गांधी मेमोरियल नेशनल कॉलेज में एक विशेष संवादात्मक सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें पूर्व सांसद एवं भारतीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष पद्मभूषण सरदार त्रिलोचन सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रोहित दत्त, प्रबंधक समिति के प्रधान डॉ. गुरुदेव सिंह, कोषाध्यक्ष आलोक गुप्ता, गवर्निंग बॉडी के महासचिव अजय अग्रवाल ,कॉलेज की ट्रस्ट एवं प्रबंधक समिति के सचिव श्री डीएस माथुर, ट्रस्ट एवं प्रबंधन समिति के कार्यकारी सदस्य चरणजीत सिंह सेठी सहित अन्य गणमान्य अतिथियों ने उनका भव्य स्वागत किया।
सत्र की शुरुआत सरदार त्रिलोचन सिंह के सम्मान से हुई, जहां प्राचार्य डॉ. रोहित दत्त एवं मैनेजमेंट सदस्यों ने  उन्हें पुष्पगुच्छ एवं शॉल भेंट कर उनका अभिनंदन किया। प्राचार्य डॉ रोहित दत्त ने कहा  कि यह कॉलेज के लिए अत्यंत गर्व की बात है कि इतनी महान शख्सियत हमारे बीच उपस्थित हैं। उन्होंने कहा, “सरदार त्रिलोचन सिंह का शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में योगदान अतुलनीय है। उनका अनुभव और मार्गदर्शन हमारे शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक रहेगा।”
प्रबंधक समिति के प्रधान डॉ. गुरुदेव सिंह ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि “सरदार त्रिलोचन सिंह अपने आप में ज्ञान का चलता-फिरता विश्वकोश हैं।” उन्होंने बताया कि सरदार त्रिलोचन सिंह की विद्वता और दूरदृष्टि समाज को नई दिशा देने में सक्षम है।
सरदार त्रिलोचन सिंह: एक प्रेरणादायक जीवन यात्रा
सरदार त्रिलोचन सिंह का जीवन संघर्ष, समर्पण और सफलता की अद्भुत मिसाल है। उन्होंने एक मध्यम वर्गीय परिवार से शुरुआत कर भारतीय लोकतंत्र के उच्चतम शिखर तक का सफर तय किया।
उन्होंने 1947 में भारत विभाजन और 1984 के दंगों जैसी दो बड़ी त्रासदियों को अपनी आंखों से देखा और उससे सीखे गए सबक को उन्होंने समाज सेवा के रूप में अपनाया।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से हुई, जहां से उन्होंने अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने कई प्रतिष्ठित पदों पर कार्य किया, जिनमें शामिल हैं:
– पंजाब सरकार के पर्यटन, संस्कृति, संग्रहालय और पुरातत्व विभाग के निदेशक
– एशियाई खेल आयोजन समिति, नई दिल्ली के जनसंपर्क और प्रचार निदेशक
– भारत के राष्ट्रपति के प्रेस सचिव
– दिल्ली पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक
– विंपी इंटरनेशनल के अध्यक्ष
– दिल्ली पर्यटन और विकास निगम के अध्यक्ष
– भारतीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष एवं बाद में अध्यक्ष
– हरियाणा से 2004 से 2010 तक राज्यसभा के सदस्य*
2010 के बाद उन्होंने सामाजिक कार्यों में खुद को समर्पित कर दिया और वर्तमान में कई प्रतिष्ठित संस्थानों से जुड़े हुए हैं:
– खालसा कॉलेज, दिल्ली के अध्यक्ष
– न्यूयॉर्क में अंतरराष्ट्रीय सिख फिल्म और कला संघ के संरक्षक
– नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय सिख अध्ययन केंद्र के संयोजक
मुख्य अतिथि सरदार त्रिलोचन सिंह ने अपने संबोधन में अंबाला के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला और शिक्षकों एवं छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा,
“शिक्षक ही भविष्य के भारत की नींव रखते हैं। एक योग्य शिक्षक ही राष्ट्र को सशक्त और प्रगतिशील बना सकता है। युवाओं को सही दिशा देने की जिम्मेदारी शिक्षकों की होती है।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की विविधता इसकी सबसे बड़ी ताकत है, और हमें अपनी संस्कृति व इतिहास से सीख लेकर भविष्य का निर्माण करना चाहिए।
सत्र के अंत में उपस्थित शिक्षकों एवं छात्रों ने सरदार त्रिलोचन सिंह से विभिन्न विषयों पर चर्चा की इस संवादात्मक सत्र ने छात्रों एवं संकाय सदस्यों को ज्ञान और प्रेरणा से भर दिया।
मंच का सफल संचालन डॉ अमित एवं डॉ अनुपमा सिहाग द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में कॉलेज के सभी स्टाफ सदस्य एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी गण मौजूद रहे।

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