करनाल, 18 नवंबर।   सिविल सर्जन करनाल ने बताया कि लगातार बढ़ते हुए डेंगू केसों के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग की टीमें वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए प्रतिदिन घर-घर जाकर टंकी, कूलर, गमले, कंटेनर आदि चेक कर रही है। इसके लिए करनाल शहर में 16 टीमें व गांवों में 150 टीमें गठित की गई हैं, जो घर-घर जाकर लोगों को वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम व बचाव के बारे में जानकारी देते हैं तथा डेंगू से बचाव के लिए एंटी लार्वा व सोर्स रिडक्शन गतिविधियां करती हैं। इसके साथ-साथ बुखार के मरीजों की रक्त पट्टिका भी बनाई जाती है। जिन घरों में मच्छर का लारवा पाया जाता है, उन्हें स्वास्थ्य विभाग की टीम नोटिस भी देती है। जिस क्षेत्र में डेंगू के पॉजिटिव केस पाए जाते हैं, वहां पर नगर निगम की टीम के सहयोग से फॉगिंग की जा रही है।

इसी कड़ी में सोमवार को वीबीडी टीमों द्वारा 12 हजार 163 घरों की जांच की गई जिनमें से 65 घर पोजीटिव पाए गए। नगरपालिका के उपनियम अधिनियम 1973 की धारा 214 के तहत 63 घरों को नोटिस जारी किया गया। उन्होंने बताया कि डेंगू के 120 सैंपल टेस्ट किए गए जिनमें से जिले में 7 केस पोजीटिव पाए गए। उन्होंने बताया कि टीमों द्वारा अब तक कुल 13 लाख 11 हजार 114 घरों की जांच की जा चुकी है। इनमें से अब तक 9 हजार 314 घर पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। नगरपालिका के उपनियम अधिनियम 1973 की धारा 214 के तहत अब तक 4 हजार 783 घरों को नोटिस जारी किया जा चुका है। अब तक डेंगू के 12 हजार 747 सैंपल टेस्ट किए गए जिनमें से जिले में 450 केस पॉजिटिव पाए गए।

 बॉक्स: डेंगू की रोकथाम के लिए क्या करें, क्या न करें
सिविल सर्जन ने जनता से अपील करते हुए कहा कि वेक्टर जनित रोगों से बचाव के लिए घरों में हर रविवार को तथा कार्यालय परिसर में शुक्रवार को ड्राइंग डे (सुखाने का दिन) मनाएं और सभी पानी के कंटेनर, कूलर, ओवरहेड और ग्राउंड टैंक, रेफ्रिजरेटर की पिछली ट्रे, फूलों के गमले, पक्षियों के स्नान आदि के बर्तन खाली कर दें व उन्हें उल्टा करके रखें ताकि उनमें पानी जमा न हो पाए व खाली पड़े टायरों में सुराख कर दें। ओवरहेड पानी की टंकी और अन्य घरेलू पानी के कंटेनर को ढकें, कीटनाशक उपचारित मच्छरदानी के नीचे सोए, पूरी बाजू के कपड़े पहने तथा बुखार होने पर डॉक्टर की सलाह लें। उन्होंने कहा कि घरों के अंदर और आसपास के गड्ढों, निचली सतहों आदि में एक सप्ताह से अधिक समय तक पानी जमा न होने दें। यदि किसी कारणवश पानी की निकासी न हो, तो उसमे थोड़ा मिट्टी का तेल, काला तेल, डीजल इत्यादि डाल दें ताकि मच्छर का लारवा पनपने न पाएं। टायर, ट्यूब, प्लास्टिक कंटेनर, पॉलीथीन बैग, डिस्पोजेबल कप, गिलास आदि जैसी बेकार वस्तुओं को खुले में या छत पर न फेंकें। यदि खुले में पड़ी बेकार वस्तुओं को हटाना संभव न हो, तो उन्हें ढक कर रखें ताकि उनमें बारिश का पानी जमा न हो। कूलर में पानी न भरें, यदि वह उपयोग में न हो। एस्प्रिन, ब्रूफेन आदि जैसी दवाएं खुद से न लें। बुखार होने पर केवल पैरासिटामोल का प्रयोग करें तथा तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर खून की जांच करायें।

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