केयू ललित कला विभाग में तीन दिवसीय कला प्रदर्शनी ’निर्वाण’ का भव्य आयोजन
कुरुक्षेत्र, 6 फरवरी 2025।
 कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग में तीन दिवसीय कला प्रदर्शनी ’निर्वाण’ के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के कुलसचिव डॉ. कृष्ण जाटियान ने कहा कि कला मानवीय भावनाओं एवं विचारों की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। उन्होंने कलाकारों के विषयगत प्रयोगों और तकनीकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि “ध्यान की कला गहरी चिंतनशीलता लिए हुए है, जो दर्शकों को आध्यात्मिक अनुभूति कराती है।“ उन्होंने प्रदर्शनी में कलाकार गौरव और सुबल की कृतियों को विशेष रूप से सराहा गया।
विभागाध्यक्ष डॉ. गुरचरण सिंह ने कहा कि कला मानवता की अनुभूति का सुंदर रूप है, जो न केवल हमें सौंदर्य की अनुभूति कराता है, बल्कि हमारे अंदर गहरी सोच और समझ पैदा करता है। उन्होंने कहा कि विभाग में ऐसी प्रतिभाएं हैं जो कला के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य कर रही हैं। यह कला, अपनी विविधता और शक्ति के साथ, हमेशा समाज की सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा रहेगी। इस अवसर पर डॉ. गुरचरण सिंह, डॉ. पवन कुमार डॉ. राकेश बानी डॉ. मोनिका सहित शिक्षाविद, कला प्रेमी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

कला द्वारा ब्रह्मांडीय ऊर्जा और आध्यात्मिकता को किया प्रदर्शित

छात्र सुबल ने अपनी कला द्वारा बताया कि हमारा अस्तित्व ब्रह्मांडीय ऊर्जा का ही एक अंश है, और मेरी कृतियां इसी अनंत यात्रा का प्रतिबिंब हैं। उन्होंने प्रदर्शनी में ध्यान, योग, आध्यात्मिक जागृति, आधुनिक कला, अमूर्त चित्रकला और ब्रह्मांडीय संरचनाओं से प्रेरित चित्रों की अनूठी श्रृंखला प्रस्तुत की गई, जिसे कला प्रेमियों ने खूब सराहा। वहीं छात्र गौरव ने फोटोग्राफी कला के द्वारा विशेष रूप से प्रकृति, पोर्ट्रेट, पुराने दरवाजे, प्रकाश और छाया के खेल को कैप्चर किया है। उनके लिए फोटोग्राफी केवल एक कला नहीं, बल्कि कहानियां बयां करने, क्षणों को संजोने और साधारण दिखने वाली चीजों में अद्भुत सौंदर्य खोजने का माध्यम है। गौरव द्वारा खींची गई प्रत्येक तस्वीरें प्रकृति की शांति, मानवीय भावनाओं की गहराई को उजागर करती है।

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