युवाओं को नशे से बचाना जरूरी, नशे जैसी गंभीर समस्या से निजात पाने के लिए समन्वय के साथ करे कार्य : उत्तम सिंह
नशा-मुक्ति कार्यक्रमों व जागरूकता अभियानों में ग्राम पंचायतों का लिया जाए पूर्ण सहयोग : उत्तम सिंह
करनाल, 30 दिसम्बर । उपायुक्त उत्तम सिंह ने कहा कि नशा समाज के लिए एक गंभीर समस्या है। जिला में नशे की प्रवृत्ति को रोकने के लिए स्कूल व कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है इसके साथ-साथ ड्रग केमिस्ट की दुकानों पर भी प्रशासन की पैनी नजर है। इसके अतिरिक्त शिक्षण संस्थाओं के अध्यापक व प्रोफेसर नशे से ग्रसित विद्यार्थियों की पहचान करेंगे और नशा ग्रस्त पाए जाने वाले विद्यार्थियों को परामर्श देना सुनिश्चित करेंगे तथा बच्चों की पहचान गोपनीय रखी जाए।
उपायुक्त उत्तम सिंह शुक्रवार को लघु सचिवालय के सभागार में जिला स्तरीय एनकॉर्ड की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नशा जैसी सामाजिक बुराई से छुटकारा पाने के लिए सभी का समन्वय आवश्यक है। इसलिए सभी विभाग नशे की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाए व जिन युवाओं को नशे की लत लग चुकी है, उन्हें नशा छुड़वाने के लिए जागरूक करें ताकि नशा मुक्त समाज का निर्माण हो सके। उन्होंने स्पष्ट किया किया कि जागरूकता कार्यक्रम के धरातल पर परिणाम नज़र आने चाहिए। उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि शैक्षणिक संस्थानों के नजदीक दुकानों, क्लबों और आहातों में जांच की जाए और नशा पाए जाने पर उनके खिलाफ उचित कार्यवाही की जाए।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नशा-मुक्ति कार्यक्रमों व जागरूकता अभियानों में ग्राम पंचायतों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए और जागरूकता कार्यक्रम निरंतर जारी रखें। बैठक में उपायुक्त ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि धाकड़ कार्यक्रम के तहत जिले में संचालित सभी शैक्षणिक संस्थानों में नशे की रोकथाम के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजन किया जाए और स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के समय समय पर बैग चेक किए जाएं। अगर किसी बच्चे के पास कोई नशीला पदार्थ पाया जाता है तो इसकी सूचना उसके माता-पिता को दें व उस बच्चे को उचित काउंसलिंग दिलवाई जाए। उन्होंने कहा कि स्कूल व कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थी लगातार गैर-हाजिर रहते है तब ऐसे बच्चों पर शिक्षक कड़ी नजर रखें और इसकी सूचना उनके अभिभावकों को भी दें।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में संचालित सभी नशा मुक्ति केंद्रों की नियमित रूप से जांच की जाए और वहां पर ओपीडी रजिस्टर को भी चेक किया जाए तथा केंद्रो में सीसीटीवी कैमरे भी चालू हालात में होने चाहिए। उन्होंने उप-पुलिस अधीक्षक तथा जिला न्यायवादी को निर्देश देते हुए कहा कि एनडीपीएस एक्ट 1985 के तहत दर्ज किए गए केसों तथा जब्त की गई नशे की सामग्री से संबंधी मामलों की पैरवी अच्छे तरीके से की जाए। बैठक में उप- जिला न्यायवादी निखिल कुमार ने बताया कि 13 मामले रजिस्ट्रर हुए थे जिनमें से 10 को सजा हो चुकी है तथा 3 मामलों में बरी हो गए है। उन्होंने कृषि,पंचायत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वें हर गांव में नशे के पौधे को जड़ से नष्ट करवाएं।
उन्होंने औषधि नियंत्रण अधिकारी को निर्देश दिए कि जिले में संचालित सभी केमिस्ट दुकानों का समय समय पर निरीक्षण करें तथा नशा/नशीली दवाई पाए जाने पर उचित कार्यवाही करें। उन्होंने निर्देश दिए कि ड्रग औषधि व पुलिस विभाग को आपस में तालमेल बिठाते हुए जिला की केमिस्ट की दुकानों और नशा खरीदने-बेचने वाले स्थानों का निरीक्षण करें और उसकी रिर्पाेट अगली मीटिंग में प्रस्तुत करें। उन्होंने नेहरू युवा केन्द्र के प्रतिनिधि को निर्देश दिए कि वे ज्यादा से ज्यादा टीम बनाकर और स्वास्थ्य विभाग से उनकी ट्रेनिंग करवाकर जिले में संचालित सभी शैक्षणिक संस्थानों में नशे की रोकथाम के लिए अधिक से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए ताकि बच्चों को नशे के बारे में जागरूक करके नशे से दूर रखा जा सके। उन्होंने जिला सूचना एवं जन संपर्क अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि नशा मुक्ति अभियानों का अधिक से अधिक प्रचार किया जाए तथा शहर में रेड लाईटो के साथ लगी एलईडी स्क्रीन पर वीडियो चलवाए।
बैठक में डीएसपी राजीव कुमार, उप-जिला न्यायवादी निखिल कुमार, सिविल सर्जन डॉ. लोकवीर, उप सिविल सर्जन सिम्मी कपूर, डीडीए डॉ. वजीर सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी सुदेश कुमारी, उच्चतर शिक्षा विभाग से सुभाष शर्मा, जिला समाज कल्याण अधिकारी सुषमा वर्मा, ड्रग नियंत्रक रितू मेहला मौजूद रहे।