गांधी मेमोरियल नेशनल कॉलेज, अंबाला छावनी में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स पर आधारित चल रहे पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का आज तीसरा दिन रहा। आज के इस सत्र में सिग्निसेंट एल एल पी से आए रजत ग्रोवर ने रिसोर्स पर्सन के रूप में शिरकत की। सत्र की शुरुआत में कार्यक्रम की कनवीनर डॉ प्रबलीन कौर एवं को- कनवीनर डॉ भारती सुजान ने मुख्य वक्ता रजत ग्रोवर का पौधा भेंट करके स्वागत किया। रजत कुमार ने पेटेंट विषय पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पेटेंट अधिकार आविष्कारों की रक्षा करते हैं। यदि आपके पास पेटेंट है, तो सिद्धांत रूप से दूसरों को आपके आविष्कार को बनाने, उपयोग करने, पुनर्विक्रय करने, किराए पर देने, आपूर्ति करने, आयात करने या स्टॉक करने या किसी और को देने की अनुमति नहीं है। यदि आपका नवोन्मेषी विचार कोई ऐसा उत्पाद या प्रक्रिया है जिसमें नवीनता है, कोई आविष्कारशील कदम है, तथा औद्योगिक अनुप्रयोग में सक्षम है, तो उस आविष्कार को पेटेंट योग्य आविष्कार कहा जाएगा। पेटेंट पाने के बाद, आविष्कारक दूसरों को अपने आविष्कार का इस्तेमाल करने की अनुमति दे सकता है। पेटेंट पाने के बाद, आविष्कारक को उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार मिलता है। मुख्य वक्ता ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी पेटेंट की ड्राफ्टिंग एवं फाइलिंग कैसे की जाती है। पेटेंट को प्राप्त करने के लिए क्या क्या कानूनी आवश्यकताएं हैं इस बारे में भी मुख्य वक्ता ने विस्तार में जानकारी दी। सत्र के अंत में सभागार में उपस्थित विद्यार्थियों एवं स्टाफ के सदस्यों ने मुख्य वक्ता से आज के विषय से संबंधित प्रश्न पूछे एवं उनके उत्तर प्राप्त किए। सत्र की समाप्ति पर डॉ प्रबलीन कौर, डॉ भारती सुजान, प्रो श्याम रहेजा, डॉ मीनू राठी, डॉ शिखा जग्गी द्वारा मुख्य वक्ता को स्मृति चिह्न देकर देकर आभार व्यक्त किया। आज के सत्र के सफल संचालन में प्रो शिवानी निझावन, प्रो कमलप्रीत कौर, डॉ गीता कौशिक एवं प्रो योगिता ने ने अहम भूमिका निभाई। प्रो रीतिका एवं प्रो जसमीता ने मंच का सफल संचालन किया। आज के इस सत्र में शैक्षणिक सदस्यों के साथ साथ एम बी ए एवं एम सी ए के विद्यार्थियों भी लाभान्वित हुए।

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