अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव के दौरान 29 जनवरी को होगा परियोजना का शुभारंभ, 11 हजार एकड़ में कुरुक्षेत्र के पिहोवा व कैथल जिले में फैला है स्योंसर का जंगल, परियोजना से पिहोवा में पहुंचेंगे देश विदेश से पर्यटक
पिहोवा 23 जनवरी। हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने कहा कि पिहोवा के साथ लगते स्योंसर गांव के पास जंगल को जंगल सफारी पर्यटन हब के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की गई है। इस योजना का शुभारंभ अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव के दौरान 29 जनवरी को होना तय हुआ है। इस योजना के पूरा होने के बाद पिहोवा विश्व स्तरीय पर्यटन स्थलों की श्रेणी में शुमार हो सकता है।
बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने वीरवार को स्योंसर जंगल का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि पिहोवा के अंतर्गत आने वाले सरस्वती वन रेंज स्योंसर जंगल को पर्यटक हब के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो 11 हजार एकड़ में फैला हुआ है। इस सरस्वती वन रेंज स्योंसर जंगल को विकसित कर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने योजना तैयार की है। सरस्वती तीर्थ स्योंसर जंगल को राष्ट्रीय स्तर के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की सरकार की योजना है। इस योजना के अंतर्गत जंगल के पास बड़ा जलाशय बनाया जाएगा। इस जलाशय से वन्य प्राणियों को पीने के पानी के साथ-साथ पर्यटकों के देखने योग्य स्थल बन सकेगा। इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार वसंत पंचमी के मौके पर अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में पर्यटकों को स्योंसर जंगलों की सैर करवाना भी शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि सरस्वती वन रेंज स्योंसर का जंगल 11 हजार एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। यह जंगल कुरुक्षेत्र कैथल जिले को भी जोड़ता है।अब सरस्वती हेरिटेज बोर्ड ने वन्य प्राणियों के लिए एक क्षेत्र में जलाशय बनाने का भी फैसला लिया है। इसके अलावा पर्यटकों के लिए भी इस क्षेत्र को विकसित किया जाएगा ताकि पर्यटक प्रकृति की सुंदरता को नजदीक से देख सकें।
उन्होंने कहा कि 29 जनवरी को इसका शुभारंभ किया जा रहा है। इसके अंतर्गत वहां पर देखने के लिए डिमक से बनी बड़ी-बड़ी बांम्बी, प्राचीन काल के प्राचीन वृक्ष, मोर, बंदरों के झुंड, पहाड़ी हिरण, जंगली मोर,जंगली खरगोश, जंगली सूअर, मधुमक्खियां का 2 मीटर से ऊंचा बांम्बी घर, बाबा हजूरी का डेरा, सतोड़ा सरस्वती दर्शन, डेरा बाबा भानपुरा, सरस्वती स्योंसर घूम सकेंगे। इसके साथ जंगल में ही पर्यटकों के लिए खानपान का प्रबंध भी किया गया है।