अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव अध्यात्म, संस्कृति एवं कला का दिव्य संगम : गजेंद्र फोगाट

करनाल, 5 दिसम्बर ।     हरियाणा कला परिषद, रोहतक मंडल के अतिरिक्त निदेशक व मुख्यमंत्री के ओएसडी गजेंद्र फोगाट ने बताया कि अंतराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अंतर्गत 48 कोस तीर्थ पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।  इसी कड़ी सालवन के दशाशवमेघ तीर्थ, जबाला के जम्बूनद तीर्थ,बॉडश्याम के विष्णुपद तीर्थ,अंजन्थली के अंजनी तीर्थ तथा बड़थल के अक्षयवट तीर्थ पर हरियाणा कला परिषद रोहतक मंडल और कला एवं सांस्कृतिक विभाग हरियाणा के संयुक्त तत्वावधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों में विशेष संदीप एंड पार्टी, नरेंद्र एंड पार्टी, पालेराम एंड पार्टी, रामचंद्र एंड पार्टी, गौरव एंड पार्टी ने धार्मिक प्रस्तुतियां दी, जिसे देख लोग मंत्रमुग्ध हो गए।
उन्होंने बताया कि धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र 48 कोस की परिधि में फैला हुआ है। इस क्षेत्र में 182 महाभारत कालीन तीर्थ हैं। महाभारत युद्ध के दौरान कुरुक्षेत्र में मोह ग्रस्त अर्जुन को भगवान श्रीकृष्ण जी ने पवित्र गीता का उपदेश दिया था, जो संपूर्ण मानव जाति के लिए भी था। उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखने वाले स्थल और श्रीमद्भगवद्गीता की जन्मस्थली धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र की पावन भूमि पर वर्ष 2016 से मनाया जा रहा अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव इस वर्ष भी धूमधाम से मनाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि  हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव को और भी भव्य बनाने के निर्देश दिए हैं । इस 9वें अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में अध्यात्म, संस्कृति एवं कला का दिव्य संगम देखने को मिलेगा। यह आयोजन 15 दिसंबर तक चलेगा। 18 दिनों तक चलने वाले इस अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम 5 दिसंबर से 11 दिसंबर तक चलेंगे, जिसकी शुरुआत 5 दिसंबर को ब्रह्मसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में गीता यज्ञ एवं पूजन के साथ होगी।

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