कुरुक्षेत्र, 7 दिसम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय तथा कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा आयोजित 3 दिवसीय 9वें अंतर्राष्ट्रीय गीता सेमिनार में 698 शोध पत्रों को 12 तकनीकी सत्रों में प्रस्तुत किया गया। सभी सत्रों के विशेषज्ञों की कमेटियों द्वारा हर सत्र में से एक श्रेष्ठ शोध पत्र  का चयन किया गया जिसमें इंस्टीट्यूट आफ इंटीग्रेटेड और ऑनर स्टडीज  ने काम माइंड एंड प्लेज़ेंट एनवायरनमेंट इन द कॉन्टेक्स्ट ओफ श्रीमद् भगवद् गीता विषय पर 9वें टेक्निकल सेशन का आयोजन किया। इस टेक्निकल सेशन में राज्य के 63 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया जिसमें से आईआईएचएस की अंग्रेजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. जिम्मी शर्मा के शोध पत्र को श्रेष्ठ शोध पत्र घोषित किया गया ।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, 48 कोस तीर्थ मानिटरिंग कमेटी के चैयरमेन मदन मोहन छाबड़ा, कुलसचिव प्रोफेसर संजीव कुमार व सम्मेलन के निदेशक प्रो. तेजेन्द्र शर्मा ने 9वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में डॉ. जिम्मी शर्मा को यह पुरस्कार प्रदान किया।
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डॉ. जिम्मी शर्मा को पिछले वर्ष भी श्रेष्ठ शोध पत्र पुरस्कार मिल चुका है

डॉ जिम्मी शर्मा ने सस्टेनेबल एनवायरमेंट एंड इनर ट्रेंकुलिटी इन द कॉन्टेक्स्ट ऑफ श्रीमद् भगवद् गीता पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। गौरतलब बात है के डॉ. जिम्मी शर्मा को पिछले वर्ष भी अंतर्राष्ट्रीय गीता सम्मेलन 2023 में भी श्रेष्ठ शोध पत्र पुरस्कार मिल चुका है। डॉ. शर्मा लगभग पिछले 16 वर्षों से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में अध्यापन से जुड़कर कार्य कर रहे हैं। अब तक डॉक्टर जिम्मी शर्मा की पांच पुस्तकें व 20 के करीब शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं।  डॉ शर्मा की इस उपलब्धि पर उनके संस्थान की प्रिंसिपल प्रो. रीटा दलाल ने उनको बधाई दी और सभी उनके साथी अध्यापकों ने उनको आगे के लिए शुभकामनाएं दी।

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