सेमिनार में विशेषज्ञों ने मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने लिए रखें अपने विचार,मधुमक्खी पालन की वर्कशॉप, कोल्ड स्टोर, बी-कॉलोनी का किया अवलोकन, बागवानी विभाग के अधिकारियों से ली मधुमक्खी पालन की फीडबैक
कुरुक्षेत्र 19 नवंबर मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद रामनगर में इंडो इजराइल परियोजना के तहत तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में बागवानी विभाग के विभिन्न राज्यों से आए विशेषज्ञों ने मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए अपने विचार रखे। इस मौके पर इजराइल से बागवानी विभाग के विशेषज्ञ ऊरी रुबिस्टन व डैनियाल अदात ने मुख्य बिन्दुओं पर प्रकाश डालते हुए महत्वपूर्ण जानकारी भी दी। यहां पहुंचने पर एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र के उपनिदेशक डा. सतेंद्र यादव, जिला बागवानी अधिकारी डा. सत्यनारायण ने इजराइल व अन्य राज्यों से आए विशेषज्ञों का यहां पहुंचने पर अभिनंदन भी किया।
इजराइल से बागवानी विभाग के विशेषज्ञ ऊरी रुबिस्टन ने कहा कि कुरुक्षेत्र के रामनगर में देश का एकमात्र एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। इस मधुमक्खी पालन विकास केंद्र से किसानों को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ मधुमक्खी पालन के लिए तमाम संसाधन भी उपलब्ध करवाने का प्रयास विभाग की तरफ से किया जा रहा है। इस मधुमक्खी पालन विकास केंद्र से अधिक से अधिक किसानों को जुडऩा चाहिए ताकि किसान मधुमक्खी पालन के व्यवसाय से जुडकऱ अपनी आय में ओर अधिक इजाफा कर सके। उन्होंने इस मौके पर यह भी कहा कि इस सेमिनार का उद्देश्य मधुमक्खी पालन के साथ शहद के अलावा अन्य फसलों में भी मधुमक्खी की महत्वता बारे किसानों को जानकारी देना है। उन्होंने यह भी कहा कि यह भारत का एकमात्र ऐसा केन्द्र है जो मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए बेहतर कार्य कर रहा है।
उन्होंने इस मौके पर यह भी कहा कि यहां पर किसानों को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ मधुमक्खी बनाने वाले बॉक्स व अन्य उपकरणों को भी हरियाणा सरकार द्वारा अनुदान राशि पर उपलब्ध करवाने का काम किया जा रहा है वह भी काफी सराहनीय है।
इस अवसर पर बागवानी विशेषज्ञ डैनियाल अदात ने भी मधुमक्खी पालन की महत्वता बारे जानकारी देते हुए कहा कि इस सेमिनार में 16 राज्यों के लगभग 47 प्रतिभागियों ने भाग लिया है जोकि मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए यहां पहुंचे है और उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर सभी के साथ चर्चा करते हुए महत्वपूर्ण जानकारी भी दी है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन में मधुमक्खी का अहम योगदान है और उनका मानना है कि यदि मधुमक्खी ना हो तो जीवन जल्द ही समाप्त हो सकता है। उन्होंने कहा कि यहां पर किसानों को समय-समय पर प्रशिक्षण के साथ-साथ अन्य जो महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है उससे नि:सदेह किसानों को काफी लाभ मिलता है। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को अनुदान राशि पर उपकरण उपलब्ध करवाना भी काफी सराहनीय है।
इस दौरान विभिन्न राज्यों से आए बागवानी विशेषज्ञों ने केन्द्र में मधुमक्खी पालकों के रखे गए शहद वाले कोल्ड स्टोर, मधुमक्खी पालन की प्रोसेसिंग यूनिट, वैक्स शीट यूनिट, बॉक्स बनाने वाली यूनिट, बी-कॉलोनी में रानी मक्खी का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर मधुमक्खी पालन केंद्र के उपनिदेशक डा. सतेंद्र यादव व जिला बागवानी अधिकारी डा. सत्यनारायण ने केन्द्र की गतिविधियों एवं यहां पर मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए जो कार्य किए जा रहे है उसकी विस्तृत जानकारी दी। इस मौके पर मिजोरम बागवानी विभाग के निदेशक, गुजरात बागवानी विभाग के संयुक्त निदेशक, प्रोजेक्ट अधिकारी डा.ब्रिजमदेव के साथ-साथ विभिन्न राज्यों से आए बागवानी विभाग के विशेषज्ञ मौजूद रहे।