गीता ज्ञान संस्थानम में आयोजित खिचड़ी उत्सव के दूसरे दिन भजनों पर झूमे श्रद्धालु
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वृंदावन धाम व कुरुक्षेत्र धाम का गहरा रिश्ता है आपस में : गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद
कुरुक्षेत्र, 9 जनवरी। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी के सानिध्य में गीता ज्ञान संस्थानम परिसर में स्थित श्री कृपा बिहारी जी के मंदिर में आयोजित खिचड़ी उत्सव के दूसरे दिन वृंदावन से आई भजन गायिका वृंदारमाया के भजनों का श्रद्धालुओं ने खूब आनंद उठाया। राधा और कृष्ण भाव के भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे और युगल जोड़ी के सामने जमकर नाचे। … हे री सखी मिल मंगल गाओ, लाडले ठाकुर को लाड लड़ाओ, आओ खिचड़ी उत्सव मनाओ। बिहारी तेरे चरणों में बार बार प्रणाम…, जय श्री श्यामा, जय श्री श्यामा, जय जय जय श्री वृंदावन धाम… उपस्थित श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए और खूब आनंद उठाया। वृंदावन की तर्ज पर गीता ज्ञान संस्थानम में पहली बार दो दिवसीय खिचड़ी उत्सव का आयोजन किया गया। इस खिचड़ी उत्सव में कुरुक्षेत्र के अलावा करनाल, अंबाला, पिहोवा तथा अन्य नगरों से आए हुए श्रद्धालुओं ने भाग लिया और खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण किया।
गीता मनीषी ज्ञानानंद जी महाराज ने खिचड़ी उत्सव का महत्व बताते हुए कहा कि कन्हैया ब्रजभूमि से कुरुक्षेत्र आए थे और यहां आकर उन्होंने दुनिया को पवित्र ग्रंथ गीता का ज्ञान दिया। गीता एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जिसमें सभी समस्याओं का समाधान है। गीता पूरी मानव जाति की कल्याण का ग्रंथ है। विश्व की हर समस्या का समाधान गीता में है।
कुरुक्षेत्र की भूमि को यह गौरव प्राप्त है कि भगवान श्री कृष्ण ने अपने श्री मुख से विश्व के कल्याण हेतु अर्जुन को निमित्त बनाकर गीता का ज्ञान दिया। गीता मनीषी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ब्रजभूमि से कुरुक्षेत्र आए थे। इस प्रकार ब्रज भूमि यानि वृंदावन का कुरुक्षेत्र की भूमि से गहरा रिश्ता है। श्री वृंदावन धाम का भाव कुरुक्षेत्र धाम में लाने के लिए ही खिचड़ी उत्सव गीता ज्ञान संस्थानम में आयोजित किया गया है। खिचड़ी उत्सव में ठाकुर जी के संग भगवान के अनेक अवतारों की झांकियां बनाई जाती हैं। श्री कृपा बिहारी मंदिर में भी इसी प्रकार की झांकियां दिखाई गई। गीता मनीषी जी ने बताया कि सनातन परंपरा के अनुसार नवसंवत के दिन गीता ज्ञान संस्थानम में नव वर्ष प्रवेश समारोह आयोजित किया जाएगा ताकि सनातन परंपरा की गूंज विदेश तक पहुंचे। इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, मदन मोहन छाबड़ा, विजय नरूला, जितेंद्र ढींगरा, गुरदयाल सुनहेड़ी, हंसराज सिंगला, मंगतराम जिंदल, राजेंद्र चोपड़ा, पवन भारद्वाज, धीरज बलिया, महेंद्र सिंगला, डॉ. ऋषिपाल मथाना, रविंद्र कुमार, राजीव गाबा, सुनील वत्स सहित अनेक गणमान्य लोगों ने खिचड़ी उत्सव में भाग लिया।