कोर्स के अनुरूप प्रायोगिक कार्यों में फोटोग्राफी, फिचर लेखन, वीडियोग्राफी, कार्टून, एनिमेशन, रिपोर्टिंग, संपादकीय लेखन, कविता लेखन, फोटो कैप्शन में की प्रतिभागिता
कुरुक्षेत्र, 22 फरवरी। 
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान के 28 विद्यार्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने 38वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प फरीदाबाद मेले का शैक्षणिक अवलोकन किया। यह जानकारी देते हुए जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में संस्थान के विद्यार्थियों ने कोर्स के अनुरूप प्रायोगिक कार्यों में प्रतिभागिता की। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों ने फोटो निबन्ध के तहत सूरजकुंड मेले में ग्रामीण सभ्यता, लोक परम्परा एवं रीति-रिवाजों को लेकर विभिन्न पहलुओं पर फोटो लेकर उनका विस्तृत विवरण तथा कैप्शन लिखा। इसके साथ ही साक्षात्कार में विद्यार्थियों ने मेले में आने वाले व्यापारी, कलाकारों एवं पर्यटकों का साक्षात्कार लेकर हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, स्टाल, मेले में भीड़, विक्रताओं की जिज्ञासा एवं अनुभव की 30 से 60 सेकेंड की शॉर्ट रील बनाने का काम किया।
निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि इस प्रकार के शैक्षणिक अवलोकन में कोर्स के अनुरूप प्रायोगिक कार्य कर रहे जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी के विद्यार्थियों की प्रतिभा में निखार आएगा तथा वे नवाचार एवं सृजनात्मकता द्वारा अपने भविष्य को सरलता से प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रायोगिक कार्यों में फोटोग्राफी, फिचर लेखन, वीडियोग्राफी, कार्टून, एनिमेशन, रिपोर्टिंग, संपादकीय लेखन, कविता लेखन, फोटो कैप्शन इत्यादि सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के शैक्षणिक और सांस्कृतिक भ्रमणों से विद्यार्थियों की रचनात्मकता को बढ़ावा मिलेगा साथ ही हरियाणवीं संस्कृति की जड़ों से अधिक से अधिक जुड़ने अवसर पर प्राप्त हुआ है। इस एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण में संस्थान के सहायक प्राध्यापक डॉ. अभिनव और सुनिता ने विद्यार्थियों के साथ शैक्षणिक अवलोकन किया।
38वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में विद्यार्थियों ने 100 सौ वर्षा अधिक लालटेन, बैलो जुए, बाल्टी, कढ़ाई, बैलन, दूध दोहने वाली, हरियाणा सबसे बड़ा हुक्का, टोकनी, मटका, खेतों के कार्यों हेतु विभ्न्नि प्रकार की जैलिया, तांबे, पीपल के बर्तन, बैलों के घुंघरू, बैलों की नाथ, हल, दो पहिया लकडी की गाड़ी, खाट, पलंग, मूढें, हरियाणी स्टाइल के सौफा सेंट, पलंग, कुर्सियां, घप्पर, पगड़ी बंधवाओं, फोटो खिंचवाओं में प्रयर्टकों भीड़, अपण घर का आंगण, का अद्वितीय अनुभव का अवलोकन और उसे अपनी फोटोग्राफी, वीडियाग्राफी, रिपोटिंग करने का कार्य किया। गौरतलब है कि हरियाणा सरकार द्वारा 7 फरवरी से 23 फरवरी तक सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले का आयोजन किया है जिसमें देश के समस्त राज्यों और विभिन्न देशों के शिल्पकार अपनी प्रदर्शनी लगाते है जिसे राज्यों और देशों की संस्कृति सभ्यता को आगे बढ़ावा मिलता है।

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