जीएमएन कॉलेज में 76वें गणतंत्र दिवस का भव्य आयोजन पूरे उत्साह और देशभक्ति की भावना के साथ कॉलेज परिसर में किया गया। इस समारोह की शुरुआत प्राचार्य डॉ. रोहित दत्त द्वारा ध्वजारोहण से हुई। उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराकर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। इस अवसर पर पूरे परिसर में देशभक्ति का माहौल देखने को मिला। ध्वजारोहण के उपरांत एन.सी.सी. कैडेट्स ने एक अनुशासित और प्रभावशाली एन.सी.सी. परेड का प्रदर्शन किया, जिसने सभी उपस्थितों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इसके पश्चात कॉलेज में ‘देशभक्ति की खुशबू’ नामक एक सांगीतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जो आनंद संगीत माला मंच के सहयोग से आयोजित हुआ। इस विशेष कार्यक्रम में श्री कपिल विज मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए  तो वहीं विशिष्ट अतिथि के तौर पर आनंद संगीत माला मंच के संस्थापक चेयरमैन श्री शिव आनंद मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमित और डॉ. मंजीत ने बड़े ही कुशलता और प्रभावी तरीके से किया।
इस अवसर पर कॉलेज के प्रतिष्ठित अतिथि और स्टाफ सदस्यों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। अतिथियों में आनंद संगीत माला क्लब के अध्यक्ष श्री मनोज बंसल, मेजर मुकेश कपिला, श्री एन.आर. गोयल, श्री राजीव गोयल, डॉ राम लखन माली, प्राचार्य जीएमएन कॉलेज नर्सिंग और कॉलेज के एनसीसी के गर्ल्स एवं बॉयज विंग के इंचार्ज डॉ एस.एस नैन,  एवं डॉ तृप्ति शर्मा, शिक्षकगण एवं गैर-शिक्षण स्टाफ शामिल थे।
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. रोहित दत्त ने अपने प्रेरणादायक भाषण से छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने भारतीय संविधान के महत्व पर प्रकाश डाला और इसे विश्व का सबसे बड़ा और विस्तृत संविधान बताते हुए इसके मूल्यों और उद्देश्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संविधान भारत की आत्मा है, जो हमें समानता, स्वतंत्रता, न्याय और धर्मनिरपेक्षता जैसे मौलिक अधिकार प्रदान करता है। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय संविधान का निर्माण डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में हुआ और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया।
डॉ. रोहित दत्त ने छात्रों को संविधान में निहित मौलिक कर्तव्यों की जानकारी दी और बताया कि हमें अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए अपने कर्तव्यों को भी नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे संविधान में निहित मूल्यों का पालन करें और अपने जीवन में ईमानदारी, अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा को आत्मसात करें।
प्राचार्य ने छात्रों को यह भी सलाह दी कि मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से बचें क्योंकि यह उनकी पढ़ाई और करियर के लिए हानिकारक हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाना चाहिए और अपने देश के विकास में योगदान देना चाहिए।
कार्यक्रम के अंत में सभी छात्रों, शिक्षकों और उपस्थित अतिथियों के बीच मिठाइयों का वितरण किया गया। यह आयोजन न केवल देशभक्ति के जज्बे को बढ़ाने का माध्यम बना, बल्कि छात्रों को संविधान और उनके अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने का एक उत्कृष्ट प्रयास भी रहा।
जीएमएन कॉलेज का यह आयोजन शिक्षा और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

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