भगवान श्री राम भक्त वीर हनुमान महाभारत युद्ध में श्री कृष्ण और अर्जुन के रथ पर ध्वजवाहक रहे हैं : ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी
कुरुक्षेत्र, 2 दिसम्बर : देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने कहा कि संत हमेशा समाज के कल्याण एवं सेवा के लिए हर क्षण तैयार रहते हैं। भारतीय संस्कृति के अनुसार धार्मिक आयोजन संतों महापुरुषों के द्वारा ही होते हैं। उन्होंने कहा कि श्री जयराम विद्यापीठ हर धार्मिक एवं सामाजिक कार्य वीर हनुमान की पूजा से ही शुरू होता है। वह हर कार्य सफल होता है जहां भगवान श्री राम के परम भक्त वीर हनुमान विराजमान हों। धर्म की भावना और विश्वास होता है। इस मौके पर जयराम संस्थान की 40 वर्षों से भी अधिक समय से चली आ रही गुरु परम्परा के अनुसार परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने भगवान श्री राम के परम भक्त वीर हनुमान का आहवान कर श्री हनुमत ध्वजारोहण किया और विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना करते हुए गीता जयंती महोत्सव 2024 का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर अनेकों ऋषि कुमार, संत महापुरुष, विद्यापीठ के ट्रस्टी तथा गणमान्य नागरिक भी मौजूद थे। विद्यापीठ में श्री हनुमत पूजन, ध्वजारोहण एवं गीता पाठ के उपरांत परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने चार दशकों से गुरु प्रेरणा एवं परम्परा के अनुसार विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पंचदेव मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का भी पूजन किया। इसी अवसर पर ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कुरुक्षेत्र के लोगों को इलाहबाद में लगने वाले कुम्भ 2025 के लिए भी आमंत्रण दिया। उन्होंने बताया कि कुम्भ 2025 के लिए श्री जयराम संस्थाओं द्वारा विशाल नगर बसाया जा रहा है जिसमें श्रद्धाओं के लिए हर सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। ब्रह्मचारी ने ध्वजारोहण एवं पूजन के उपरांत कहा कि कुरुक्षेत्र तो भगवान श्री कृष्ण के श्री मुख से उत्पन्न पावन गीता की जन्मस्थली एवं कर्म भूमि है। यहां प्रतिदिन गीता उत्सव का आयोजन किया जाना चाहिए। ब्रह्मचारी ने बताया कि इस सृष्टि में कोई भी मंगल एवं महान कार्य वीर हनुमान के बिना सम्पन्न नहीं किया जा सकता है। महाभारत के युद्ध में भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन के रथ का ध्वज भी भगवान श्री राम भक्त वीर हनुमान के हाथ में ही था। रावण पर भगवान श्री राम की विजय में भी वीर हनुमान का श्रेय था। जहां भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान विराजमान हो जाएं तो वह भूमि आस्था, धर्म भावना तथा विश्वास की भूमि होती है। उन्होंने बताया कि वर्षों से विद्यापीठ की परम्परा एवं विश्वास है कि भगवान श्री राम भक्त हनुमान के विद्यामान रहते हुए गीता ज्ञान महायज्ञ के सभी कार्य निर्विघ्न सम्पन्न होते हैं। गीता जयंती महोत्सव के धर्म रथ पर स्वयं वीर हनुमान विराजमान होते हैं। ब्रह्मचारी ने कहा कि वे तो सेवक के रूप में गुरु परम्परा के अनुसार संतों की सेवा कर रहे हैं। गीता जयंती महोत्सव तो पूरे समाज का सांझा अनुष्ठान है। उन्होंने कहा कि यह सेवा संस्कार की भावना गुरुओं की प्रेरणा एवं संत महापुरुषों की सेवा से मिली है। गीता जयंती उत्सव पर एक ही भावना रहती है कि सभी के मन में गीता उतरे। परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी द्वारा गीता जयंती महोत्सव 2024 के लिए ब्रह्मसरोवर के तट पर श्री जयराम विद्यापीठ परिसर में विद्वान-ब्राह्मणों तथा ऋषि कुमारों द्वारा भगवान श्री रामभक्त वीर हनुमान का गुणगान करते हुए श्री हनुमत ध्वजारोहण किया। ब्रह्मचारी ने कहा कि आज अगर समाज के युवा वर्ग गीता के संदेश को अपने जीवन में अपना लें, तो समाज की करीब-करीब सभी बुराइयां अपने-आप ही समाप्त हो जाऐंगी। भगवान श्री कृष्ण ने गीता का संदेश केवल अर्जुन को ही नहीं बल्कि अर्जुन के माध्यम से पूरी सृष्टि के सभी प्राणियों को दिया था। ब्रह्मचारी ने बताया कि 5 दिसम्बर से 11 दिसम्बर तक विद्यापीठ में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे। आज गीता जयंती महोत्सव का आगाज हो गया है। उन्होंने बताया 5 दिसम्बर से 7 दिसम्बर तक विद्यापीठ में राज्य स्तरीय अंतर विद्यालय सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतियोगिताएं नए स्वरूप एवं नए अंदाज से आयोजित होंगी। इन सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतियोगिताओं में विभिन्न जिलों के करीब 4 हजार से अधिक स्कूली विद्यार्थी अपनी प्रतिभा दिखाएंगे। ब्रह्मचारी ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष 5 दिसम्बर से 11 दिसम्बर तक संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन होगा, जिसमें कथा व्यास वृन्दावन मथुरा से विख्यात कथावाचक संजीव कृष्ण ठाकुर होंगे। ब्रह्मचारी ने बताया कि कथा के शुभारंभ से पूर्व कथा स्थल तक भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी। उन्होंने बताया कि 9 दिसम्बर को संत महापुरुषों के आशीर्वाद से गरीब परिवारों की कन्याओं का 33 वां सामूहिक विवाह समारोह होगा। ब्रह्मचारी ने बताया कि 10 दिसम्बर को हर वर्ष की भांति विशाल हास्य कवि सम्मेलन होगा। इस कवि सम्मेलन में देश कई महान एवं विख्यात हास्य कवि अपनी प्रस्तुतियां देंगे। उन्होंने बताया कि 11 दिसम्बर को गीता जयंती उत्सव समापन पर नगर की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के साथ भव्य शोभायात्रा निकलेगी। विद्यापीठ में इस अवसर पर श्री जयराम शिक्षण संस्थान के उपाध्यक्ष एवं सेवानिवृत आयुक्त टी.के. शर्मा, के.के. कौशिक, आचार्य बलराम गौतम, आचार्य सोमनाथ गौतम, टेक सिंह, श्रवण गुप्ता, कुलवंत सैनी, पवन गर्ग, राजेंद्र सिंघल, ईश्वर गुप्ता, सुरेंद्र गुप्ता, खरैती लाल सिंगला, राजेश सिंगला, के सी. रंगा, जयराम संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य रणबीर भारद्वाज, कपिल मित्तल, मुनीश मित्तल, विजय गर्ग, सुनील गर्ग, सुशील कंसल, सतबीर कौशिक, रोहित कौशिक, विनोद कुमार, सुनील गोरी, जयराम महिला मंडल की संतोष यादव, संगीता शर्मा इत्यादि भी मौजूद  इत्यादि मौजूद रहे।

फोटो परिचय : जयराम विद्यापीठ में गीता जयंती महोत्सव के लिए पूजन करते हुए परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी व अन्य। श्री हनुमत ध्वजारोहण करते हुए परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी तथा उपस्थिति।

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