-शिव के साथ रात्रि का क्या संबंध विषय पर चर्चा
-एक नहीं है शिव और शंकर
-दीप प्रज्वलन और शिव झंडा रोहण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ
-आए हुए आगुंतकों का हार्दिक अभिनंदन सत्कार शाल ओढ़ाकर और ईश्वरीय सौगात देकर
– 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम की महिमा तथा गुणों का बखान
– शिव के साथ क्या है? रात्रि का संबंध विषय की स्पष्टता
मन के अवगुणों को त्यागना ही सच्ची शिवरात्रि –राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सरोज बहन
कुरुक्षेत्र।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय विश्व शांति धाम सेवा केंद्र कुरुक्षेत्र में त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का मुख्य विषय “शिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य” रहा। बी.के पुष्पा और आरती बहन ने पटका पहना और पुष्प गुच्छ भेंट कर मंचासीन महानुभावों का हार्दिक अभिनंदन किया ।
इस पुण्य अवसर पर मुख्य अतिथि वरिष्ठ भाजपा नेता जय भगवान शर्मा ( डी.डी ), कार्यक्रम की मुख्य अध्यक्ष पूर्व नगर पालिका चेयरपर्सन उमा सुधा , विशिष्ट अतिथि हरियाणा ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष पवन शर्मा, मातृभूमि सेवा मिशन के अध्यक्ष श्री प्रकाश मिश्रा जी, मानवतावादी विश्व संस्थान की साध्वी आशा देवी, कार सेवा गुरुद्वारा साहब बाबा अमरीक सिंह जी, , पिपली गुरुद्वारा नीलधारी संप्रदाय प्रबंधक, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से प्रोफेशन अनिल वशिष्ठ , केंद्र प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सरोज बहन जी आदि अतिथियों और प्रबुद्धजनों के हाथों दीप प्रज्वलित कर और शिव ध्वज लहराकर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
डॉ आर. डी. शर्मा ने शिवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम को रखने का उद्देश्य स्पष्ट किया और बताया कि परमात्मा शिव के दिव्य और अलौकिक जन्म की पुनीत स्मृति में ही शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि गीता में भगवान ने कहा मैं अव्यक्त से आकर मनुष्य तन का आधार लेता हूं, मूड मति लोग मुझे नहीं पहचानते । मैं ब्रह्मा तन के आधार से नई सृष्टि की स्थापना करता हूं । मैं महाकाल हूं। लोक क्षय के लिए प्रकट हुआ हूं । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जय भगवान शर्मा जी ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि सच्चा -सच्चा कुंभ मेला तो माउंट आबू में है। जहां आत्माओं का परमात्मा से मिलन होता है। ब्रह्माकुमारीज संस्था के बारे में बताया कि शायद कोई ऐसी संस्था है जो इनके मुकाबले की है, सृष्टि पर जहां इन बहनों के चरण पड़ते है वही धन्य हो जाती है।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व नगर पालिका चेयरपर्सन उमा सुधा जी ने अपने संबोधन में कहा कि जैसे-जैसे शिवरात्रि आने वाली होती है वैसे-वैसे माउंट आबू की याद आने लगती है। भजन के माध्यम से परमात्मा की रहमत का बखान किया और बताया कि परमात्मा जो करता है अच्छा ही करता है, केवल लक्ष्य रखो।मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक श्री प्रकाश मिश्रा जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिवरात्रि अज्ञान से ज्ञान, अवसाद से आनंद की ओर ले जाने वाला पर्व है । आज समाज में अंधविश्वास और अज्ञानता बढ़ रही है। हम बदलेंगे तो समाज की व्यवस्था बदलेगी । विशिष्ट अतिथि पवन शर्मा जी ने अपने वक्तव्य में बताया कि आज इंसान सोया हुआ है क्योंकि चारों तरफ पाखंड का बोलबाला ज्यादा और ज्ञान की बातें सुनने वाले कम रह गए हैं। भारत तो विश्व गुरु था परंतु आज संस्कार लुप्त होते जा रहे हैं। जब हमारा मन शीतल होगा तो हम भटकेंगे नहीं। ब्रह्माकुमारी बहनों की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि जो कार्य शिक्षा देने का ब्राह्मणों का था, आज वह कार्य ब्रह्माकुमारी बहनें कर रही है। साध्वी आशा देवी ने बताया कि यदि हम सब मजबूत होकर कार्य करेंगे तो फिर से भारत सोने की चिड़िया बनेगा। मजबूत रहेंगे तो बिखराव संभव नहीं है। बी.के नेहा बहन के साथ नियमित ज्ञान सुनने वाले नेहा,गीता ,राजकुमार, गोरी ने लघु नाटिका “अंतिम विदाई” के माध्यम से जीवन की सच्चाई अर्थात सृष्टि रंग मंच की झलक दिखाई।
सेंटर इंचार्ज राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सरोज बहन जी ने शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए परमपिता परमात्मा के प्यार में उपस्थित जन समुदाय का धन्यवाद और आभार व्यक्त किया और और अपने आशीर्वचनों में कहा कि परमात्मा पिता की पूजा अर्चना करते-करते कितने वर्ष हो गए? आखिर कौन है जिससे हम सब संबंध जोड़ते हैं? सब कुछ करते हुए भी प्रभु के दर्शन क्यों नहीं हो रहे? आज हमारी मनोकामनाएं पूर्ण क्यों नहीं हो रही? आदि प्रश्न करते हुए बताया कि जब चारों तरफ घोर पापाचार बढ़ जाता है, पुण्य के स्थान पर पाप , धर्म के स्थान पर अधर्म, सृष्टि पाप आत्माओं की बन जाती है। उन्होंने बताया कि कलयुग का अंत होने पर सतयुग आएगा। ज्ञान सूर्य परमपिता को पहचानने से हमारे विकार समाप्त होंगे। शिव और शंकर में अंतर बताते हुए कहा कि परमात्मा शिव निराकार ज्योति स्वरूप है जबकि शंकर सूक्ष्म देव धारी है। इस सृष्टि के विनाश कराने के निमित्त परमात्मा ने शंकर को रचा। यही नहीं ब्रह्मा, विष्णु, शंकर के रचनाकार भी सर्वशक्तिमान परमेश्वर शिव ही है। गीता का सार बताते हुए कहा कि धर्म की अति गलानी होती है, तब परमात्मा का अवतरण होता हैं। शिवरात्रि के दिन हम संपूर्ण पवित्रता का व्रत लेंगे तभी पुण्य आत्मा बनेंगे । इसके आगे उन्होंने भक्ति में शिव पर चढ़ने वाले फल फूल, जल अभिषेक काआध्यात्मिक रहस्य विस्तार से बताया और कहा कि परमात्मा की छत्रछाया में सदा रहे और वरदान लेते रहे। इसी कड़ी में बी .के गीता बहन ने ज्ञान गुणों को धारण करने और शिव की महिमा का बखान अपने गीत के माध्यम से किया।
बी.के राधा बहन ने शिवरात्रि की हार्दिक बधाई देते हुए राजयोग मेडिटेशन की सुंदर अनुभूति करवाई और जीवन में बुराइयों को छोड़ अच्छाई के मार्ग पर चलने का संदेश दिया और कार्यक्रम में पहुंचे सभी महानुभावों का आभार व्यक्त किया।
नन्ही- नन्ही बालिकाओं ने समूह नृत्य द्वारा 12 ज्योतिर्लिंगों की महिमा का उल्लेख किया। कार्यक्रम के समापन पर राज योगिनी ब्रह्माकुमारी सरोज बहन ने सभी महानुभावों को शाल ओढ़ाकर और ईश्वरीय सौगात देकर सम्मानित किया। मंच संचालन करते हुए बी .के मधु बहन ने बताया कि लगभग एक महीने से परमात्मा का यथार्थ परिचय देने के लिए गांव-गांव, गली-गली ईश्वरीय सेवाएं शुरू हो गई थी। जिसमें भारी संख्या में बी के भाई बहनों ने शोभायात्रा निकालकर शिव का संदेश दिया। इस कार्यक्रम में वेद पाठशाला के ब्रह्मचारी, ब्राह्मण सभा कुरुक्षेत्र, मानवतावादी मिशन, मातृभूमि सेवा मिशन, पिपली गुरुद्वारा नीलधारी संप्रदाय से सेवादारी , कार सेवा कुरुक्षेत्र, कुरुक्षेत्र तीर्थो द्वार सभा , गोडिया मठ, वेद विद्यालय एवं छात्रावास के साथ अनेकों मंदिरों से पुजारियों ने भाग लिया तथा भारी संख्या में शहर और ग्रामीण अंचल से जुड़े बहन भाइयों ने शिरकत की ।