कर रही है। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा प्रिंटिग संबंधित अनेकानेक पूछे गए प्रश्नों को उत्तर देते हुए कहा कि विद्यार्थियों में प्रश्न पूछने की जिज्ञासा ही अधिक से अधिक सीखने का मिलता है।
विश्वविद्यालय प्रिंटिग प्रेस भ्रमण का नेतृत्व कर रहे संस्थान के सहायक प्राध्यापक डॉ. अभिनव ने कहा कि विद्यार्थियों को बेहतर सीखाने के लिए शैक्षणिक भ्रमण भी एक बेहतरीन माध्यम है, जिसके अंतर्गत विद्यार्थियों को ऑन-द-स्पॉट रिपोटिंग और संबंधित विषय का समझने का मौका मिलता है।
इस अवसर पर जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रोफेसर महासिंह पूनिया ने कहा कि विद्यार्थियों को इस तरह के शैक्षणिक भ्रमण से प्रैक्टिकल के अनुरुप सीखाने का प्रयास किया जाता है, जोकि उनके पाठयर्क्रम के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि संस्थान के विद्यार्थियों को अधिक से अधिक सीखने की ललक बढ़ती है, और साथ वे रिपोर्टिंग की बारिकियों को भी सीखते हैं।
इस अवसर पर प्रिंटिग प्रेस के सुपरवाईजर विनोद तिवारी, राजेश शर्मा अभिषेक, विक्की, विकास के साथ विद्यार्थीगण कमलेश, रिंकू, भावना, साक्षी, भावना शर्मा, कीर्ति, जशलीन, नमहा यादव, निशा, साहिल, सृष्टि, हितेश राय, अमन मलिक, नेहा, नंदिनी, हर्षिका, अनमोल, ज्योति, शोषित, मोहित, कंचन, अंजलि, खुशी, इंद्रजीत, रोहित, राघव उपस्थित थे।
पोस्टर मेकिंग एवं स्लोगन लेखन प्रतियोगिता आयोजित
कुरुक्षेत्र, 6 मार्च। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में आईआईएचएस के वूमेन सेल की ओर से एक्सीलरेट एक्शन फॉर जेंडर इक्वलिटी एंड वूमेन एंपावरमेंट, विषय पर पोस्टर मेकिंग एवं स्लोगन लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन वीमेन सेल की संयोजिका डॉ. पूनम कुमारी तथा समिति के सदस्य डॉ. विनीत कुमार व डॉ. वंदना शर्मा की देख रेख में हुआ।
इस प्रतियोगिता का उद्देश्य लिंग समानता और महिला सशक्तिकरण के महत्व को बढ़ावा देना था। प्रतियोगिता में विभिन्न संकायों के 100 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। प्रो. डॉ. रीटा , प्राचार्या आईआईएचएस, ने कहा कि यह प्रतियोगिता लिंग समानता और महिला सशक्तिकरण के महत्व को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की गई।
इस प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल की भूमिका में प्रो. आरके सूदन, प्रो. निरुपमा भट्टी, डॉ. ज्ञान चहल, डॉ. रेनू मालरा व डॉ. मनीष रहे। इस अवसर पर डॉ. राजेंद्र , डॉ. राजेश, डॉ. अश्वनी व डॉ. वैभव वर्मा आदि ने सहयोग किया ।
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विभिन्न प्रतियोगिताओं के परिणाम
प्रतियोगिता में पोस्टर मेकिंग में बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा खुशबू ने पहला स्थान, बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा निकिता ने दूसरा स्थान और बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा शारदे ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। सांत्वना पुरस्कार हिमांशी व गुरप्रीत ने हासिल किया। स्लोगन लेखन प्रतियोगिता में बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र अनिकेत सैनी ने पहला स्थान, बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा रचना ने दूसरा और बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा अंकिता ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। सांत्वना पुरस्कार हेमा व रेखा ने हासिल किया।
म्यूचुअल फंड निवेशक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
कुरुक्षेत्र, 6 मार्च। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में प्रबंधन अध्ययन संस्थान में सेबी निवेशक प्रमाणन परीक्षा और कौशल विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें निवेशक जागरूकता और छात्रों को रोजगार के अवसर पर चर्चा की गई।
कार्यक्रम में सीए (डॉ.) अजय डोगरा ने सेबी के मार्गदर्शन में आयोजित म्यूचुअल फंड निवेशक जागरूकता कार्यक्रम के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि म्यूचुअल फंड धन सृजन के लिए एक अनुशासित दृष्टिकोण प्रदान करते हैं, जो विभिन्न वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करते हैं। निवेशकों को हमेशा सेबी-पंजीकृत फंड में निवेश करना चाहिए और वित्तीय निर्णय लेने से पहले प्रमाणित पेशेवरों से परामर्श करना चाहिए। सेबी व्यक्तियों को म्यूचुअल फंड वितरक बनने के अवसर प्रदान करता है, जिससे वे वित्तीय सेवाओं में अपना करियर बना सकते हैं और क्या वितरक बनने के लिए, किसी को एनआईएसएम-सीरीज वी-ए म्यूचुअल फंड वितरक प्रमाणन परीक्षा उत्तीर्ण करनी चाहिए और साइट पर पंजीकरण करना चाहिए।
प्रो. अनिल मित्तल और डॉ. राजन शर्मा ने सीए (डॉ.) अजय डोगरा को उनके बहुमूल्य समय और छात्रों को उपयोगी जानकारी साझा करने के लिए सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में संस्थान और अन्य विभागों के संकाय सदस्यों सहित कुल 120 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
स्वस्थ बेक्ड उत्पादों की बिक्री का सफलतापूर्वक आयोजन
कुरुक्षेत्र, 6 मार्च। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में बीएससी होम साइंस के अंतिम वर्ष के छात्रों ने अपने उद्यमिता पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में, स्वस्थ बेक्ड उत्पादों की बिक्री का सफलतापूर्वक आयोजन किया, जिसमें उन्होंने अपनी पाक विशेषज्ञता और व्यावसायिक कौशल का प्रदर्शन किया।
विभागाध्यक्ष डॉ. रजनी गोयल के मार्गदर्शन में, छात्रों ने उत्पाद विकास और मूल्य निर्धारण से लेकर विपणन और बिक्री तक परियोजना के हर पहलू की जिम्मेदारी संभाली और व्यवसाय प्रबंधन और ग्राहक जुड़ाव में अमूल्य व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
इस कार्यक्रम में गाजर का केक, चॉकलेट कॉफी कपकेक, रागी कुकीज़, रागी कपकेक और खजूर ब्राउनी सहित कई तरह के पौष्टिक और स्वादिष्ट बेक्ड ट्रीट दिखाए गए। प्राकृतिक और पौष्टिक सामग्री से तैयार किए गए इन उत्पादों ने स्वस्थ खाने को बढ़ावा दिया और साथ ही एक व्यावहारिक उद्यमशीलता सीखने का अनुभव भी प्रदान किया। बिक्री सफलतापूर्वक संपन्न हुई, जिससे छात्रों को व्यवसाय के प्रबंधन और खाद्य उद्योग में नवाचार को बढ़ावा देने के बारे में मूल्यवान वास्तविक दुनिया की अंतर्दृष्टि मिली।
ललित कला विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र में तीन दिवसीय सामूहिक कला प्रदर्शनी कल्पतरू का आयोजन
कुरुक्षेत्र, 06 मार्च कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में ललित कला विभाग में तीन दिवसीय सामूहिक कला प्रदर्शनी ‘‘कल्पतरू’’ का शुभारंभ वीरवार को हुआ। यह प्रदर्शनी ललित कला विभाग के चार प्रतिभाशाली विद्यार्थियों अल्का धीमान, कंचन ठाकुर, विधि ठाकुर और वैभव राणा द्वारा आयोजित की गई।
प्रदर्शनी का उद्घाटन हरियाणा राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष, डॉ. रविंदर बलियाला द्वारा बतौर मुख्य अतिथि किया गया। उद्घाटन के दौरान डॉ. रविंदर बलियाला ने कहा, ‘‘कला न केवल हमारे विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने का एक माध्यम है, बल्कि यह समाज की बदलती सोच और संवेदनाओं को भी उजागर करती है।
गणमान्य अतिथि वीजेंद्र बड़गुजेर, उपाध्यक्ष, हरियाणा राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने कहा कि ‘‘कला की शक्ति सीमित नहीं होती, यह हमें हमारी जड़ों से जोड़ने, समाज के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने और हमारे भीतर की भावनाओं को अभिव्यक्त करने का अवसर देती है।
ललित कला विभाग के अध्यक्ष, डॉ गुरचरण सिंह ने प्रदर्शनी के उद्घाटन पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘यह प्रदर्शनी हमारे विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है।
इस अवसर पर आयोग के सदस्य श्रीमती मीना नरवाल व पारा राम उर्फ रवि तारांवाली सहित विश्वविद्यालय से गणमान्य अतिथि डॉ. राजपाल, डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. जसबीर ढांडा, डॉ. धर्मवीर, डॉ. प्रवेश, डॉ. दीपक राय व ललित कला विभाग के शिक्षकगण डॉ. पवन कुमार, डॉ. राकेश बानी, अनिल व सोहन दक्ष सहित विभाग के अन्य शोधार्थी व विद्यार्थी उपस्थित रहे।
कुरुक्षेत्र, 6 मार्च। केयू एलुमनी एसोसिएशन द्वारा प्रायोजित तथा केयू मनोविज्ञान विभाग द्वारा आयोजित एक्सटेंशन लेक्चर कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता डॉ. उपदेश कुमार, पूर्व साइंटिस्ट एवं अध्यक्ष, मानसिक स्वास्थ्य डिविजन, रक्षा मनोविज्ञान अनुसंधान संस्थान डीआरडीओ ने बताया कि किस प्रकार एक रक्षा मनोवैज्ञानिक बन सकते हैं तथा सैनिकों के मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मनोविज्ञान के रक्षा क्षेत्र का क्या योगदान है। इसके साथ ही उन्होंने रक्षा मनोविज्ञान की सैन्य बलों में भूमिका को रेखांकित किया।
डीन प्रो. एसके चहल ने मुख्य वक्ता के वक्तव्य की प्रशंसा करते हुए ऐसे आयोजनों को आज के समय की जरूरत बताया। विभाग के अध्यक्ष प्रो. हरदीप लाल जोशी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा प्रो. रोहताश सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित करते रक्षा मनोविज्ञान की महत्ता बताई। इस अवसर पर विभाग के शिक्षक सहित शोधार्थी व विद्यार्थी मौजूद थे।