कुरुक्षेत्र 5 दिसम्बर। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में ब्रहमसरोवर के घाटों पर विभिन्न प्रदेशों के कलाकार अपनी संस्कृति का परिचय देते हुए प्रस्तुतियां दे रहे हैं। इसी कड़ी में कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग, हरियाणा तथा हरियाणा कला परिषद की ओर से 48 कोस  भूमि में स्थित विभिन्न तीर्थों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। हरियाणा कला परिषद की ओर से अनुबंधित कलाकार हरियाणवी नृत्य, रागनी, भजन इत्यादि की प्रस्तुतियों से सबका मन मोह रहे हैं। यह जानकारी हरियाणा कला परिषद के निदेशक नागेंद्र शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से हरियाणा कला परिषद द्वारा 48 कोस भूमि में स्थित 44 तीर्थों पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां करवाई जा रही हैं। जिसमें प्रदेश के लोक कलाकार दल अपनी कला को प्रदर्शित कर रहे हैं। नागेंद्र शर्मा ने बताया कि पुण्डरी में स्थित पुण्डरिक तीर्थ से कार्यक्रमों की शुरुआत की गई। जिसमें विकास शर्मा और उनके दल ने धार्मिक प्रस्तुतियों के माध्यम से लोगों का मन मोहा। वहीं नाभिकमल मंदिर कुरुक्षेत्र में मनोज जाले तथा स्थानेश्वर मंदिर पर क्यूटी एवं दल ने अपनी प्रस्तुतियों से गीता महोत्सव का महत्व समझाया। कैथल के करोड़ा में स्थित काव्य तीर्थ पर डा. सुधीर शर्मा ने अपने भजनों की प्रस्तुतियों से माहौल को भक्तिमय बनाया। इसके अलावा किरमिच में कुलोतारण तीर्थ पर निखिल व शुक्र तीर्थ सतौड़ा में राजीव कुमार के कलाकारों द्वारा अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए। नागेंद्र शर्मा ने यह भी बताया कि 15 दिसम्बर तक कुरुक्षेत्र तथा कैथल जिला के लगभग 44 तीर्थों पर हरियाणा कला परिषद द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से गीता महोत्सव के महायज्ञ में अपनी आहुति दी जाएगी।

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